· सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा में उठाया बाढ़ पीड़ित किसानों के मुआवजे का मुद्दा
· दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल के बीच में हरियाणा को छोड़ना सरासर अन्याय – दीपेन्द्र हुड्डा
· हरियाणा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 5.5 लाख किसानों ने नुकसान की भरपाई का आवेदन किया, लेकिन केवल 53,000 किसानों को ही राहत देना सरकार की गलत नीयत को दर्शाता है इसका सड़क तक विरोध करेंगे – दीपेन्द्र हुड्डा
· हरियाणा के किसानों को कम से कम ₹50,000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
चंडीगढ़, 11 दिसंबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज लोकसभा में हरियाणा में व्यापक जलभराव और बाढ़ की वजह से किसानों को हुए भारी नुकसान और उसकी भरपाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली को बाढ़ग्रस्त घोषित किया। इसके कारण इन प्रदेशों में प्रधानमंत्री जी का दौरा हुआ और प्रधानमंत्री जी द्वारा हिमाचल को 1500 करोड़, पंजाब को 1500 करोड़, उत्तराखंड को 1200 करोड़ की राहत देने की घोषणा की गई। बीच में हरियाणा को छोड़ना सरासर अन्याय है हरियाणा के लिए केंद्र सरकार से कोई घोषणा नहीं हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 5.5 लाख किसानों ने नुकसान की भरपाई का आवेदन किया, लेकिन सरकार द्वारा केवल 53,000 किसानों को ही राहत देना उसकी गलत नीयत को दर्शाता है हम इसका सड़क तक विरोध करेंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि बाकी प्रदेशों की तरह हरियाणा को बाढ़ग्रस्त घोषित कर मुआवजा दिया जाए। साथ ही हरियाणा के किसानों को कम से कम ₹50,000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने सवाल किया कि हरियाणा को बाढ़ग्रस्त घोषित क्यों नहीं किया गया। ऐसा नहीं हो सकता कि बादल दिल्ली से पंजाब पहुंच जाएं, बीच में हरियाणा है, जबकि एक तरफ हिमाचल, एक तरफ उत्तराखंड है। ऐसे में हरियाणा को छोड़ना सरासर अन्याय है।






