कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 28 नवम्बर : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में स्थापित हरियाणा पवेलियन में आयोजित मीडिया चौपाल में चिंता जताई कि सदियों पुरानी सपेरा संस्कृति धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। सपेरा समुदाय की परंपराएँ, उनके लोकगीत, नृत्य, वाद्ययंत्र और प्रकृति के साथ उनका अनोखा संबंध आज नई पीढ़ी तक पहुँच ही नहीं पा रहा।
चौपाल में इस संस्कृति को बचाने के लिए सपेरा कला की प्रस्तुतियाँ आयोजित करने और युवाओं को इसके प्रशिक्षण से जोड़ने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए। हरियाणा पवेलियन की यह कोशिश लोक संस्कृति संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज को अपनी जड़ों से जोड़ने का संदेश देती है।








