– गुरिंदरजीत सिंह

हरियाणा में गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की बढ़ती संख्या शिक्षा प्रणाली के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में, विशेष रूप से गुरुग्राम की कॉलोनियों में, कई निजी स्कूल बिना किसी सरकारी मान्यता के संचालित हो रहे हैं।

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को मिल रहा संरक्षण?

गुरिंदरजीत सिंह का कहना है कि पिछले भाजपा शासनकाल में इन गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन स्कूलों को किसी न किसी रूप में संरक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे तेजी से फल-फूल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण भाजपा सरकार की गलत नीतियां और फैसले हैं। सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाने के बजाय, सरकार ने कई सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया, जिससे इन निजी स्कूलों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिला है। सरकारी स्कूलों की कमी के कारण, अभिभावक मजबूर होकर इन गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाते हैं।

अभिभावकों से की जा रही लूट

गुरिंदरजीत सिंह के अनुसार, गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों का संचालन करने वाले प्रबंधक मनमानी फीस वसूलते हैं और अभिभावकों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। ये स्कूल एडमिशन फीस, डेवलपमेंट चार्ज, ट्यूशन फीस, महंगी किताबें, स्टेशनरी, ड्रेस, स्मार्ट क्लास और अन्य सुविधाओं के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं।

बच्चों की सुरक्षा पर खतरा

उन्होंने बताया कि गुरुग्राम और अन्य शहरी इलाकों में कई गैर मान्यता प्राप्त और अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल रिहायशी मकानों में चल रहे हैं, जिनके पास फायर एनओसी और अन्य सुरक्षा प्रमाण पत्र भी नहीं हैं।

ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। इन स्कूलों में 20 से 50 विद्यार्थी होते हैं, जबकि कुछ स्कूलों में यह संख्या 500 से अधिक भी हो सकती है।

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची जारी करने की मांग

गुरिंदरजीत सिंह ने मांग की है कि प्रशासन गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची सार्वजनिक करे ताकि अभिभावक अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में दाखिला देने से बच सकें। साथ ही, उन्होंने प्रशासन से अपील की कि सरकारी स्कूलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाए।

प्रशासन को देनी होगी प्राथमिकता

उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को तत्काल इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। यदि इन बिना मान्यता और बिना NOC वाले स्कूलों को जल्द से जल्द बंद नहीं किया गया, तो वे धारा 75 के तहत बच्चे के अधिकारों के हनन का मामला दर्ज कर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए मजबूर होंगे।

गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी कहा कि वे बहुत जल्द डीसी गुरुग्राम को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग करेंगे।

निष्कर्ष

हरियाणा में गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का बढ़ता प्रभाव शिक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। सरकारी स्कूलों की गिरती संख्या और गलत नीतियों के कारण, अभिभावकों को मजबूरी में ऐसे स्कूलों की ओर रुख करना पड़ रहा है, जहां बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों दांव पर लगे हुए हैं।

सरकार को चाहिए कि वह तुरंत गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची जारी करे, अभिभावकों को जागरूक करे और ऐसे अवैध रूप से संचालित स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करे। केवल इसी तरह शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी, सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सकता है।

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