खेडकी दौला टोल से 2788 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली पर सवाल

गुरुग्राम, 24 मार्च 2025 – स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा सरकार पर टोल प्लाजा के माध्यम से देश और प्रदेश के नागरिकों से अन्यायपूर्ण टैक्स वसूली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिन हाईवे परियोजनाओं की लागत से कहीं अधिक टोल टैक्स पहले ही वसूला जा चुका है, वहां अब भी टोल जारी रखना जनहित के खिलाफ है।
खेडकी दौला टोल प्लाजा: लागत से तीन गुना अधिक वसूली
विद्रोही ने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर हाईवे पर स्थित खेकड़ी दौला टोल प्लाजा को अभी तक बंद नहीं किया गया है, जबकि इसकी लागत से 2788 करोड़ रुपये अधिक वसूले जा चुके हैं।
संख्या में गड़बड़ी पर सवाल:
- निर्माण लागत: ₹6430 करोड़
- अब तक वसूली: ₹9218 करोड़
- अतिरिक्त वसूली: ₹2788 करोड़
इसके बावजूद, यह टोल अभी तक चालू है, जिससे रोजाना हजारों वाहन चालकों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
“टोल जारी रखने का क्या औचित्य?”
विद्रोही ने सवाल उठाया कि जब टोल की लागत पहले ही वसूल हो चुकी है, तो इसे जारी क्यों रखा जा रहा है? उन्होंने आरोप लगाया कि टोल वसूली से होने वाली आय भाजपा-संघ के नेताओं और टोल कंपनियों के बीच बंदरबांट हो रही है।
देशभर में टोल लूट, लेकिन हाईवे बदहाल
विद्रोही ने कहा कि ऐसी ही स्थिति देशभर के कई अन्य टोल प्लाजा की भी है। सरकार वाहनों से टोल टैक्स तो वसूल रही है, लेकिन इन राजमार्गों की सही तरीके से मरम्मत नहीं की जा रही। नतीजा यह है कि हाईवे गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं।
टोल टैक्स दरें बढ़ाने का विरोध
विद्रोही ने चेतावनी दी कि 1 अप्रैल से टोल टैक्स दरें बढ़ाने की योजना आम जनता की जेब पर सीधा हमला है। उन्होंने मोदी सरकार से मांग की कि – टोल टैक्स दरें न बढ़ाई जाएं।
खेडकी दौला टोल प्लाजा को तुरंत हटाया जाए।
लागत से अधिक वसूली हो चुके सभी टोल प्लाजा को बंद किया जाए।
क्या सरकार सुनेगी जनता की आवाज?
देशभर में लगातार बढ़ती टोल टैक्स दरों के खिलाफ विरोध की आवाजें तेज हो रही हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है या फिर जनता को महंगे टोल टैक्स के बोझ तले दबने के लिए मजबूर किया जाएगा।