हालात सुधारने के लिए भ्रष्टाचार पर लगे अंकुश, युवाओं को मिले अधिक रोजगार
चंडीगढ़, 05 मार्च – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा की वित्तीय स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में वित्तीय आपातकाल जैसे हालात बन चुके हैं। कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है और यदि सरकार इसे कम करना चाहती है, तो उसे वित्तीय प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर कठोर अंकुश लगाना होगा। सरकार जितने अधिक रोजगार के अवसर सृजित करेगी, उतना ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वर्तमान में प्रदेश का बजट उसके कर्ज से कम है, जो चिंता का विषय है।
हरियाणा की आर्थिक स्थिति पर गंभीर सवाल
अपने बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणवियों की आय बढ़ाने, अधिक रोजगार देने और नए उद्योग स्थापित करने पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए। एक ओर सरकार दावा कर रही है कि गरीबी कम हो रही है, जबकि सच्चाई यह है कि 70% से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। प्रदेश में हर साल होने वाले कार्यों का 35% कर्ज लेकर पूरा किया जाता है। यदि किसी सरकार को कर्ज लेकर ही काम करने की आदत पड़ जाए, तो विकास कार्यों की गति पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है।
जनता जब किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता सौंपती है, तो वह उम्मीद करती है कि सरकार उसकी मूलभूत आवश्यकताओं का ध्यान रखेगी और हितों की रक्षा करेगी। लेकिन हरियाणा सरकार वित्तीय प्रबंधन और आर्थिक कुशलता में लगातार पिछड़ रही है। हाल ही में जारी आंकड़ों में हरियाणा को 18 राज्यों की सूची में 14वें स्थान पर रखा गया है, जो यह दर्शाता है कि प्रदेश बिहार और उत्तर प्रदेश से भी पीछे हो चुका है।
बजट में सभी वर्गों का हो ध्यान
कुमारी सैलजा ने कहा कि बजट में सभी वर्गों की आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए। सरकार को अपनी घोषणाओं की समय सीमा निर्धारित करनी होगी और सबसे पहले पुरानी घोषणाओं को पूरा करने के लिए बजट में उचित प्रावधान करना होगा। केवल घोषणाएं करने से कुछ नहीं होगा, जब तक कि उन्हें धरातल पर लागू करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
भ्रष्टाचार बना आर्थिक संकट का मुख्य कारण
उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सबसे गहरी चोट भ्रष्टाचार पहुंचा रहा है। हरियाणा की आर्थिक स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि पूरी अर्थव्यवस्था लड़खड़ाती नजर आ रही है। इस स्थिति से उबरने के लिए सरकार को बिना किसी भेदभाव के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। जैसे-जैसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, आर्थिक हालात में भी सुधार होगा।
वित्तीय प्रबंधन और रोजगार पर ध्यान देने की जरूरत
सरकार को आर्थिक प्रबंधन को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि सरकारी धन का उचित उपयोग हो सके। इसके अलावा, प्रदेश सरकार को रोजगार सृजन की दिशा में गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, तो अपराध पर भी अंकुश लगेगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इसके साथ ही, केंद्र सरकार को जीएसटी के माध्यम से राज्यों को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए। यदि केंद्र सरकार राज्यों को पर्याप्त मदद देगी, तो राज्य सरकारों पर कर्ज का बोझ नहीं बढ़ेगा और वे अपने संसाधनों का अधिक प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकेंगी।
हरियाणा की अर्थव्यवस्था को बचाने और वित्तीय संकट से उबारने के लिए भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, आर्थिक प्रबंधन में सुधार और युवाओं को रोजगार देना ही एकमात्र समाधान है।