अदालत ने बिजली चोरी के आरोप पाए गलत ……..

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निगम को दिए आदेश, उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई धनराशि ब्याज सहित की जाए वापिस

गुडग़ांव, 2 मार्च (अशोक): मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करने के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज दीपक यादव की अदालत ने मामले को गलत करार देेते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि जमा कराई गई राशि का 7 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को भुगतान किया जाए।

जिले के गांव फाजिलवास निवासी बिजली उपभोक्ता राकेश के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 की 7 अक्तूबर को बिजली निगम के कर्मचारियों ने राकेेश पर आरोप लगाए थे कि उनका बिजली का मीटर लैबोरेट्री में चैक कराया गया था और उसकी बॉडी टैंपर्ड पाई गई थी, जिससे स्पष्ट होता है कि उपभोक्ता बिजली की चोरी करता आ रहा था और उस पर 97 हजार 737 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था और कहा था कि यदि उसने जुर्माना की राशि जमा नहीं कराई तो उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। उपभोक्ता ने बिजली निगम से गुहार भी लगाई, लेकिन उसकी एक न सुनी। बिजली कनेक्शन कटने के डर से उसने जुर्माना भरकर 19 नवम्बर 2020 को अदालत में केस फाइल कर दिया था।

अधिवक्ता का कहना है कि अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बिजली चोरी के मामले को गलत पाया और बिजली निगम को आदेश दिए कि जुर्माना राशि का भुगतान 7 प्रतिशत ब्याज दर सेे उपभोक्ता को किया जाए। अधिवक्ता का कहना है कि इससे पूर्व भी बिजली निगम द्वारा उपभोक्ताओं पर लगाए गए बिजली चोरी के कई मामले विभिन्न अदालतों द्वारा गलत करार दिए गए हैं। अब उपभोक्ता संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस डालने की तैयारी में जुट गया है। क्योंकि उस पर बिजली निगम ने बिजली चोरी के झूठे आरोप लगाए थे।

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Author: Bharat Sarathi

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