सेक्टर-17 में हुआ वैदिक ज्ञान का अद्भुत महोत्सव: ‘वेद प्रचार एवं वेद ग्रंथ वितरण’ कार्यक्रम बना समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत

गुरुग्राम, 27 दिसंबर। गुरुग्राम के सेक्टर-17 स्थित ब्लिस बैंक्वेट हॉल में ‘वेद प्रचार एवं वेद ग्रंथ वितरण’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ जो भारतीय संस्कृति और सभ्यता को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साबित हुआ। इस आयोजन में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग, महिलाएं, युवा, और प्रमुख संतों ने भाग लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शामिल हुए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री दिनेश चंद्र जी ने की।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश संत स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज जी, आचार्य स्वदेशजी, अमरज्योति जी महाराज पालमपुर वाले, प्रोफेसर सुदर्शन शर्मा जी समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति इस आयोजन में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में निवेदक की भूमिका डॉक्टर दिनेश शास्त्री मने निभाई।

मुख्य वक्ताओं के विचार और उद्बोधन

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वेद भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। इनमें न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक और सामाजिक समस्याओं का भी समाधान छिपा है। हमें इसे जन-जन तक पहुँचाना होगा ताकि युवा पीढ़ी इसका लाभ उठा सके। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के संयोजक नरेंद्र यादव, अध्यक्ष, फेडरेशन ग्रीनवुड सिटी और गुरुग्राम होम डेवलपर्स एसोसिएशन के संरक्षक दिनेश नागपाल को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए साधुवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में जब नैतिक और सांस्कृतिक मूल्य खो रहे हैं, वेदों का ज्ञान मानवता को सही दिशा दे सकता है। यह केवल हमारे अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि आने वाले भविष्य का पथप्रदर्शक है।

संत स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि वेदों का प्रचार-प्रसार करना हमारी जिम्मेदारी है। अगर हम इसे नई पीढ़ी तक नहीं पहुंचाएंगे, तो हमारी सांस्कृतिक धरोहर धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएगी। यह आयोजन एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे हम इसे फिर से जीवंत कर सकते हैं।

संत स्वामी धर्मदेव जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि वेद हमें सिखाते हैं कि कैसे प्रकृति और मानवता के बीच संतुलन बनाए रखा जाए। यह केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक हैं। हमें इन्हें केवल पढ़ना ही नहीं, बल्कि जीवन में अपनाना चाहिए।

संत स्वामी स्वदेश जी महाराज ने कहा कि वेदों में केवल आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है, बल्कि यह मानवता के कल्याण का संपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। यह आयोजन समाज में एक नई चेतना लाने का कार्य करेगा।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र जी ने कहा कि वेदों की शिक्षाएं सभी धर्मों, जातियों और वर्गों के लिए समान रूप से उपयोगी हैं। इसे अपनाकर हम अपने समाज को सशक्त और समृद्ध बना सकते हैं।

फेडरेशन ग्रीनवुड सिटी के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक नरेंद्र यादव ने कहा कि वेदों का ज्ञान हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर है। यह आयोजन हमारी संस्कृति को मजबूत करने और समाज को नई दिशा देने में मददगार साबित होगा।

गुरुग्राम होम डेवलपर्स एसोसिएशन के संरक्षक दिनेश नागपाल ने कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि सामाजिक सुधार और जागरूकता का भी प्रतीक है। हमें इसे पूरे देश में फैलाना चाहिए ताकि हर वर्ग इस ज्ञान से लाभान्वित हो सके।

महिलाओं और युवाओं की भागीदारी

कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। महिलाओं ने पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण में सक्रिय भूमिका निभाई, वहीं युवाओं ने वैदिक ग्रंथों और शिक्षाओं को समझने में गहरी रुचि दिखाई।

समाज के लिए संदेश और भविष्य की योजनाएं

इस आयोजन के माध्यम से वक्ताओं ने संदेश दिया कि वेदों का अध्ययन केवल धार्मिक कार्य नहीं है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा देने का साधन है। कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने इस तरह के कार्यक्रमों को भविष्य में भी आयोजित करने का संकल्प लिया।

संतों, वक्ताओं और समाजसेवियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक प्रेरणादायक और सफल बनाया। यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की समृद्धता और उसके प्रचार-प्रसार का प्रतीक बन गया।

इस मौके पर गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा, गुरुग्राम भाजपा जिला अध्यक्ष कमल यादव, चौधरी जाकिर हुसैन, चौधरी ओम प्रकाश यादव, पीके दत्ता, त्रिलोक शर्मा, पंकज रामपाल, मेहर सिंह, दिनेश ठाकरान, महेंद्र यादव, संदीप चौधरी, कन्हेयालाल आर्य, विनय बवेजा, रामवीर यादव, यादविंदर यादव, देवेंद्र पॉल, संजीव कुमार, केके गांधी, नरेश चावला, धर्मेंद्र बजाज, एस.बी सैनी, सुधीर नागपाल, प्रमोद यादव, अमित राजपाल, अजय अग्रवाल, निर्दोष यादव, राजीव खेड़ा, जतिन अरोड़ा, सिद्धार्थ यादव, दवेंद्र यादव, कार्तिकेय यादव, संयम नागपाल, लक्ष्मण पाहुजा, बीएल वाधवा, आरपी तिवारी, पूरन खन्ना, सुरेंद्र सैनी, सुनील सुखीजा, सुरेश सेठिया, सावित्री देवी, उमा यादव, इंदु नागपाल इत्यादि मौजूद रहे।

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