कहा-भाजपा सरकार में महंगाई, बेरोजगारी, नशा और अपराध हुआ बेलगाम

खाद्य तेल के भावों में एक माह में हुई 08 प्रतिशत की वृद्धि

चंडीगढ़, 15 नवंबर। अखिल भाातीय कांग्रेस कमेटी की महासचिच, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि धर्म की राजनीति में उलझी भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी, नशा और अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं है ये सभी बेलगाम होकर लोगों के सपनों को लील रही है। एक साल में टमाटर के दाम 161 प्रतिशत, आलू के 65, और प्याज के दामों में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एक माह में खाद्य तेलों के दाम आठ प्रतिशत तक बढ़ गए। महंगाई ने रसोई का बजट ही बिगाड़ कर रख दिया है और सरकारें है कि हाथ पर हाथ रखे हुए बैठी हैं।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि खाद्य तेल के भावों में एक माह में 08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुंगफली तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है, सरसों तेल के दाम 2.5 प्रतिशत, वनस्पति तेल के दाम 05 प्रतिशत, सोया तेल के दाम 05 प्रतिशत, सूरजमुखी तेल के दाम में 05 प्रतिशत और पाम ऑयल के दाम में सर्वाधिक 08 प्रतिशत की वृद्धि हुइै है। चाय के दामें भी 03 प्रतिशत बढ़े हैं। एक साल में टमाटर के दाम 161 प्रतिशत, आलू के 65, और प्याज के दामों में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सब्जी आढ़तियों का कहना है कि टमाटर और प्याज आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। सब्जियों के बढ़े हुए दाम ने रसोई का जायका बिगाड़ कर रख दियाा हैं। रसोई पर पड़ रही महंगाई की मार ने आम आदमी का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। बाजार में सब्जी खरीद कर आई महिलाएं सब्जी के बढ़े हुए दामों से परेशान नजर आईं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली अदरक 280 रुपये किलो और हरा धनिया 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। सब्जियों के दाम इतने ज्यादा हैं कि कुछ भी खरीदना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि लहसुन भी अब 100 रुपये पाव बिक रहा है। आलू भी 35-50 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। उन्होंने कहा कि महंगाई ने एक बार फिर से फन फैलाना शुरू कर दिया है। अक्टूबर के महीने में देश की खुदरा महंगाई के आंकड़ें एक बार फिर से बढ़ गए है और 14 महीने के हाई पर पहुंच गए हैं। सितंबर के मुकाबले में खुदरा महंगाई के आंकड़ों में 0.72 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। जिसके बाद देश में रिटेल महंगाई आरबीआई के टॉललेंस लेवल 6 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है। ग्रामीण महंगााई भी बढ़कर 6.68 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 5.87 फीसदी थी, जबकि शहरी महंगाई पिछले महीने के 5.05 प्रतिशत से बढक़र 5.62 फीसदी हो गई। रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया था कि अक्टूबर में भारत की महंगाई दर 6 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएगी, अनुमान है कि यह 5.81 फीसदी होगी. हालांकि, यूबीएस को उम्मीद थी कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 6.15 प्रतिशत तक चढ़ जाएगा, जो आरबीआई की टॉलरेंस लेवल 6 प्रतिशत से अधिक होगा।

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