हरियाणा भाजपा में बड़ा फेरबदल, शिकायत के बाद हटाए गए जिलाध्यक्ष, नई नियुक्तियों में जातिगत समीकरण भी साधा 

हरियाणा नेताओं की दिल्ली परिक्रमा बढ़ी, चुनाव को लेकर मंथन ……….. मंत्रिमंडल की बैठक 5 अगस्त को

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी लगातार एक के बाद एक नए प्रयोग कर रही है। पार्टी ने चुनाव मैदान में जाने से पहले 6 जिला अध्यक्षों को उनके पद से हटा दिया है। इसके साथ ही चार जिलों के प्रभारियों पर भी कार्रवाई करते हुए उन्हें भी पद मुक्त कर दिया गया है। हिसार, जींद, सिरसा ,रेवाड़ी कुरुक्षेत्र और कैथल के जिलाध्यक्ष बदले गए हैं। मोहनलाल बडोली के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जिलाध्यक्ष बदले गए हैं। जिन लोकसभा सीटों पर भाजपा चुनाव हार गई थी उन जिलाध्यक्षों पर गाज गिरी है। उधर हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक 5 अगस्त को होगी। सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में होने वाली इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। बैठक में हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर फैसला हो सकता है।

इससे पहले विधानभा का एक दिन का सत्र 13 मार्च को हुआ था। 12 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नायब सिंह सैनी ने इसी सत्र के दौरान बहुमत साबित किया था। नियमों के तहत छह महीनों के भीतर सत्र बुलाया जाना अनिवार्य है। ऐसे में 12 सितंबर से पहले मानसून सत्र बुलाया जाना है। माना जा रहा है कि अगस्त के आखिरी सप्ताह या सितंबर की शुरुआत में सत्र बुलाया जा सकता है। मानसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार रहेगा।

भाजपा ने हिसार से अशोक सैनी, जींद से तेजेंद्र ढुल ,सिरसा से शीशपाल कंबोज, रेवाड़ी से वंदना पोपली, कुरुक्षेत्र से सुशील राणा और कैथल से मुनीश कठवाड़ को जिलाध्यक्ष बनाया है। चार जिला प्रभारी की भी नियुक्ति की गई है।

महेंद्रगढ़ जिले का शंकर धूपड़ ,जींद जिले का प्रोफेसर मदन गोयल, भिवानी का रामचंद्र जांगड़ा सांसद ,कैथल का अमरपाल राणा को  जिला प्रभारी बनाया गया।

आशा खेदड़,राजू मोर, निताशा सिहाग ,प्रीतम चौहान और रवि बत्तान को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किया गया। विधानसभा चुनाव से पहले महत्वपूर्ण नियुक्तियां की गई है।

रेवाड़ी में प्रीतम चौहान को हटाकर वंदना पोपली को जिलाध्यक्ष बनाया गया है जो संगठन और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दोनों की पसंद है। वह तेज तर्रार महिला मानी जाती है और राव इंद्रजीत सिंह से उनके संबंध मधुर है। 2019 में वह कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई थी। संगठन और सरकार के साथ उनका अच्छा ताल मेल है। प्रीतम चौहान राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी गुट नेता संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव के नजदीकी थे।

जिलाध्यक्ष बदलने के पीछे लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा भीतरघात की शिकायते है। इस प्रकार की शिकायत मनोहर लाल खट्टर नायब सिंह सैनी को दी गई थी। कुछ जिलाध्यक्षों को फंड के दुरुपयोग के कारण भी हटाया गया है। वही कुछ जिलाध्यक्ष को इसलिए भी हटाया गया है कि वह चुनाव लड़ने के इच्छुक है और उनकी मांग थी कि वह पूरे क्षेत्र पर ध्यान नहीं दे सकते। इसलिए वह जिलाध्यक्ष का पद संभालने के बजाय अपने चुनाव पर अधिक फोकस करना चाहते हैं। पार्टी को किसी प्रकार का नुकसान ना हो इसलिए हटाए गए जिलाध्यक्षों को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी गई है। 

सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया

हिसार में आशा खेदड़ की जगह आरएसएस से जुड़े अशोक सैनी को जिलाध्यक्ष बनाया है। अशोक सैनी के पिता सैनीपुरा गांव के सरपंच रह चुके हैं। हिसार में ओबीसी वोटर अच्छी संख्या में हैं। इसके अलावा सैनी वोट बैंक भी शहरी सीटों पर प्रभाव डालते हैं। इसके कारण अशोक सैनी को जिम्मेदारी दी गई है। जींद में जाट चेहरे राजू मोर की जगह जाट चेहरे पर ही दांव लगाया गया है। जींद में तेजेंद्र ढुल को जिम्मेदारी दी गई है। सिरसा में निताशा सिहाग को हटाकर शीशपाल कंबोज को जिम्मेदारी की गई है। सिरसा में कंबोज बिरादरी के अच्छे वोट हैं। रानियां, कालांवाली, डबवाली और सिरसा पर कंबोज बिरादरी का अच्छा प्रभाव है। कुरुक्षेत्र में राजपूत समाज से आने वाले सुशील राणा को जिम्मेदारी दी है। राजपूत समाज के वोट करनाल के साथ-साथ कुरुक्षेत्र में प्रभाव डालते हैं। यहां रवि बतान की जगह सुशील राणा को जिम्मेदारी दी है। इसी तरह रेवाड़ी में सुधा यादव के खास प्रीतम चौहान को हटाकर राव इंद्रजीत की पसंद के चेहरे वंदना पोपली को जिलाध्यक्ष बनाया है। वहीं कैथल में अशोक गुर्जर को हटाकर मुनीश कठवाड़ को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। नई नियुक्तियों में जातिगत समीकरण का भी ध्यान रखा गया है।

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। बीजेपी ने कुछ दिन पहले ही प्रदेशाध्यक्ष पद पर अहम नियुक्ति करते हुए ब्राह्मण समुदाय से आने वाले मोहनलाल बडोली को पार्टी का अध्यक्ष बनाया था और इसके बाद दलित समुदाय से आने वाले कृष्ण बेदी को प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी।

लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद बीजेपी अपनी हार के कारणों पर मंथन करने के साथ ही जरूरी कदम भी उठा रही है। ओबीसी के लिए निर्धारित क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाने के साथ ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचायतों और नगर परिषदों में पिछड़े वर्ग का आरक्षण भी बढ़ाया है और भी कई बड़े ऐलान किये हैं। 

हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की दिल्ली में परिक्रमा भी बढ़ गई है। सीएम नायब सैनी ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री व हरियाणा में विस चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली और प्रदेश के संगठन महामंत्री फणीन्द्र नाथ शर्मा भी मौजूद रहे।

नयी दिल्ली में हुई बैठक में हरियाणा प्रदेश प्रभारी डॉ़ सतीश पूनिया, सह-प्रभारी सुरेंद्र नागर, विधानसभा चुनाव के सह-प्रभारी बिप्लब कुमार देब, पूर्व सांसद संजय भाटिया, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी व संगठन महामंत्री फणीन्द्र नाथ शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे। मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री को चुनावों को लेकर की गई तैयारियों के बारे में बताया। साथ ही, दोनों नेताओं ने फील्ड के लिए तय किए गए कार्यक्रमों की भी रिपोर्ट दी।

मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष ने जिलों में प्रवास का फैसला लिया है। दोनों नेताओं ने अलग-अलग प्रदेश के सभी नब्बे हलकों को कवर करने का फैसला लिया है। मोहनलाल बड़ौली 28 जुलाई से जिलों का दौरा शुरू करेंगे। वहीं 2 अगस्त से सीएम नायब सैनी का जिला प्रवास कार्यक्रम शुरू होगा। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान का भी हरियाणा आने का कार्यक्रम है। वे पहले पार्टी के कोर ग्रुप के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद प्रदेश पदाधिकारियों के साथ भी चुनावी रणनीति को लेकर वे मंथन करेंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तीन दिन दिल्ली प्रवास पर रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने चुनावी तैयारियों के साथ-साथ प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी नब्बे सीटों के लिए सर्वे करवाया जा रहा है।

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