-कमलेश भारतीय

हरियाणा में विधानसभा चुनाव बस आने ही वाले हैं ‌। सभी राजनीतिक दल चुनावी मोड में आ चुके हैं। ‌नेता भी दलबदल का खेल शुरू कर चुके हैं। कोई किसी दल से नाराज, तो कोई किसी दूसरे दल से । पता नहीं कौन कब पाला बदल जाये और सर्कस के खेल की तरह कब, किस दल में छलांग लगा जाये ! सर्कस वाले भी नेताओं की इधर उधर की जम्पिंग के आगे फीके ! सारा सौदा फीका !

इधर एक नयी सुगबुगाहट शुरू हुई है -तीसरे मोर्चे की ! पहले जो तीसरे मोर्चे की तान बड़े चौटाला यानी पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला छेड़ा करते थे, वही पुरानी तान‌ अब उनके सुपुत्र व ऐलनाबाद से इकलौते इनेलो विधायक अभय चौटाला ने भी छेड़ दी है और वह भी बसपा की सुप्रीमो बहन मायावती के साथ मिलकर ! दोनो की फोटो आ रही है और गठबंधन की खबर के साथ तीसरे मोर्चे की बात पर मुहर लगा रहे हैं दोनों ! वैसे फाइनल ऐलान ग्यारह जुलाई को चंडीगढ़ में होगा ! वैसे सन् 1998 में भी चौटाला व मायावती में लोकसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था, जिसमें बसपा एक तो चौटाला की पार्टी चार‌ लोकसभा सीटे़ जीतने में सफल रही थी लेकिन यह सन् 1998 नही और न ही बहन मायावती का वह रुतबा रहा ! एक समय जो प्रधानमंत्री पद की दावेदार थी, वे मायावती पिछले दस सालों में कहीं भी विरोध करती नहीं दिखीं ! यही क्यों, उत्तर प्रदेश में ही इन्हें लोकसभा चुनाव में सफलता नहीं मिली जबकि समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल कर अखिलेश यादव को फिर से आसमान पर बिठा दिया । मज़ेदार बात यह भी आ रही है कि समाजवादी पार्टी हरियाणा में कांग्रेस से गठबंधन में पांच सीटें मांग रही है ! अब देखते हैं कि ऐसा होता है या नहीं? लोकसभा चुनाव में आप से कांग्रेस का गठबंधन था, जिसमें कुरूक्षेत्र सीट देनी पड़ी आप पार्टी को, लेकिन आप प्रत्याशी सुशील गुप्ता हार गये और आप ने समझौता तोड़ने का ऐलान करदिया यह कहते कि कांग्रेस ने‌ सुशील गुप्ता का साथ नहीं दिया ! अब आप पार्टी किससे गठबंधन करेगी ? क्या अभय चौटाला के तीसरे मोर्चे में शामिल होगी ?

वैसे यह भी संयोग ही है कि रक्षाबंधन के आसपास यह गठबंधन होगा और पहले भी अभय चौटाला इस गठबंधन को निभा चुके हैं। वही क्यों, एक बार तो कुलदीप बिश्नोई ने भी बसपा के साथ गठबंधन किया था लेकिन उनका अनुभव‌ भी अच्छा नहीं रहा था और बीच में ही गठबंधन टूटने की खबरें आ गयी थीं !

वैसे अभी तक मुख्य मुकाबला कां व भाजपा के बीच ही होने की चर्चायें‌ हैं ज़ोरों से! सीधा मुकाबला रहने वाला है ! ऐसे घमासान के बीच जजपा कहां और कैसा प्रदर्शन कर पायेगी?
खैर
भैया मोरे, राखी के बंधन को निभाना!!
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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