रविवार को भिवानी पत्रकार वार्ता में कहा था हरियाणा में कांग्रेस का भविष्य नहीं

किरण श्रुति चौधरी कल भाजपा ज्वाइन करेंगी, राज्यसभा की टिकट मिल सकती है

पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा की कतार में

 हुड्डा कांग्रेस की जीत को लेकर आश्वस्त 

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा की राजनीति में तेजी से उत्तर-पुथल देखने को मिल रही है। लगता है भूपेंद्र सिंह हुड्डा का एक और कांटा निकल गया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू और तोशाम से विधायक किरण चौधरी कांग्रेस छोड़ दी है।                                                                             

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के बारे में लिखा की  प्रदेश में कुछ लोग पार्टी को निजी जागीर की तरह चला रहे हैं। इन लोगों ने उन्हें बेइज्जत किया। किरण चौधरी व श्रुति चौधरी ने कहा कि वे कल भाजपा ज्वाॅइन करेंगी।

किरण अपनी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के साथ 19 जून को दिल्ली भाजपा मुख्यालय में सदस्यता ग्रहण करेंगी। सोमवार को दिल्ली में हुई भाजपा की बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है। रविवार को भिवानी में एक पत्रकार वार्ता में किरण चौधरी ने इस आशय के संकेत दे दिए थे।

किरण चौधरी लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने के बाद से ही नाराज दिख रही थी। किरण ने खुलकर मीडिया के सामने कई बार राजनीतिक तौर पर उन्हें खत्म करने की साजिश रचने के आरोप लगाए थे। 

चरखी दादरी में राहुल गांधी की मौजूदगी में उनका दानसिंह के साथ विवाद हुआ था। दोनों एक दूसरे के ऊपर उंगलियां कर रहे थे, जो सुर्खियों में छाया रहा। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राव दान सिंह के साथ-साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चौधरी उदयभान और हरियाणा प्रभारी दीपक बावरिया पर भी आरोप लगाए थे। रविवार को उन्होंने भिवानी में पत्रकार वार्ता में इस प्रकार के संकेत दे दिए थे और कहा था कि हरियाणा में कांग्रेस का भविष्य नहीं है। भाजपा में जाने के सवाल को लेकर उन्होंने कहा था कि प्रभु इच्छा जैसी होगी वैसा करेंगे। किरण चौधरी के लोकसभा चुनाव से पहले भी भाजपा में जाने की चर्चा जोरों पर रही थी।

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को हरियाणा में पांच- पांच सीटे मिली हैं । किरण चौधरी भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लिए टिकट मांग रही थी। उनकी बेटी इस सीट पर एक बार सांसद रह चुकी हैं। लेकिन पार्टी ने इस बार श्रुति की टिकट काटकर पूर्व सीएम हुड्डा के खास महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को दे दी। जिससे किरण नाराज हो गई और चुनाव प्रचार से पूरी तरह दोनों ने दूरी बना ली। हालात यह बने की राव दान सिंह चुनाव हार गए।

श्रुति की टिकट काटे जाने के पीछे पूर्व में राज्यसभा चुनाव में किरण चौधरी ने अपना मत जानबूझकर कांग्रेस प्रत्याशी को हराने के लिए उस पर निशान लगाया ऐसा आरोप है। फलस्वरुप उनका वोट निरस्त हो गया और निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा विजयी हो गए।

टिकट कटने से उनके अलावा कांग्रेस के एक ओर नेता पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के भी पार्टी छोड़ने की चर्चा है हालांकि कुलदीप अभी कांग्रेस में ही है लेकिन सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द वह भी भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं।

करनाल सीट से पूर्व डिप्टी स्पीकर कुलदीप शर्मा भी अपने पुत्र की दावेदारी जता रहे थे। यहां भी उनकी बजाय युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीव्यांशु बुद्धिराजा को भाजपा के हैवीवेट प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने उतार दिया गया। दिव्यांशु बुद्धिराजा और कुलदीप शर्मा दोनों ही पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास हैं। 

बेटे को टिकट नहीं मिलने के कारण कुलदीप शर्मा एक तरह से घर बैठ गए। कुलदीप ने बुद्धिराजा के चुनाव में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसकी वजह से इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बुरी तरह हार गए। सोनीपत की गन्नौर विधानसभा सीट से विधायक कुलदीप शर्मा सभी कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। 5 सीटे जीतने के बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की तैयारी की शुरुआत करनाल से ही की है। 16 जून को करनाल में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में कुलदीप शर्मा नहीं आए। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कुलदीप शर्मा कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं। 

बताया जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस बात की भनक लग गई थी किरण चौधरी और कुलदीप शर्मा कांग्रेस छोड़ सकते हैं। इसलिए वह हरियाणा विधानसभा भंग करवाने के ज्यादा पक्षधर है। क्योंकि अतीत की तरह इस बार भी अगर क्रॉस वोटिंग हो गई तो कांग्रेस प्रत्याशी राज्यसभा के चुनाव में हार सकता है। 

हरियाणा में एक सीट दीपेंद्र सिंह हुड्डा के चुने जाने के बाद खाली हो गई है, जिस पर चुनाव होना है।

हरियाणा में कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है। एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का तो दूसरा गुट कुमारी शैलजा रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी का बना हुआ है। इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव भी अपनी अलग रास्ता चुने हुए। हाल ही में कांग्रेस में दोबारा शामिल हुए चौधरी वीरेंद्र सिंह भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराज बताए जा रहे हैं। किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने से जहां हुड्डा का कांटा निकल जाएगा वहीं एसआरके ग्रुप भी कमजोर हो जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से खटपट के चलते पहले कई कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़ चुके हैं इनमें गांव इंद्रजीत सिंह, कुलदीप बिश्नोई, चौधरी बीरेंद्र सिंह, अशोक तंवर जैसे बड़े नेता भी शामिल है।

चर्चा इस बात की है कि बीजेपी हरियाणा में कांग्रेस के किसी बड़े नेता को पार्टी में शामिल कर राज्यसभा में भेज सकती है। इसमें किरण चौधरी या उनकी बेटी श्रुति चौधरी का नाम टॉप पर है। भाजपा में राज्यसभा की टिकट के लिए कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा सीट के लिए भी दावेदारी जाता रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई हिसार से लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने उनका टिकट काटकर चौधरी रणजीत सिंह चौटाला को चुनाव में लड़ाया।लेकिन चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से चुनाव हार गए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस जीत को लेकर आश्वस्त 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस का मत प्रतिशत बढ़ा है, उसे देखते हुए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इस बार कांग्रेस भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। भूपेंद्र हुड्डा से जब कांग्रेस में जारी गुटबाजी के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि देखिए कोई गुटबाजी नहीं है। सब ठीक है। गुटबाजी बीजेपी में है। बीजेपी के लोग गुटबाजी करते हैं। हमारी पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है, सब एक हैं। आप अमित शाह को देखिए तो आपको पता चल जाएगा बीजेपी में कितनी गुटबाजी है। इसी गुटबाजी की वजह से इन लोगों का कुछ दिनों में बंटाधार हो जाएगा।

इसके अलावा, जब उनसे आम आदमी पार्टी से गठबंधन के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि अब दोनों पार्टियों के बीच कोई गठबंधन नहीं है। यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया था, जिसका राज्य स्तर पर कोई लेना-देना नहीं है।

वहीं हुड्डा ने पिछले दिनों ये भी कहा था कि हरियाणा की बीजेपी सरकार अल्पमत में है।

किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने व भाजपा में जाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा है कि हर आदमी को अपने भविष्य को लेकर स्वतंत्र है। अगर उन्हें भाजपा में अपना भविष्य नजर आता है तो वह जा सकती है।

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