गुडग़ांव, 6 जून (अशोक): मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करने के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज वीरेन कादियान की अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि जमा कराई गई जुर्माना राशि का 12 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को भुगतान किया जाए। राजेंद्रा पार्क क्षेत्र के उपभोक्ता जयभगवान के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार उपभोक्ता के परिसर में लगा बिजली के मीटर को बिजली निगम ने 13 जनवरी 2017 और फिर 4 जुलाई 2017 को बदले थे। बिजली निगम ने अदालत में अपने जबाव में 4 जुलाई 2017 की चैकिंग रिपोर्ट का कोई जिक्र अदालत में नहीं किया। हालांकि 4 जुलाई 2017 को उतारा गया मीटर 0801131 बिल्कुल ठीक पाया गया था। लेकिन बिजली निगम ने इसी मीटर के साथ छेड़छाड़ कर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए उपभोक्ता पर 57 हजार 491 का जुर्माना लगा दिया था और दूसरा मीटर नंबर 183789 को 29 मई 2017 और 28 अगस्त 2017 को बिजली निगम की लैबोरेट्री में चैक कराने पर इसे टैंपर्ड पाया था। लेकिन इस मीटर पर बिजली निगम ने कोई जुर्माना नहीं लगाया। उपभोक्ता ने बिजली निगम को जुर्माना राशि का भुगतान कर 19 अक्तूबर 2017 को बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि दोनों मीटर की चैकिंग उसके सामने नहीं हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमा कराई गई 57 हजार 491 रुपए में से 51 हजार 491 का भुगतान 12 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को करने का आदेश दिया। अधिवक्ता का कहना है कि लेकिन अदालत ने दोनों चैकिंग रिपोर्ट को गलत करार नहीं दिया। हालांकि 4 जुलाई 2017 की चैकिंग के समय उतारा गया मीटर वर्किंग कंडीशन में पाया गया था। अधिवक्ता का कहना है कि चैकिंग रिपोर्ट को गलत करार देने और पूरी धनराशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से करने की अपील उच्च अदालत में की जाएगी। यानि कि निचली अदालत के इस आदेश को उच्च अदालत में चुनौती दी जाएगी, तााकि उपभोक्ता को न्याय मिल सके। Post navigation एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को 10 साल की कैद अदालत ने बिजली निगम की कार्यवाही को पाया गलत