राव इंद्रजीत ने हमेशा क्षेत्र के हकों व हकूक की लड़ाई मजबूती से लड़ी है, गांवों में बोली राव की बेटी आरती राव

कांग्रेस प्रत्याशी अपने क्षेत्र के लोगों का विश्वास तक नहीं जीत पाए, यूपी से कैसे लड़ते चुनाव

रेवाड़ी। 45 डिग्री तापमान में अपने पिता गुरूग्राम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी राव इंद्रजीतसिंह के लिए चुनाव प्रचार में उतरी आरती राव ने आज जहां अपने पिता की ईमानदारी, बेदाग छवि, बेबाकी से अपनी बात रखने आदत को लोगों के बीच रखा, वहीं उनसे सवाल भी किया कि क्या वे मानते हैं कि राव इं्रद्रजीत सिंह ने उनके द्वारा दी गई ताकत का कभी अपने लिए इस्तेमाल नहीं किया। अगर उन्हें लगता है कि राव हमेशा उनके हितों के लिए लड़ते रहे हैं तो 25 मई के दिन कमल के निशान का बटन दबाकर उन्हें तीसरी बार अपना वकील बनाकर देश की महापंचायत में भेजें। ग्रामीणों ने आरती राव का भव्य स्वागत किया तथा उन्हें पगड़ी व गदा भेंट कर इस बार गत चुनाव की अपेक्षा अधिक मतों से विजयी बनाने का भरोसा दिया।

गांव खडग़वास, किशनगढ़़, घासेड़ा सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों में चुनाव प्रचार के दौरान आरती राव ने कहा कि राजनीतिज्ञ वही होता है, जो अपने क्षेत्र तथा वहां के लोगों के हक व हकूक की लड़ाई मजबूती से न केवल लड़े, बल्कि उनके अधिकार भी दिलाएं, फिर चाहे उन्हें अपनी ही सरकार से लड़ाई क्यों नहीं लडऩी पड़ी। राव इंद्रजीत सिंह ने हमेशा ऐसा किया है। अपनी बात को बेबाकी से रखा तथा उसे मनवाया भी। आरती ने कहा कि सभी जानते हैं कि सरकार की इच्छा के बावजूद एम्स बनने में कानूनी व तकनीकी अड़चने आ रही थी, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह ने इस पर संतोष नहीं किया और वे लगातार इसे बनाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अथवा प्रधानमंत्री से मिलते रहे, जिसका परिणाम आज सभी के सामने है। आरती राव ने कहा कि इससे बड़ी खुशी की बात यह भी है कि एम्स के निर्माण की शुरूआत एक पत्थर रखकर स्वंय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इसका मतलब है कि राव तो अपने क्षेत्र का विकास चाहते ही है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य के नक्शे पर दक्षिणी हरियाणा को विशेष जगह देखना पसंद करते हैं। इस क्षेत्र में हुए हाईवे, आआरटीएस, फ्रैट कॉरिडोर इस बात के प्रमाण है। इस तरह के विकास कार्य से यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति में न केवल सुधार आएगा, बल्कि मजबूत भी होगी।

आरती राव ने कहा कि राव इंद्रजीतसिंह एक जाना-पहचाना व परखा हुआ चेहरा है। उनकी काम करने की आदत व लोगों से अपनापन को सभी समझते हैं। एक राजनीतिज्ञ में इस प्रकार की खूबियां होना जरूरी है। कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें चुनाव मैदान में उनकी मर्जी से उतारा है। उन्होंने लोगों को राज बब्बर को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि वह यूपी के आगरा में पैदा हुए। मुंबई में व्यवसाय किया और उत्तर प्रदेश से ही राजनीति शुरू की। उन्होंने 6-7 चुनाव लड़े हैं, लेकिन हर बार अपना क्षेत्र बदल दिया। क्षेत्र बदलना उनकी मजबूरी रही है, क्योंकि वह स्वंय जानते थे कि उन्होंने जिस क्षेत्र से प्रतिनिधित्व किया, उसे कभी अपना नहीं समझा। उस क्षेत्र में गए ही नहीं। राज बब्बर को न तो अपने क्षेत्र के लोगों में विश्वास पैदा कर सके और न ही उनका विश्वास जीत पाए। यही कारण है कि कांग्रेस ने उन्हें इस क्षेत्र पर लाकर थोप दिया, लेकिन इस क्षेत्र की जनता अपने व पराए में अंतर समझती है। यहां की जनता पिछले 45 सालों से राव इंद्रजीतसिंह को अपना प्यार व समर्थन देकर विधानसभा व संसद में भेजती आई है। आरती राव ने उम्मीद जताई कि इस बार भी यहां की जनता बाहरी प्रत्याशी को बाहर का रास्ता दिखाकर राव इंद्रजीत सिंह को संसद में भेजेगी।

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