भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। 26 तारीख को गुरुग्राम के भीम नगर ग्राउंड में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक रैली करने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह रैली लोकसभा उम्मीदवार के प्रचार के लिए है परंतु जनता और भाजपाईयों में भी यह चर्चा है कि ऐसा कुछ है नहीं। अगर ऐसी ही होता तो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीटिंग की थी गुरुकमल में तो उसमें राव इंद्रजीत होते, मुख्यमंत्री ने सोहना में मंत्री संजय सिंह के यहां मुख्यमंत्री नायब सैनी कार्यक्रम किया था, उसमें भी राव इंद्रजीत सिंह की उपस्थिति नहीं थी। इसी प्रकार पटौदी में महाराज धर्मदेव के कार्यक्रम में अनेक नेता और मुख्यमंत्री एकत्रित हुए किंतु राव इंद्रजीत सिंह नजर नहीं आए। तो अनेक सवाल उठते हैं।

इस रैली के संयोजक विधायक सुधीर सिंगला हैं, जो आजकल विधायक जी के अनुसार अत्याधिक बीमार हैं और जनता से बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं। वैसे भी वह जनता के लिए उपलब्ध होते कभी विशेष अवसरों पर ही हैं। हां, जनता जरूर यह सोच रही है कि यदि विधायक जी कार्यक्रम में आ गए तो उनसे यह तो पूछ सकेंगे कि आपने गुरुग्राम की कौन-कौन सी जनसमस्याओं को उठाया और निगम के तथा अन्य भ्रष्टाचारों को देखते हुए आंख क्यों बंद करके रखी? आंख बंद करने के पीछे कारण क्या रहा?

वास्तव में यह कार्यक्रम पंजाबी समाज के लिए आयोजित किया गया है, जिसका प्रमाण मिलता है गत 24 तारीख को बोधराज सीकरी ने समग्र पंजाबी समाज को बुलाकर मीटिंग की है और उसमें मुख्यमंत्री भी कृपा पात्र गार्गी कक्कड़ ने पंजाबी समुदाय से अपील की है कि सभी मिलकर काम करें, भेदभाव को भुला दें।

राजनैतिक जानकारों का कहना है कि मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री पद छोडऩे के बाद पंजाबियों में अलोकप्रिय हो गए हैं, क्योंकि न तो वह सत्ता में रहे, न अनिल विज को रखा, सीमा त्रिखा को अवश्य पंजाबी के नाम पर मंत्री पद दिया है परंतु पंजाबी वर्ग का कहना है कि वह जन्म से तो पंजाबी नहीं है। तो इन परिस्थितियों में यह माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम का असर करनाल तक पहुंचे और करनाल के पंजाबी मनोहर लाल को वोट कर सकें।

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