-कमलेश भारतीय

कभी अमिताभ बच्चन ने गाना गाया था कि हमारे अंगने में तुम्हारा क्या काम है लेकिन अपने सहपाठी राजीव गांधी की मदद के लिए इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव में उतरे और दिग्गज नेता हेमवतीनंदन‌ बहुगुणा को हरा कर संसद में पहुंचे । बस, यह थोड़े दिनों की चांदनी रही और बोफोर्स की खरीद में अमिताभ व अजिताभ का नाम आने पर विचलित होकर संसद से इस्तीफा देकर ऐसे गये, फिर राजनीति के अंगने में नहीं लौटे ।

हां, जया बच्चन जरूर समाजवादी पार्टी से राज्यसभा में लम्बी पारी खेल रही हैं । रेखा और सचिन तेंडुलकर को भी कांग्रेस राज्यसभा में लाई लेकिन सचिन तेंदुलकर ने कांग्रेस के लिए प्रचार तक करने से मना कर दिया । रेखा और सचिन राज्यसभा ऐसे जाते थे जैसे सिर्फ दर्शन‌ देने‌ जा रहे हों‌ । भाजपा ने धर्मेंद्र को बीकानेर से टिकट दिया, जीते लेकिन फिर दिखाई न दिये और‌ आखिर इस्तीफा देना पड़ा । सन्नी द्योल भी गुरदासपुर से सांसद बने लेकिन वे भी फिर नहीं पलटे । ऐसी कितनी लम्बी सूची है -वैजयंती माला से लेकर जो अब कंगना रानौत और अरूण गोविल तक आ पहुंची है । राम इस वर्ष अयोध्या तो आये ही, मेरठ से चुनाव मैदान में भी उतार दिये गये हैं क्योंकि वे छोटे पर्दे के सबसे लोकप्रिय राम जो ठहरे । दिल्ली में पहले मनोज तिवारी, फिर हंसराज हंस संसद में पहुंचे । सपना चौधरी राजनीति में आते आते रह गयीं । कंगना रानौत आ गयीं । वैसे जिन दिनों वे महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के खिलाफ कह रही थीं कि उद्धव आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा, तो यह राजनीति का द्वार ही खटखटा रही थीं और जब कहा कि असली आज़ादी तो सन् 2014 में मिली, सन् 1947 में तो अंग्रेजों ने महात्मा गॉंधी को भीख में आज़ादी दी थी, तब भी कंगना राजनीति के द्वार ही खटखटा रही थीं और आखिरकार द्वार खुल गये, मंडी(हिमाचल) अपने गृह राज्य से टिकट भी मिल‌ गया । अब असली आज़ादी की रक्षा करने की जिम्मेदारी मिल गयी -अब तुम्हारे हवाले यह वतन साथियो !

कुरूक्षेत्र से फिर से चुनाव मैदान में हैं नवीन जिंदल, लेकिन इस बार कांग्रेस की टिकट पर नहीं, भाजपा की टिकट पर ! इनेलो के अभय चौटाला और नवीन जिंदल फिर आमने सामने आ गये हैं और लडा़ई रोचक रहेगी । अभी हिसार में मज़ेदार मुकाबला देखने को मिलेगा -ससुर चौ रणजीत सिंह और बहू सुनयना चौटाला के बीच ! ये चुनाव कुछ भी दिखा सकते हैं, ससुर बहू को भी आमने सामने ला सकते हैं । ‌यह महाभारत है, जहां सामने अपना हो या पराया, युद्ध‌ लड़ना ही पड़ेगा ।

कांग्रेस ने अभी हरियाणा के प्रत्याशी घोषित नहीं किये, मंथन जारी है । अभी देखिये, क्या क्या रंग दिखाते हैं हमें ये चुनाव…
-पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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