तानाशाही पर उतारू भाजपा की केंद्र सरकार …………. एक-एक कर विरोधियों को ईडी से उठवा रही

चंडीगढ़, 23 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा और उसकी केंद्र सरकार लोकतंत्र को कुचलने की हर संभव कोशिश में जुट गई है। विपक्ष का दमन करना ही उसका एकमात्र ध्येय है। तानाशाही पर उतारू हो चुकी केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को किसी न किसी आरोप में जबरन जेलों में ठूंस रही है। अपने विरोधियों के लिए ईडी को हथियार के तौर पर प्रयोग कर उन्हें किसी न किसी केस में उठवा रही है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में लोकसभा आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अपनी संभावित हार को देखते हुए भाजपा ने विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। विपक्ष की ताकत को कम करने के लिए ही ईडी को आगे कर नेताओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पद छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद गिरफ्तार करना इसी ओर इशारा करता है। अब अरविंद केजरीवाल की सीएम रहते हुए गिरफ्तारी अपने आप में बहुत कुछ कह रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस, टीएमसी, आप, एनसीपी समेत कितनी ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ सीबीआई, ईडी व इनकम टैक्स को हथियार के तौर पर प्रयोग करते हुए इन्हें भ्रष्ट व महाभ्रष्ट तक बताया गया, लेकिन जैसे ही ये पार्टी छोड़कर भाजपा में गए, इन्हें क्लीन चिट दे दी गई। भाजपा में जाने के बाद इनके न सिर्फ तमाम केस खत्म कर दिए गए, बल्कि यहां तक भी कोर्ट में लिखकर दिया गया कि इनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत थे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव में संभावित हार को देखते हुए ही एक-एक कर विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है। कांग्रेस को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए ही पार्टी के बैंक खातों को सीज किया गया है। इससे पहले 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी झूठ व जुमलों का सहारा लेकर भाजपा ने सत्ता हासिल की थी। अब लोग इनके झूठ व जुमलों के झांसे में आने वाले नहीं, इसलिए नेताओं व पार्टियों का दमन किया जाने लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 में हर साल दो करोड़ रोजगार, सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये आने, किसानों की आमदनी दोगुनी करने के वायदे के साथ सत्ता हासिल करने वालों ने बाद में इन वादों को खुद ही जुमला कहना शुरू कर दिया। जब लोग इनके जुमलों से वाकिफ हो गए और इन्हें सत्ता से चलता करने का मन बना चुके थे तो फिर नोटबंदी व छद्म राष्ट्रवाद के सहारे ये फिर से देश की सत्ता पर काबिज हो गए। अब इनके छल-कपट से हर कोई वाकिफ हो चुका है, इसलिए विपक्ष को खत्म करने की साजिश शुरू कर दी है।

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