गुडग़ांव, 19 मार्च (अशोक): लोहड़ी के पर्व में अंधाधुंध गोलियां चलाकर युवकों को घायल कर देने के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंघल की अदालत ने दोनों आरोपियों को पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आम्र्स एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 2-2 साल की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 जनवरी 2020 को सैक्टर 40 पुलिस थाना क्षेत्र के एक मकान में गोली चलने की घटना घटित हुई थी, जिनमें 2 युवक गोली लगने से घायल हो गए थे। अजय वत्स ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि वह परिवार के साथ होली का पर्व मना रहे थे जिसमें परिवार व जान-पहचान के युवक शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान ही कुछ युवक कार्यक्रम स्थल पर घुस आए थे। जब उनसे पूछताछ की गई कि वे कौन हैं और उन्हें तो बुलाया भी नहीं गया था तो इस पर उन्होंने अधाधुंध गोलियां चलानी शुरु कर दी थी। जिससे उनका भाई विनय वत्स व अन्य युवक घायल हो गया था। घायलों का निजी अस्पताल में उपचार चला था। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आम्र्स एक्ट व अन्य आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में जयनारायण, अजीत उर्फ मोटा, राहुल, अजीत सहित एक नाबालिक को आरोपी पाया था। पुलिस ने उनके खिलाफ कार्यवाही कर जेल भेज दिया था। मामला अदालत में चला। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपियों जयनारायण, अजीत उर्फ मोटा को आम्र्स एक्ट के तहत दोषी मानते हुए दोनों को 2-2 साल की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अन्य दोनों आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। Post navigation उच्च अदालत ने बिजली निगम की अपील को किया खारिज ……. दस साल पहले के भारत और आज के हिंदुस्तान में दिन-रात का अंतर है : राव नरबीर सिंह