किसानों के दमन वह भाजपा सरकारों द्वारा बरिकेटर लगाने पर प्रदर्शन, पुतला दहन किसान नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा नारनौल। किसान संगठनों द्वारा आज शहर की चितवन वाटिका में प्रदर्शन करने एवं पुतला दहन करने पर पुलिस ने किसान नेताओं को गिरफ्तार किया। एआईकेकेएमएस के जिला प्रधान बलबीर सिंह, जिला सचिव डॉ व्रतपाल सिंह,छाजूराम रावत, सीताराम प्रधान, अभय सिंह, भरपूर सिंह सागरपुर, ईश्वर सिंह, रंग लाल तंवर को महाबीर चौक पुलिस चौकी गिरफ्तार किया। किसान नेताओं की गिरफ्तारी की विभिन्न संगठनों ने निंदा की है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बीजेपी सरकार द्वारा किसानों पर दमनात्मक कार्रवाई, किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने, लोगों की आवाजाही को बाधित कर रास्ता रोकने, इन्टरनेट सेवा को बंद करने जैसी दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ व गारंटीशुदा खरीद के साथ सी2 + 50% के हिसाब से एमएससी लागू करने, जनविरोधी बिजली बिल रद्द करने, कर्ज़ा मुक्ति, लखीमपुर खीरी में किसान नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्रा टेनी केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त कर मुकदमा चलाने, 9 दिसम्बर 2021 को एसकेएम के साथ हुए सरकार के समझौते को लागू करने, किसानों की बर्बाद हुईं फसलों का प्रति एकड़ 50,000 मुआवजा देने, प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना सहित कृषि बाजार से से प्राइवेट कंपनियों को बाहर करने तथा आवश्यक वस्तुओं का सम्पूर्ण व्यापार सरकार अपने हाथ में लेने व खाद-बीज डीजल व कीटनाशक सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने जैसी मांगों को लेकर आज नारनौल में संयुक्त किसान मोर्चा जिला महेन्द्रगढ़ की ओर से पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के सामने से नारों के साथ जुलूस निकालते हुए महावीर चौक पर पंहुचकर कर विरोध प्रदर्शन किया। चितवन वाटिका के सामने केन्द्र सरकार व राज्य सरकार का पुतला दहन किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सरकार नवम्बर 2020 की किसान आन्दोलन को दमनात्मक तरीके से रोकने की कार्रवाई से दो क़दम आगे और भी बर्बरता से किसानों को कुचलने पर आमादा है। सड़कों पर कीलें ठोंक कर, दीवार व भारी भरकम बैरी कैट्स लगाकर आमजन की आवाजाही को रोककर लोगों को बंधक बना दिया है। सरकार किसानों के साथ अलोकतांत्रिक व गैर कानूनी कार्रवाई कर रही है। जिसकी हम आज के प्रदर्शन के माध्यम से कड़ी निन्दा करते हैं। किसान नेता ने कहा कि किसानों की नई कोई मांग नहीं है। बीजेपी द्वारा घोषित वर्ष 2014 की स्वामीनाथन आयोग लागू करने की रिपोर्ट अभी भी कोसों दूर है। सरकार एमएसपी गारंटी कानून बनाने से मुकर गई है, इतना ही नहीं जन विरोधी बिजली बिल-2022 को लागू करने पर आमादा है, जो सरकार व संयुक्त किसान मोर्चा के हुए समझौते की सरासर अवहेलना व सरकार की वादाखिलाफी है। वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना से प्राइवेट कंपनियों को बाहर किया जाए क्योंकि बीमा कंपनियों के किसानों की क़ीमत पर करोडों रूपए की राशि अर्जित करने के बाद भी किसान को फ़सल खराबें का मुआवजा नहीं मिलता। खाद, बीज, कीटनाशक दवाईयां तथा डीजल हर साल मंहगे हो जाते हैं, जिससे खेती में लागत बढ़ जाती है। प्राकृतिक आपदा आने से फसलें बर्बाद हो जाती है। मुआवजा नहीं मिलता तथा फ़सल के टाइम भाव पिट जाते हैं, पूरे दाम नहीं मिलते। इन कारणों से किसान कर्ज के जाल में फंस जाते हैं और देश का सम्मानित किसान आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाते हैं। वक्ताओं ने कहा कि जनता के खून पसीने से खड़े किए गए देश के नवरत्नों सार्वजनिक उपक्रमों को कोडि़यों के दाम कारपोरेट घरानों को नहीं बेचा जा सकता। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा सरकारी विभागों शिक्षा, स्वास्थ्य, रेलवे, बिजली आदि को प्राइवेट कंपनियों के हवाले किया जा रहा है। इस प्रकार निजीकरण की नीतियां देश व जनता के हित में नहीं है। पक्की नौकरियों को खत्म किया जा रहा है। लाखों खाली पड़े पदों के बावजूद नौजवानों को नौकरियां नहीं दी जा रही। रोजगार के अवसरों पर ताले लगे हैं। खेती व आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए वक्ताओं ने मुक्ति का एकमात्र रास्ता आन्दोलन की सम्मानजनक राह पर चलने की अपील की। इस अवसर पर एआईकेकेएमएस के जिला प्रधान बलबीर सिंह, जिला सचिव डॉ व्रतपाल सिंह, अभय सिंह, भरपूर सिंह सागरपुर, सीताराम प्रधान, यादराम कोरियावास, रामअवतार यादव, ईश्वर सिंह तोताहेड़ी, भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के जिला प्रधान रंग लाल तंवर, अनिल कौशिक सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। बता दें कि चितवन वाटिका के सामने पुतला दहन के समय शहर पुलिस चौकी नारनौल द्वारा किसान संगठन एआईकेकेएमएस के जिला प्रधान बलबीर सिंह, जिला सचिव डॉ व्रतपाल सिंह, छाजूराम रावत, सीताराम प्रधान, भरपूर सिंह सागरपुर, अभय सिंह, ईश्वर सिंह, रंग लाल तंवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी की निंदा आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेता ,कार्यकर्ता सयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर महावीर चौक पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, परन्तु नारनौल पुलिस ने विरोध प्रदर्शन करते हुए से पहले ही डॉक्टर व्रतपाल, अभय सिंह, बलबीर सिंह ,सीताराम रंगलाल एवम छाजूराम रावत , ईश्वर सिंह, भरपूर सिंह सागरपुर को हिरासत में ले लिया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कामरेड राजेन्द्र सिंह एवम एसयूसीआई कम्युनिस्ट के जिला सचिव ओमप्रकाश ने इस गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक बताया है। ज्ञापन, धरना प्रदर्शन जैसे लोकतांत्रिक तरीके से आन्दोलन भी सरकार के लिए अपराध हो गया है। किसानों की मांगों को सुनकर हल करने कि बजाय दमन का रास्ता अपना रही हैं, जिसकी जितनी निन्दा की जाए कम है। Post navigation महेंद्रगढ़ जिले के संजय यादव राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित भारतीय इतिहास में कब-कब हुआ किसानों का बड़ा आंदोलन, जिसने हुक्मरानों की चूलें हिलाकर रख दीं