-राज्यसभा पहुँचने वाले जिला के दूसरे नेता बने, राव मानसिंह 2001 में चुने गए थे पहले राज्यसभा सांसद 

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। जिला के गांव नांगल सिरोही निवासी संजय यादव बिहार से राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गये हैं। राज्यसभा सांसद बनने वाले जिला महेंद्रगढ़ के वे दूसरे व्यक्ति हैं। इससे पूर्व नीरपुर निवासी स्व. राव मानसिंह राज्यसभा सांसद रह चुके हैं।

उक्त आशय की जानकारी वरिष्ठ साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्त्ता रघुविन्द्र यादव ने देते हुए बताया कि राजद ने संजय यादव को बिहार से अपनी पार्टी का राज्यसभा प्रत्याशी बनाया था और उन्हें कल निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। 

बता दे कि संजय यादव जिला के गांव नांगल सिरोही निवासी प्रभातीलाल के पुत्र हैं और तेजस्वी यादव से दोस्ती के चलते उनके साथ बिहार चले गए थे। वे 2012 से तेजस्वी यादव और पार्टी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनके समर्पण को देखते हुए लालू यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजने का निर्णय किया।

रघुविन्द्र यादव ने बताया कि संजय यादव कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट और एमबीए हैं। वे राज्यसभा जाने वाले जिला के दूसरे और अहीरवाल के तीसरे नेता बन गए हैं। सबसे पहले नीरपुर निवासी राव मानसिंह हरियाणा से इनेलो की टिकट पर 2001 में चौ. देवीलाल के स्थान पर राज्यसभा सांसद बने थे, उनके बाद रेवाड़ी निवासी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भाजपा के टिकट पर राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने और अब नांगल सिरोही निवासी संजय यादव बिहार से राजद के टिकट पर राज्यसभा पहुँच गए हैं। 

-कौन हैं संजय यादव 

संजय यादव को अहीरवाल में बहुत कम लोग जानते, लेकिन बिहार में उनकी अच्छी पकड़ है। रघुविन्द्र यादव ने बताया कि साधारण किसान परिवार में पैदा हुए संजय यादव गांव नांगल सिरोही निवासी प्रभाती लाल यादव के बेटे हैं। उन्होंने सेकेंडरी स्कूल तक की पढाई गांव के ही सरकारी स्कूल से पूरी की और उसके बाद उन्होंने कंप्यूटर साइंस में एमएससी और एमबीए करके आईटी कंपनी ज्वाइन कर ली थी। दिल्ली में रहते हुए उनकी कॉमन दोस्तों के माध्यम से लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव से दोस्ती हो गई, जो उन दिनों क्रिकेट खेलते थे। वर्ष 2012 में लालू यादव के जेल चले जाने के बाद जब तेजस्वी क्रिकेट और दिल्ली छोड़कर बिहार जाने लगे तो दोस्त की मदद के लिए संजय भी नौकरी छोड़कर उनके साथ पटना चले गए। 

संजय यादव ने न केवल तेजस्वी यादव को भाषण देने की कला में माहिर बनने में मदद की बल्कि पार्टी को नए सिरे से खड़ी करने, युवाओं को जोड़ने और सोशल मीडिया पर मजबूत पकड़ बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। तेजस्वी यादव, प्रो. मनोज झा और संजय यादव ने मिलकर आरजेडी को नया स्वरुप दिया। संजय यादव ने ही 2015 के चुनाव की रणनीति बनाई और पार्टी को सत्ता तक पहुँचाया। तेजस्वी के उप मुख्यमंत्री बनने पर वे सरकार में भी उनके राजनैतिक सलाहकार बने। 

विधानसभा के 2020 में हुए चुनाव में तेजस्वी यादव ने अकेले दम पर चुनाव प्रचार किया और दस लाख नौकरी देने का वादा किया, इसकी रणनीति भी संजय ने ही बनाई थी। जिसके दम पर आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वे हमेशा तेजस्वी यादव के साथ साये की तरह रहते हैं। उनकी संगठन पर भी मजबूत पकड़ है। आरजेडी का सोशल मीडिया बहुत मजबूत है, जिसे खुद संजय यादव देखते हैं और उनकी टीम में मात्र चार-पाँच सदस्य है।

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