भारत के संविधान न्यूनतम 10 लाख की जनसंख्या वाला क्षेत्र ही बन सकता है महानगर —  एडवोकेट 

चंडीगढ़   – गत मंगलवार  30 जनवरी 2024 को हरियाणा मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की संपन्न हुई बैठक में हिसार मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ( एच.एम.डी.ए.) — अर्थात हिसार महानगर विकास प्राधिकरण बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई है. आगामी  20 फरवरी 2024 से आरम्भ होने वाले प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में  इस बाबत  प्रासंगिक बिल (विधेयक) पेश कर सदन द्वारा  पारित किए जाने की सम्भावना है. 

सनद रहे कि प्रदेश  सरकार के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (ग्राम एवं आयोजना विभाग)  के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता के हस्ताक्षर द्वारा गत वर्ष  20 दिसंबर 2023 को जारी एक गजट नोटिफिकेशन मार्फत सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण — एस.एम.डी.ए ) अधिनियम, 2023  के अधिकांश प्रावधान उसी दिन से ही लागू कर दिए गए थे.

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा  हाई कोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक  हेमंत कुमार ने बताया कि गत  वर्ष अगस्त, 2023 में  उपरोक्त सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण कानून, 2023 हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित किया गया था जिसे 20 सितंबर 2023 को  प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय  की स्वीकृति प्राप्त हुई थी जिसके बाद 3 अक्टूबर 2023 को उक्त कानून को प्रदेश के सरकारी गजट में जनसाधारण के लिए अधिसूचित किया गया. उसके करीब  अढ़ाई महीने बाद उक्त  कानून को‌ विधिवत रूप से लागू कर दिया गया.

सनद‌‌‌ रहे कि उससे पूर्व  अगस्त, 2021 में  मौजूदा‌ विधानसभा के तत्कालीन मानसून सत्र में इसी प्रकार से पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (पी.एम.डी.ए.)  कानून, 2021 भी पारित किया गया था जिसके बाद उसे सितम्बर, 2021 में  राज्यपाल  की मंजूरी प्राप्त हुई थी जिसके कुछ समय पश्चात उसे लागू किया गया.

हेमंत ने आगे बताया कि एस.एम.डी.ए. कानून बनने से पहले ही  गत वर्ष 10 अप्रैल 2023 से    प्रदेश सरकार द्वारा  2017 बैच के आईएएस अधिकारी  विश्रम कुमार‌ मीणा, जो वर्तमान में सोनीपत नगर निगम कमिश्नर और जिला‌‌  नगर आयुक्त, सोनीपत हैं, को  एस.एम.डी.ए. के अतिरिक्त सीईओ  के तौर पर  तैनात  कर दिया गया था.   बहरहाल,  अक्तूबर,2023 से 2003 बैच के वरिष्ठ आईएएस संजय जून, जो  मुख्यतः शुगरफेड के एमडी है, को एसएमडीए के सीईओ  का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया.

 हिसार  महानगर विकास प्राधिकरण का स्वरूप‌ बीते कुछ वर्षो  में प्रदेश के 4 अन्य ज़िलों  गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत  के  लिए अलग अलग कानूनों द्वारा   गठित महानगर विकास प्राधिकरणों   की तर्ज पर ही होगा.

बहरहाल, हेमंत ने बताया  कि  हालांकि प्रदेश  सरकार विधानसभा से  कानून बनाकर   राज्य के किसी उपयुक्त क्षेत्र के लिए  महानगर विकास प्राधिकरण गठित करने के लिए कानूनन  सक्षम हैं जैसे 7 वर्ष पूर्व 2017 में गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  (जी.एम.डी.ए. ) कानून, 2017,  फिर  6  वर्ष  पहले  2018 में फरीदाबाद  मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  (एफ.एम.डी.ए. ) कानून भी बनाया गया था.

हालांकि वर्ष 2021 में बनाए  गए पी.एम.डी.ए. ( पंचकूला) कानून, 2021 ‌और फिर वर्ष 2023 में  एस.एम.डी.ए. ( सोनीपत)  कानून, 2023 और अब आगामी विधानसभा सत्र में संभावित एच.एम.डी.ए. विधेयक, 2024 के सम्बन्ध में एक महत्वपूर्ण कानूनी पेच यह है कि  क्या उक्त तीनो   के लिए भी गुरुग्राम और फरीदाबाद की तर्ज पर मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  गठित की जा सकती है क्योंकि वर्तमान में पंचकूला, सोनीपत और हिसार की आबादी/जनसँख्या  10 लाख से कम है.

हेमंत ने  बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 पी में मुनिसिपलिटीज़ (नगर निकाय ) के भाग में महानगर क्षेत्र को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार यह  दस लाख या उससे अधिक जनसँख्या वाला क्षेत्र होगा जिसमें एक या अधिक ज़िले हों जो दो या दो से अधिक  नगर निकाय और  पंचायतों  या अन्य संलग्न क्षेत्रों से मिलकर बनता हो  एवं जिसे राज्यपाल द्वारा  पब्लिक नोटिफिकेशन द्वारा महानगर के रूप में अधिसूचित किया गया हो.  हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 2 (29 ) में भी  महानगर की उपरोक्त परिभाषा है.

 ध्यान देने योग्य है कि  हालांकि आज तक पंचकूला, सोनीपत और हिसार  के लिए मेट्रोपोलिटन प्लानिंग कमेटी का गठन भी  नहीं किया गया जो हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 417 के अनुसार करना कानून आवश्यक है. अब इस सबके दृष्टिगत  क्या पंचकूला. सोनीपत और हिसार  के लिए महानगरीय विकास प्राधिकरण का गठन न्यायसंगत है, यह निश्चित तौर पर जांच करने योग्य विषय है. हेमंत का कानूनी मत है  कि इसी आधार पर अर्थात 10 लाख से कम आबादी/ जनसंख्या होने के कारण पंचकूला, सोनीपत और हिसार  के लिए  महानगर विकास प्राधिकरण के गठन/ स्थापना को‌ अदालत में चुनौती दी जा सकती  है. हालांकि  जहाँ तक गुरुग्राम और फरीदाबाद का विषय है, तो दोनों की ताज़ा आधिकारिक आबादी क्रमशः 10.92 लाख और 18.88 लाख है, जैसी कि गत वर्ष जुलाई, 2023 में दोनों के नगर निगमों की  वार्डों संख्या निर्धारण  अधिसूचित करते समय प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा नोटिफाई की गई थी. 

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