रंगीन लाइटों की चमक से गुरुग्राम की सड़कों के गड्ढे छिपाना चाहते हैं निकाय मंत्री ? माईकल सैनी (आप)

मोदीजी के स्वच्छ भारत अभियान के विफल होने पर क्या जवाब देंगें कमल गुप्ता ?

*सफाई कर्मचारियों की मांगों उनकी परेशानियों बारे क्या निर्णय लिया कमल गुप्ता जी ?

गुरुग्राम 27 जनवरी 2024 उच्च अधिकारियों संग बैठक करके गुरुग्राम शहर की सड़कों की मार्किंग करके चौक-चौराहों पर फव्वारे तथा मॉन्युमेंट(स्टैच्यू) और तिरंगा लाइटें लगाने बारे हरियाणा सरकार में निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने जरूरी दिशानिर्देश जारी किए और कहा कि दो माह उपरांत बताए कार्यो की समीक्षा की जाएगी, जो अच्छी बात हो सकती है मगर यहां आम आदमी पार्टी नेता माईकल सैनी ने कहा कि दिशानिर्देश देने से पूर्व भी तो समीक्षा की जा सकती थी संभवतः गुरुग्राम शहर वासियों को, अधिकारियों को,जनप्रतिनिधियों को नापसंद हो ?

सैनी ने कहा कि गुरुग्राम शहर को नया कलेवर देने वाली योजनाएँ फिलहाल खंडहर इमारत पर पेंट कराने के समान प्रतीत हो रही हैं , शहर के भीतरी ढांचे को मजबूत बनाए बगैर उसे तिरंगा लाइटों से चमका देने से दशा सुधरने वाली नहीं है भले निकाय मंत्री को हिसार जिले में यह लाइटें पसंद आयी होंगीं , सवाल 7000 लाइटों के लगाने का है जिसके लिए बड़े बजट की जरूरत पड़ेगी उसपर तो मंत्री जी ने नहीं बताया कि व्यवस्था कहाँ से और कैसे होगी ?

माईकल सैनी ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की महत्वकांक्षी योजना रही ‘स्वच्छ भारत” जिसे अभियान के रूप में चलाने की शपथ प्रत्येक भाजपाई ली और जिसका प्रचार भी बड़े जोर-शोर से अत्यधिक खर्च करके किया गया तथा उसी के मद्देनजर सो स्मार्टसिटी बनाने की घोषणा हुई जिसमें गुरुग्राम शहर को भी शामिल किया गया परन्तु वह अभियान भी विफल हो गया और दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह हुई कि इसके लिए जिम्मेवार जो अधिकारीगण रहे उन्हीं के साथ बैठक कर मॉन्युमेंट एवं फव्वारों से शहर को सजाने वाली योजना के निर्देश जारी कर दिए गए ?

तथाकथित मिलेनियम सिटी की हालत तो यह बना दी गई के स्वच्छता पैमाने पर लगातार पिछड़ शहर देश में 19वें पायदान से खिसक कर 144वें पायदान पर आ गया , अब सवाल यह उठता है कि सड़कों पर मार्किंग करने से क्या सड़क किनारे पसरी गंदगी खुद ब खुद उठ जाएगी यदि नहीं तो उसके लिए कोई कारगर योजना तैयार क्यों नहीं की गई ?

माईकल सैनी ने कहा कि सफाई कर्मचारी ठेकेदारों और अधिकारियों की पडताड़ना का शिकार हो रहे हैं , गत कई माह से कर्मचारी खट्टर सरकार के समक्ष अपनी मांगों को लेकर धरनारत रहे जिनकी समस्याओं पर अजतल्क कोई संज्ञान नहीं लिया गया, समाधान कोई करता नहीं कारण कोई बताता नहीं कि आखिर कबतल्क पिसते रहेंगें यह कर्मचारी ?

सैनी जानना चाहते हैं कि शहर को जब कचराग्राम होने का तमगा लग रहा था और जब कचरे से त्राहिमाम हो गया था प्रत्येक शहरवासी तब कहाँ चले गए थे निकाय मंत्री कमल गुप्ता जो अब यहाँ रंगीन रोशनियां बिखेरना चाहते हैं , इसे स्मारकों का शहर बनाना चाहते हैं ?

उन्हें यह भी स्पस्ट करना चाहिए कि सात हजार लाइटें लगाने वाला उनका कोई निजी मित्र नहीं और न ही कोई निजिहित है !

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