रामलला के स्वागत में 22 जनवरी को दीपावली की तरह मनाएं : बोधराज सीकरी गुरुग्राम। बोधराज सीकरी मुख्य अतिथि की अगुवाई में दिनांक 20 जनवरी 2024 को स्वामी दयानंद मॉडल पब्लिक स्कूल साउथ एक्सटेंशन पार्ट 1 में वार्षिक उत्सव आयोजित किया गया। स्वामी दयानंद मॉडल पब्लिक स्कूल जो आर्य समाज के तत्वावधान में अत्यंत गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहा है, उसके इस कार्यक्रम में श्री बोधराज सीकरी जाने वाले समाजसेवी और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उनके साथ श्री दिनेश नागपाल मुख्य संरक्षक गुड़गांव होम डेवलपर्स एसोसिएशन, श्री नरेंद्र यादव प्रधान गुरुग्राम होम डेवलपर्स एसोसिएशन, श्री ओमप्रकाश कथूरिया चेयरमैन ओम स्वीट्स भी मंच पर शोभायमान रहे। वहां के स्कूल के बच्चे जो चौथी क्लास के नीचे के हैं ने अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, धार्मिक प्रस्तुति प्रस्तुत करके अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नन्हे-नन्हे बच्चों ने गीतोपदेश संस्कृत भाषा में अत्यंत स्पष्ट उच्चारण के साथ गाकर सबका मन गद्गद कर दिया। इस स्कूल के प्रधान श्री कन्हैयालाल आर्य जो आर्य समाज के स्तंभ हैं और गुड़गांव की सभी आर्य समाज के प्रधान केंद्रीय आर्य सभा से श्री अशोक आर्य और अन्य गुरुग्राम के आर्य समाज के पदाधिकारी उपस्थित रहे। बोधराज सीकरी के बारे में कन्हैयालाल आर्य जी ने जिस प्रकार उनका परिचय दिया। वहां के नन्हे-नन्हे बच्चे काफी प्रभावित हुए कि कैसे एक मजदूर का बेटा, एक रेहडी वाले का बेटा, एक खोचेंवाले का बेटा सफल उद्योगपति बन सकता है। तदोपरान्त बोधराज सीकरी ने जहां स्कूल की मैनेजमेंट की इतना अच्छी प्रतिभा के लिए सराहना की। वहां उन बच्चों को भी आशीर्वाद दिया जिन्होंने इतनी अल्पायु में अपनी प्रतिभा को प्रस्तुत किया। बोधराज सीकरी ने राम मंदिर और पूरे विश्व के अंदर 205 देशों में से 100 में दीपोत्सव मनाने की सूचना दी और सभी से आग्रह किया कि 22 तारीख को उसे एक उत्सव की तरह मनाएं और घर में दीपावली मनाएं ताकि आने वाली पीढ़ी इस ऐतिहासिक पल को याद रखे। बोधराज सीकरी ने अपने अनुभव के आधार पर राम तत्व की भी व्याख्या की और श्री नरेंद्र यादव ने अपने ओजस्वी भाषण से सबको वहां प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के स्कूलों की सेवा हर व्यक्ति का फर्ज है क्योंकि यद्यपि शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार का काम है परंतु इतने बड़े विशाल देश में यह संभव नहीं हो पा रहा है। अतः सभी समाजसेवी संस्थाओं का कर्तव्य बन जाता है कि वे इस प्रकार के आयोजन में अपनी आहुति डालें। अंत में श्री कन्हैयालाल आर्य जी, प्रो.चंद्रा, श्रीमती कपूर, श्रीमती भाटिया ने आए हुए सभी महानुभावों का धन्यवाद किया और आयोजन भोजन प्रसाद के साथ संपन्न हुआ। ओम की ध्वनि के साथ कन्हैयालाल आर्य जी ने सभी का अभिवादन भी किया। Post navigation 500 वर्षों की संघर्षपूर्ण प्रतीक्षा के बाद रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा सनातन के हर्ष का महोत्सव : जीएल शर्मा …………….. मोको कहाँ ढूंढै रे बंदे