फ्रांस से शांति नोबेल पुरस्कार विजेता डा. आर्थर रिडेकर ने महोत्सव में सायंकालीन आरती में की शिरकत। शासनिक अधिकारियों के साथ करवाया यादगारी समूह चित्र। ब्राजील की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रासिलिया और पौलेंड की यूनिवर्सिटी ऑफ वारसा के प्रोफेसर ने भी की महोत्सव में शिरकत। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र 12 दिसंबर : फ्रांस से शांति नोबेल पुरस्कार विजेता डा. आर्थर रिडेकर ने कहा कि उन्हें बहुत देश देखने का मौका मिला लेकिन धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र विश्व में सबसे सुंदर और भव्य दर्शनीय स्थल है। इस स्थल पर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए। यह उपदेश आज भी पूरे विश्व में शांति का मार्ग दिखाते है। इस विश्व में शांति स्थापित करने के लिए प्रत्येक मानव को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए। शांति नोबेल पुरस्कार विजेता डा. आर्थर रिडेकर मंगलवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले शांति नोबेल पुरस्कार विजेता डा. आर्थर रिडेकर, हरियाणा सीसीएस कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर वीके कांबोज, कनाड़ा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के प्रोफेसर देवकी नंदन, पौलेंड से यूनिवर्सिटी ऑफ वारसा के प्रोफेसर टकाओ इशिकावा, ब्राजील से यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रासिलिया के प्रोफेसर फ्रांसिस्को फैगियन, वालमी हेथे फैगियन, मारिया फैगियन, सेसिला फेगियन, उपायुक्त शांतनु शर्मा, केडीबी के सीईओ एवं एडीसी अखिल पिलानी, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डा. विरेंद्र चौहान, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, डीएमसी पंकज सेतिया, कृषि विश्व विद्यालय केमिस्ट्री विभाग के चेयरमैन डा. रजनीकांत शर्मा, केडीबी सदस्य अशोक रोशा, केडीबी सदस्य डा. ऋषिपाल मथाना, केडीबी सदस्य कैप्टन अमरजीत सिंह, पूर्व सदस्य सौरभ चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इसके उपरांत सभी मेहमानों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ यादगारी समुह चित्र भी करवाया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। इस गीता महाआरती से पहले कलाकारों ने भजन संध्या की प्रस्तुती देकर ब्रहमसरोवर की फिजा में भक्तिरस भर दिया। शांति नोबेल पुरस्कार विजेता डा. आर्थर रिडेकर ने कहा कि श्रीमद भगवत गीता के श्लोकों में मनुष्य जीवन की हर समस्या का हल छिपा है। गीता के 18 अध्याय और 700 गीता श्लोक में कर्म, धर्म, कर्मफल, जन्म, मृत्यु, सत्य, असत्य आदि जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर मौजूद है। यह किसी जाति, धर्म विशेष का ग्रंथ नही बल्कि सम्पूर्ण मानवता का ग्रंथ है। यह मनुष्यों को कर्म का संदेश देता है। मनुष्य जीवन की चिंताओं, समस्याओं, अनेक तरह के तनावों से घिरा हुआ है, कई बार वह भटक जाता है, ऐसे में गीता मानव को क्रियाशीलता का संदेश देती है और जीवन जीने की कला सिखाती है। सीईओ केडीबी अखिल पिलानी ने कहा कि केडीबी के सदस्यों व अधिकारियों के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का बेहतरीन तरीके से आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2015 में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल महोत्सव में शिरकत करने आए तब इस महोत्सव का स्वरुप काफी छोटा था, उस समय सभी ने गीता जयंती के आयोजन को बड़े स्तर पर करने का प्रस्ताव रखा और मुख्यमंत्री ने इस उत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की घोषणा की थी, तब से लेकर आज तक इस महोत्सव का आयोजन अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर किया जा रहा है। वर्तमान में पूरे विश्व में कार्यक्रम हो रहे है। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। गीता निकेतन स्कूल के पूर्व छात्र के हाथों में रहा संचालन।अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में सायंकालीन भजन संध्या से लेकर आरती स्थल पर मंच संचालन का सारा कार्यक्रम गीता निकेतन स्कूल के पूर्व छात्र- छात्राओं के हाथों में रहा। केडीबी के सदस्य एवं गीता स्कूल के पूर्व छात्र अशोक रोशा ने कहा कि मंगलवार को भजन संध्या की गायिका, वाद्य यंत्र बजाने वाले सभी कलाकार और मंच का संचालन करने वाले शिक्षक अशोक शर्मा सहित विभिन्न शिक्षक भी गीता निकेतन स्कूल के पूर्व छात्र रहें है। यह एक संजोग रहा कि सभी इस स्कूल के पूर्व छात्र थे। Post navigation अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में पर्यटक खरीद सकेंगे मुख्यमंत्री के उपहारों को लुप्त हो रही संस्कृति को संरक्षित कर रहा है अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव