गोगामेड़ी राजपूत नेता हत्याकांड: तीन आरोपी चंडीगढ़ में गिरफ्तार, अब तक चार आरोपी पकड़े गए

शूटरों का नेपाल भागने का था फुलप्रूफ प्लान, 1 गलती पड़ी भारी

भारत सारथी/ कौशिक

चण्डीगढ़। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने राजस्थान पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान के तहत ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में संलिप्तता के आरोप में चंडीगढ़ से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। शनिवार रविवार की दरमियानी रात पुलिस ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। यह चंडीगढ़ सेक्टर 22ए में शराब के ठेके के ऊपर बने कमरे में छिपे थे। गिरफ्तार किए गए दो आरोपी रोहित राठौर और नितिन फौजी हत्या के मुख्य गुनहगार हैं। तीसरे आरोपी के बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है।

अधिकारियों ने बताया कि इन तीन आरोपियों में से दो वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाई थीं। गोगामेड़ी की पांच दिसंबर को जयपुर में उनके आवास के बैठक कक्ष में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना की एक सीसीटीवी फुटेज में हमलावर गोगामेड़ी पर कथित तौर पर गोलियां चलाते दिख रहे थे।

पुलिस ने गोली चलाने वाले दोनों आरोपियों की पहचान जयपुर के रोहित राठौर और हरियाणा के महेंद्रगढ़ के नितिन फौजी के रूप में की थी। उनकी गिरफ्तारी में मददगार सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की थी।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि अपराध शाखा की एक टीम ने राजस्थान पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर दोनों को चंडीगढ़ के सेक्टर 22ए से पकड़ लिया। आरोपियों के साथ उनका एक और सहयोगी उधम सिंह भी था। अधिकारियों के अनुसार, जब पुलिस होटल पहुंची तो वारदात में शामिल दोनों आरोपी रोहित और नितिन के साथ उधम भी मौजूद था। दोनों शूटर्स के पास हथियार भी मिले हैं और वह नेपाल भागने की फिराक में थे।

वारदात को अंजाम देने के बाद रोहित राठौर और नितिन फौजी पुलिस को चकमा देने के लिए अपना लगातार लोकेशन बदलते रहे। दोनों बदमाश हत्या करने के बाद रामवीर के साथ बंगरू टोल तक पहुंचे। जहां से नितिन फौजी और रोहित राठौर बस से डीडवाना पहुंचे। डीडवाना से दोनों ने टैक्सी ली और सुजानगढ़ पहुंचे। सुजानगढ़ से दिल्ली की बस में बैठकर रवाना हुए। लेकिन दोनों धारूहेड़ा पर ही बस में उतर गए। पीछे-पीछे चल रही पुलिस ने जब बस ड्राइवर को इन दोनों के बारे में पूछा तो बताया कि दोनों धारूहेड़ा उतरे हैं । जिसके बाद पुलिस ने हरियाणा जाने वाली सभी बस ट्रेनों को सर्च किया।

अधिकारियों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में नितिन फौजी और रोहित राठौर 6 दिसंबर को हरियाणा के रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पर सुबह के तकरीबन 4:17 के आसपास दिखाई दिए थे और वहां से उन्होंने हिसार के लिए ट्रेन पकड़ी थी। जिसके बाद हिसार में उधम उनको मिल गया था और वहां से वह उद्यम के साथ हो लिए थे।

पुलिस को दोनों बदमाश की लोकेशन हिसार रेलवे स्टेशन पर मिली। वहां के सीसीटीवी फुटेज आने पर दोनों की तलाश में टीम में हिसार भेजी गई। लेकिन बदमाश वहां से भी हिमाचल प्रदेश के मंडी के लिए निकल गए । मंडी में इनकी लोकेशन मिलने पर टीमें रवाना हुई। वह वहां से नितिन फौजी के गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के पास चंडीगढ़ पहुंच गए। दिल्ली पुलिस को शनिवार दोपहर 2 बजे इनके चंडीगढ़ में होने की पुख्ता जानकारी मिली। दिल्ली पुलिस के एडीजीपी क्राइम रविंद्र सिंह ने राजस्थान पुलिस से संपर्क किया। जयपुर पुलिस कमिश्नर बी जोसेफ और एडीजी क्राइम ने अपनी टीम के आफीसर और पुलिस कर्मियों को इस ऑपरेशन में भेजा। पुलिस को डर था कि दोनों बदमाश के पास हथियार हो सकते हैं, अगर पुलिस ने दोपहर या शाम को रेड की तो दोनों बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर सकते है जिसमें कई लोगों की जान जा सकती है। इसलिए पुलिस ने आधी रात का इंतजार किया। जिससे किसी को नुकसान ना हो और शूटर जब तक कुछ करने का प्लान बनाए उससे पहले पुलिस उन्हें पकड़ ले। पुलिस ने देर रात दबिश देकर दोनों शूटर को अरेस्ट कर लिया। नितिन फौजी और रोहित राठौर के पास से पुलिस को कुछ हथियार भी मिले।

हालांकि, दोनों बदमाशों से एक गलती हो गई। इन बदमाशों ने अपना मोबाइल ऑन रखा। पुलिस इनके मोबाइल लोकेशन के सहारे ही चंडीगढ़ पहुंची और दोनों को अरेस्ट किया। चंडीगढ़ पहुंचने के बाद आरोपियों ने परिचित को घटना की जानकारी दी थी, उसे आश्वासन दिया था कि जैसे ही पुलिस का पहरा कम होगा वह यहां से निकल जाएंगे। दोनों का देश छोड़कर नेपाल भागने का प्लान था लेकिन उससे पहले ही वह धरे गए। तीनों आरोपियों को दिल्ली क्राइम ब्रांच के ऑफिस लाया गया है, जहां से इन्हें जयपुर ले जाया जाएगा। इससे पहले शनिवार को जयपुर पुलिस ने शूटर की मदद करने वाले रामवीर जाट को गिरफ्तार किया था । यह शूटर नितिन फौजी का दोस्त है और हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ का ही रहने वाला है। रामवीर जाट से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने भी नितिन फौजी के कई ठिकानों के बारे में बताया था। उन पर काम करने से पहले ही दिल्ली पुलिस को जानकारी मिल गई थी।

शनिवार रात गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी में से एक रोहित राठौर (रोहित गोदारा) गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा है। उसने गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेवारी ली थी। पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। गोदारा 2022 में फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर देश से बाहर भाग गया था। गोदारा विदेश जाने से पहले बीकानेर के लूणकरणसर में कपूरियासर में रहता था। चूरू के सरदार शहर में 2019 में भीमराज चारण की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था। गैंगस्टर राजू ठेहट के मर्डर की भी गोदारा ने जिम्मेवारी ली थी।

पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, आगे की पूछताछ के लिए आरोपियों को जयपुर पुलिस को सौंप दिया जाएगा। दोनों बदमाशों को आज जयपुर पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड लेगी। दोनों बदमाशों से पुलिस के कुछ सवाल है जो अब जयपुर कमिश्नरेट और एसआईटी की टीम उनसे पूछताछ करेगी।आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने 11 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।

गोगामेड़ी की हत्या के लिए हमलावरों को सुपारी देने के आरोप में शनिवार को जयपुर में एक ओर व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, गोगामेड़ी हत्याकांड के साजिशकर्ताओं में से एक रामवीर जाट ने हत्या से पहले जयपुर में अपने दोस्त फौजी की मदद के वास्ते इस साजिश को अंजाम देने के लिए तैयारियां की थी।

तीन बदमाशों ने वारदात को तब अंजाम दिया, जब सुखदेव घर पर मौजूद थे। बदमाश अचानक आए और ताबड़तोड़ सुखदेव को निशाना बनाते हुए उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। इन बदमाशों में एक का नाम नवीन शेखावत है। इसके बारे में कहा जा रहा है कि क्रॉस फायरिंग में उसे भी गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। यह पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। सुखदेव सिंह श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष थे। वह पहले 2006 से लोकेंद्र सिंह कालवी की करणी सेना से जुड़े हुए थे, लेकिन 2012 में मतभेद होने से लोकेंद्र कालवी ने श्री राजपूत करणी सेवा संगठन बनाया। कालवी और गोगामेड़ी में विवाद हो गया था। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के नाम से अपना अलग संगठन बना लिया था। श्री राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना है, वही सुखदेव सिंह राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा नाम का संगठन संभाल रहे थे।

याद रहे बदमाश एक राजस्थान नंबर की गाड़ी से वारदात करने पहुंचे थे। गोगामेड़ी के घर के बाहर खड़ी बदमाशों की स्कॉर्पियो में पुलिस को एक बैग शराब की बोतल और खाली गिलास मिले थे। नवीन के 30 नवंबर को मालवीय नगर में रेंट पर गाड़ी देने वाले इमरान से 5000 में किराए पर स्कॉर्पियो ली थी। 5 दिसंबर दोपहर 12:30 बजे तक नवीन यह स्कॉर्पियो लेकर अकेला घूमता नजर आया था। वैशाली नगर स्थित नर्सरी सर्किल के पास में 2 मिनट के लिए स्कॉर्पियो बंद हुई थी। इसके बाद दोबारा वहां से रवाना होकर सुखदेव सिंह गोगामेडी के घर बाहर रुकी थी।

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