ग़ैरकानूनी कारबंदी के ख़िलाफ़ एक और याचिका दर्ज। श्री अनिल कुमार यादव की कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार के साथ साथ दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ भी समन जारी।

माननीय गुड़गांव न्यायालय में याचिका संख्या CS/3404/2023 दिनांक 09.11.2023 को दर्ज।  अगली पेशी 14.12.2023 निर्धारित।

75 साल के ‘युवा’ रिटायर्ड फ़ौजी ने किया ऐलान ए जंग ।

गुड़गांव, 04.12.2023 – गुड़गांव के रहने वाले रिटायर्ड कर्नल सर्वदमन सिंह ओबेरॉय मैदान ए जंग में उतरे और देश के भीतर देश के दुश्मनों के खिलाफ जंग शुरू कर दी। दिल्ली और हरियाणा परिवहन विभाग ने उनकी 15 साल पुरानी कार की RC का नवीनीकरण नहीं किया और अवैध रूप से उनकी कार का रजिस्ट्रेशन आटोमेटिक रद्द कर दिया। दिल्ली एनसीआर में लाखों ऐसे पीड़ित हैं लेकिन 1 ने भी इस घोटाले के ख़िलाफ़ मुँह खोलने की हिम्मत नहीं की और इस कारबंदी घोटाले के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत की। 

75 साल की उम्र के इस बहादुर ‘युवा’ फ़ौजी ने माननीय अदालत का रुख किया और दिल्ली, हरियाणा एवं केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ गुड़गांव कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया।

जी हाँ, यह 75 साल का फ़ौजी युवा है क्योंकि 25 से 50 साल की उम्र के युवा कहलाने वाले लोग इस कारबंदी घोटाले के ख़िलाफ़ लड़ने की हिम्मत नहीं कर सके और इस 75 साल के रिटायर्ड फ़ौजी ने इस घोटाले के खिलाफ कानून का हथियार उठा कर जंग शुरू कर दी।

माननीय गुड़गांव कोर्ट की वेबसाइट से प्राप्त आदेशों की प्रति प्राप्त करने के बाद भारत सारथी संवाददाता ने इस मुकदमे में याचिकाकर्ता रिटायर्ड कर्नल सर्वदमन सिंह ओबेरॉय से संपर्क करने पर गुड़गांव के निवासी रिटायर्ड कर्नल सर्वदमन सिंह ओबेरॉय ने स्पष्ट किया कि उन्होंने एडवोकेट मुकेश कुल्थिया के माध्यम से अपनी 15 साल पुरानी पेट्रोल कार पर अवैध रूप से प्रतिबंध लगाने के खिलाफ यह याचिका माननीय गुड़गांव अदालत में दायर की है।

याचिका अनुसार संशोधित मोटर वाहन अधिनियम 2019, 2021 एवं 2023 के अनुसार, डीजल और पेट्रोल दोनों कारों का जीवन 15 वर्ष है, उसके बाद अगले 5 वर्षों के लिए नवीकरणीय है, इस प्रकार किसी डीजल कार को सिर्फ इसलिए जब्त या प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता क्योंकि वह 10 साल पुरानी है और किसी पेट्रोल कार को सिर्फ इसलिए जब्त या प्रतिबंध नहीं किया जा सकता क्योंकि वह 15 साल पुरानी है और यह प्रतिबंध संशोधित मोटर वाहन कानून का सरासर उलंघन है और सामान्य गरीब जनता पर अत्याचार है।

आज भी डीजल कार एवं पेट्रोल कार स्कूटर की RC 15 वर्षों की वैद्यता के साथ जारी की जा रही है और रोड टैक्स भी 15 वर्षों का लिया जा रहा है।

10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर कानूनन कोई प्रतिबंध नहीं है और ये अधिकारी NGT एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का झूठा हवाला दे कर ये ग़ैरकानूनी प्रतिबंध लगा रहे हैं। 

ये प्रतिबंध देश के संशोधित कानून के उल्लंघन में है और ये प्रतिबंध इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने की एक साजिश के तहत विभिन्न ग़ैरकानूनी हथकंडों से लागू किए जा रहे हैं।

कर्नल ओबेरॉय के अनुसार उनके एडवोकेट मुकेश कुल्थिया द्वारा तमाम कानूनी पहलुओं की जानकारी कई बार इन अधिकारियों को लिखित एवं न्यायालय के नोटिस द्वारा दी गई, देश के कानून का पालन करने की गुजारिश कई बार की गई किंतु ना जाने किस मजबूरी या इरादे के तहत इन अधिकारियों ने देश के कानून का पालन करने से स्पष्ट इनकार कर दिया, आखिरकार माननीय न्यायालय में ये याचिका दर्ज करवाई गई।

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