हापा : 12 दिसंबर को पंचकूला व चंडीगढ़ की सड़कों पर निकालेंगे मौन जुलूस: प्रोफेसर सुभाष सपड़ा

हरियाणा के राजकीय कॉलेज में हजारों खाली पड़े सहायक प्रोफेसर्स के पदों पर पक्की भर्ती की मांग को लेकर 12 दिसंबर को पंचकूला व चंडीगढ़ की सड़कों पर निकालेंगे मौन जुलूस: प्रोफेसर सुभाष सपड़ा

(04 दिसम्बर 2023) हरियाणा एक्सपायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन ( HAAPA/हापा) प्रदेश के राजकीय कॉलेज में हजारों खाली पड़े सहायक प्रोफेसरों के पदों पर रेगुलर भर्ती की मांग को लेकर सैकड़ो नेट/स्कॉलर्स/टॉपर्स 12 दिसंबर को पंचकूला व चंडीगढ़ की सड़कों पर हरियाणा प्रदेश की गठबंधन सरकार को मौन जुलूस निकाल कर जगाने का प्रयास करेंगे।

हापा के संस्थापक सदस्य व हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (HGCTA) के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि हरियाणा में सरकार द्वारा वर्ष 2019 में कुल 524 पदों पर कुछ ही विषयों में आखिरी बार सहायक प्रोफेसर प्रोफेसरों की भर्ती की गई थी। आधे से अधिक विषय ऐसी भी हैं जिन पर वर्ष 2016 के बाद से अब तक भर्ती नहीं हुई है। जबकि प्रदेश सरकार ने रेगुलर भर्ती के संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा देकर बताया था कि राज्य के राजकीय कॉलेज में सहायक प्रोफेसर प्रोफेसर के कुल 8137 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से कुल 4738 पद रिक्त हैं अर्थात कुल का 60 फ़ीसदी पोस्ट रिक्त हैं। सरकार पक्की भर्ती के नियमों में संशोधन का हवाला देकर इसे टालते आ रही है।
प्रोफेसर सुभाष सपड़ा में बताया कि हरियाणा प्रदेश के राजकीय कॉलेजों के करीब 2000 एक्सटेंशन लेक्चर बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया व बिना आरक्षण नीति को लागू किए कार्य कर रहे हैं। यहां तक कि कुछ एक्सटेंशन लेक्चरर की पीएचडी डिग्री/गलत समायोजन/ गलत चयन प्रक्रिया/ भाई भतीजावाद भर्ती पूरी तरह से संदेह के घेरे में हैं।

यह सब कुछ जांच कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट भी कर दिया है। फिर भी हरियाणा की गठबंधन सरकार ने इनके विरुद्ध आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है। प्रदेश में जहां एक और पूर्ण शिक्षित युवा बेरोजगार हैं, तो दूसरी ओर कॉलेजों में नान एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर कार्य कर रहे हैं। इस सब के बावजूद अब सरकार पक्की भर्ती करने से बचने के लिए नई नीतियों पर कार्य कर रही है, जिसमें वह प्रदेश के समूचे ऐडेड कॉलेजों को पूर्णतया मर्ज (समायोजित) करने की बजाय पहले से ही कॉलेजों में काम कर रहे नियमित स्टाफ को सरकारी कॉलेजों में मर्ज (समायोजित) करने जा रही है, जिसका प्रदेश के हजारों शिक्षित बेरोजगार युवा विरोध कर रहे हैं। उपरोक्त सबके अलावा शेष सहायक प्रोफेसर के खाली पदों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (NKRN) के अंतर्गत भरने की योजना बना रही है।

अगर सरकार उपरोक्त योजनाओं को लागू करती है तो प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवा अभ्यर्थी जो पिछले कई वर्षों से रेगुलर सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए पंचकूला व चंडीगढ़ की सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं और जिन्हें प्रदेश के मंत्री व उच्च शिक्षा अधिकारी समय-समय पर लॉलीपॉप देकर टालते रहे हैं, उनका जीवन अधर में लटक जाएगा।

प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व राज्यपाल महोदय के नाम भी रेगुलर भर्ती के लिए ज्ञापन दिया जा चुका है, मगर आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हापा के वरिष्ठ सदस्यों की टीम मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल से भी सहायक प्रोफेसर की पक्की भर्ती की मांग को लेकर कई बार मुलाकात कर चुकी हैं। वे पंचकूला व चंडीगढ़ के कई चक्कर लगाते रहे हैं। परंतु किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अब बिगड़ती हालत को देखते हुए उपरोक्त सब के विरुद्ध में सैकड़ो शिक्षित युवा अभ्यर्थी पंचकूला व चंडीगढ़ में पक्की भर्ती की मांग को लेकर 12 दिसम्बर को मौन जुलूस निकालेंगे।

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