क्या यह जहरीली शराब व अवैध नशे का व्यापार बिना मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के जानकारी के संभव है? विद्रोही

हरियाणा सरकार ने नशे पर काबू पाने के लिए बडे जोरशोर से हरियाणा राज्य एनफोर्समैंट ब्यूरों बनाया लेकिन चार माह बाद भी ब्यूरो की टीम तक नही बनी :  विद्रोही
हरियाणा में जहरीली शराब व नशे का व्यापार अन्य दलों की सरकारों के समय भी होता रहा है, लेकिन भाजपा-जजपा खट्टर राज आने के बाद जहरीली शराब व नशे का व्यापार चरम पर है : विद्रोही

15 नवम्बर 2023 – यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की मौत के बाद हरियाणा पुलिस द्वारा विभिन्न जिलों में मारी जा रही छापेमारी पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि क्या प्रदेश में जहरीली शराब बिना पुलिस व सत्ताधारी भाजपाई-संघीयों की सांठगांठ के बिकना संभव है? विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में जहरीली शराब व नशे का व्यापार अन्य दलों की सरकारों के समय भी होता रहा है, लेकिन भाजपा-जजपा खट्टर राज आने के बाद जहरीली शराब व नशे का व्यापार चरम पर है। यमुनानगर में दिवाली से पूर्व जहरीली शराब पीने सेे 22 लोगों की मौत बताती है कि सरकार की नाक के नीचे जहरीली शराब का व्यापार चल रहा है। अपने को गब्बर सिंह प्रचारित करने वाले गृहमंत्री अनिल विज का खुद का निवास स्थान, निर्वाचन क्षेत्र यमुनानगर जिले के साथ लगते अम्बाला जिले का अम्बाला कैंट विधानसभा क्षेत्र है। कभी यमुनानगर जिला भी अम्बाला जिले का हिस्सा होता था। एक तरह से यमुनानगर भी गृहमंत्री अनिल विज के जिले अम्बाला का हिस्सा है। जो गृहमंत्री अपने खुद के जिलेे व निवास स्थान से सटे क्षेत्र में जहरीली शराब के व्यापार पर रोक लगाने में अक्षम हो, वह कितना नकारा गृहमंत्री है यह बताना भी बेमानीे है।  

विद्रोही ने आरोप लगाया कि अक्टूबर 2019 विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा-जजपा सरकार बनते ही शराब, तस्करी, जहरीली शराब व नशे का व्यापार सत्तारूढ़ दलों के नेताओं की अवैध कमाई का बडा स्त्रोत बन गया है। हरियाणा में ड्रग, नशीले पदार्थ का व्यापार 14 जिलो तक फैल चुका है व प्रदेश के हर जिले में अवैध शराब तस्करी व गांव-गांव शराबे के ठेके भाजपा-जजपा खटटर सरकार ने खोलकर प्रदेश के युवाओं को नशे की दलदल में धकेलने का पाप किया है। कोविड के दौरान भी हुए शराब घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी जांच का क्या बना कोई नही जानता। भाजपा-जजपा सरकार के बडे-बड़े दावों के बाद भी शराब घोटाले  के मगरमच्छ आज तक नही पकडे गए। वर्ष 2020 में पानीपत-सोनीपत जिले में 30 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से मरे, नवम्बर 2022 में फरीदाबाद में 3 व सोनीपत में 4 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई। विगत एक साल में सिरसा जिले में ही नशे के चलते 43 लोगों की मौत हुई और 89 लोगों ने खुदकुशी की। हरियाणा सरकार ने नशे पर काबू पाने के लिए बडे जोरशोर से हरियाणा राज्य एनफोर्समैंट ब्यूरों बनाया लेकिन चार माह बाद भी ब्यूरो की टीम तक नही बनी।  

विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा में अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद में कच्ची शराब बिक्री व बनाने का गढ़ है। आश्चर्य है कि मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र करनाल व गृहमंत्री अनिल विज का अम्बाला कैंट होने के बाद भी प्रदेश में कच्ची शराब का अवैध कारोबार भी मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के चुनाव क्षेत्रों के इर्दगिर्द वाले जिलों अम्बाला, यमुनानगर, कैथल, करनाल, पानीपत में सबसे ज्यादा होता है जो बताता है कि यह सबकुछ मुख्यमंत्री व गृहमंत्री की नाक के नीचे होता है। विद्रोही ने सवाल किया कि क्या यह जहरीली शराब व अवैध नशे का व्यापार बिना मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के जानकारी के संभव है? हरियाणा में कच्ची शराब व जहरीली शराब, नशे का व्यापार सत्तारूढ दल के नेताओं की मिलीभगत व भागीदारी में हो रहा है तभी तो इस अवैध धंधे की छोटी मछलिया तो पकडी जोती है, लेकिन कभी मगरमच्छ और इस अवैध धंधे को सरंक्षण देने वाले सत्तारूढ़ के नेताओं के नाम उजागर तक नही होते।

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