कहा – जहरीली शराब के इस खेल में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के साथ कांग्रेस भी मिली हुई है और इस जहरीली शराब कांड में कांग्रेस और जजपा के नेताओं की गिरफ्तारी इसका जीता जागता सबूत है
जो कांग्रेस जहरीली शराब से हुई मौतों पर घडिय़ाली आंसू बहा कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है, उसी के लोग ऐसे काले धंधों में भाजपा के लोगों के साथ मिलकर प्रदेश को लूटने में लगे हैं
एसआईटी पर उठाए सवाल कहा – जहरीली शराब के इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि आज तक किसी भी मामले में एसआईटी की रिपोर्ट नहीं आई है और एसआईटी सिर्फ मामले की लीपापोती करने और सरकार में बैठे रसूखदार लोगों को बचाने के लिए ही बनाई जाती है
मांग – जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 के तहत हाई कोर्ट के सीटींग जज द्वारा करवाई जाए और साथ ही हर मामले में पूरी तरह से फेल भाजपा-जजपा सरकार को तुरंत किया जाए भंग
जहरीली शराब से हुई मौत पर उनके परिवार को 50 लाख रूपए का मुआवजा और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए

चंडीगढ़, 15 नवंबर। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने जहरीली शराब से यमुनानगर और अंबाला में हुई 22 लोगों की मौत पर कहा कि इसकी जिम्मेदारी भाजपा सरकार है। कोई भी काला धंधा और घोटाला बगैर सरकारी संरक्षण के नहीं किया जा सकता। जहरीली शराब के इस खेल में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के साथ कांग्रेस भी मिली हुई है और इस जहरीली शराब कांड में कांग्रेस और जजपा के नेताओं की गिरफ्तारी इस का जीता जागता सबूत है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस जहरीली शराब से हुई मौतों पर घडिय़ाली आंसू बहा कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है, उसी के लोग ऐसे काले धंधों में भाजपा के लोगों के साथ मिलकर प्रदेश को लूटने में लगे हैं।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कोविड महामारी के समय में बहुत बड़ा शराब घोटाला सामने आया था लेकिन भाजपा-जजपा सरकार के रसूखदार लोगों की इसमें संलिप्तता होने के कारण पूरे घोटाले की जांच को एसईटी को देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उसके बाद गोहाना और पानीपत में जहरीली शराब से 45 से ऊपर लोगों की मौत का मामला सामने आया जिनके असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और पूरे मामले पर लीपापोती कर उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

इनेलो नेता ने कहा कि जहरीली शराब के इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि आज तक किसी भी मामले में एसआईटी की रिपोर्ट नहीं आई है और एसआईटी सिर्फ मामले की लीपापोती करने और सरकार में बैठे रसूखदार लोगों को बचाने के लिए ही बनाई जाती है।

उन्होंने जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 के तहत हाई कोर्ट के सीटींग जज द्वारा करवाने और साथ ही हर मामले में पूरी तरह से फेल भाजपा-जजपा सरकार को तुरंत भंग करने की मांग की। जहरीली शराब से हुई मौत पर उनके परिवार को 50 लाख रूपए का मुआवजा और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की।

error: Content is protected !!