कैथल, 10/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 410 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता शीशपाल जयसिंहपुरा ने की, शीशपाल जयसिंहपुरा ने कहा कि आज देश में अफरा-तफरी का जो माहौल बना हुआ है, वह सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण है, सरकार शिक्षा का निजिकरण करके लोगों को अनपढ़ रखना चाहती है,इसी कारण से सरकारी स्कूलों को एक तयशुद्धा नीति के तहत स्कूल मर्जर के नाम पर बंद किया जा रहा है, उन्होंने सभी सामाजिक, राजनैतिक संगठनों से अपील करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर इस अव्यवस्था का विरोध करना चाहिए, उन्होंने यह भी कहा कि कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण द्वारा जो महिला पहलवानों का यौन शोषण किया गया, यह पूरे समाज पर काला धब्बा था। अन्याय अत्याचार के खिलाफ हम सबको मिलकर लड़ना होगा, उन्होंने सरकार से अपील करते हुए यह भी कहा सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचने पर सरकार रोक लगाए, आज इस अवसर पर सतबीर प्यौदा ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में जो सरकारी तंत्र और कंपनियां खड़ी की गई थी, आज मौजूदा सरकार उनको बेचकर सरकार चला रही है। यह देश के लिए चिंताजनक बात है। बलजीत नैन ने कहा कि एक अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार ने उधोग घरानों का लगभग 11 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि  मौजूदा सरकार ने अपने चहेतों को हजारों हजारों करोड़ रुपए लेकर अपने लोगों को विदेशों में भगा दिया गया, कमरों में नोटों का भण्डार पकड़ा जा चुका है, लेकिन फिर भी निजीकरण करने की विवशता बताई जा रही है तथा धन नहीं होने का कारण बताया जा रहा है।

जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि अभी तक निजीकरण के कारण अकेले केंद्र सरकार ने ही एक करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियां खत्म कर दी, बढ़ोतरी की नीयत तो दिखाई नहीं देती, सरकारों का ये संविधान विरोधी आचरण देशहित में नहीं है बल्कि शिक्षित युवाओं के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी भी है, ये संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। उन्होंने मांग करते हुए यह भी कहा कि सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर तुरंत रद्द की जाए।

इस अवसर पर बलवंत जाटान ने कहा कि भारत का संविधान भारत को एक समाजवादी, प्रजातांत्रिक गणतंत्र बनाने की घोषणा करता है, जिसमें आर्थिक समानता का लक्ष्य तथा व्यक्ति की गरीमा का घोषित लक्ष्य है। बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए उधोग तंत्र का विकास सरकार के हाथ में होना अति आवश्यक है। इसके साथ ही सम्पूर्ण सरकारी तंत्र का प्रतिनिधित्वपूर्ण होना भी अति आवश्यक है। शिक्षा, स्वास्थ्य,बीमा, कृषि उद्योग, सरकारी बैंक,रेल, जहाजरानी, हवाई अड्डे,हवाई सेवाएं, सूचना तकनीक,संचार, पेयजलापूर्ति, सड़कों का निर्माण, सिंचाई तंत्र,भारी उद्योग आदि पूर्णतः सरकारी नियंत्रण में ही रहने चाहिए अन्यथा सरकारी तंत्र संविधान,देश और सामान्य जनता के विरुद्ध पूंजीवाद के नियंत्रण में चला जाएगा, इस समय यही चल रहा है,देश की समस्त पूंजी कुछ ही लोगों के हाथ में केंद्रीत होती जा रही है। आज धरने पर अमर सिंह, भीम सिंह तितरम, रामेश्वर,पंजाबा राम, मंगता पाई, कलीराम प्यौदा, मंगता पाई,जंगीरा, जयपाल फौजी,रामदिया कसान,हजूर सिंह सौंगरी, रमेश कुमार, भूपेन्द्र सिंह, प्रदीप कुमार, मामचंद खेड़ी सिम्बल, अंग्रेज सिंह, रणधीर ढुंढ़वा, सुखपाल, सावित्री, रामकली जांगड़ा आदि भी उपस्थित थे।

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