कैथल, 06/11/2023 -जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 406 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा कैथल के जिला प्रधान महेंद्र सिंह तथा जन संघर्ष मंच की राज्य कार्यकारिणी सदस्य कामरेड सोमनाथ ने संयुक्त रूप से की, दोनों नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार को चिराग योजना को रद्द करना चाहिए और स्कूलों को मर्जर करने की नीति को तुरंत रोक देना चाहिए, बल्कि स्कूलों को और अधिक खोलने की जरूरत है।

अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान महेंद्र सिंह ने कहा कि देश की जनता को डबल इंजन की सरकार की आवश्यकता नहीं है बल्कि ईमानदार, निष्पक्ष , संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने वाले लोगों की आवश्यकता है, सरकारों का इंजन नहीं होता है बल्कि सरकारों में लोग होते है।

लोग देश की जनता और देश के संविधान के प्रति ईमानदार होने चाहिए। डबल इंजन के नाम पर लोगों को छला जा रहा है, इंजन ही मजबूत करने है तो रेलों के इंजन को मजबूत करें , रेलवे विभाग में नई भर्तियां करें तथा हरियाणा पुलिस विभाग में भर्तियां करें, सभी विभागों की कार्यशैली को दुरुस्त करने के लिए विभागों में भर्तियां करें।

जन संघर्ष मंच के वरिष्ठ नेता सोमनाथ शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार तानाशाही पर उतारू है, लोकतंत्र में संवैधानिक नैतिकता, दायित्व और जनता की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाता है,आज धरने को 406 दिन हो गए है लेकिन जन शिक्षा अधिकार मंच के साथियों से जिला प्रशासन और हरियाणा सरकार के किसी प्रतिनिधि ने धरने पर आकर बातचीत करना भी उचित नहीं समझा, यह स्थिति हमारे लिए बहुत भयानक है क्योंकि लोकतंत्र में जनता की भावनाओं और जनता के कल्याण को महत्व दिया जाता है लेकिन यहां पर तो जनता की आवाज को दबाने के लिए शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है, जबकि सुरेश द्रविड़ का कसूर यह था कि वह लड़कियों के बंद किए गए स्कूलों को दोबारा खुलवाने की मांग कर रहा था, वह निजीकरण का विरोध कर रहा था। निजीकरण का विरोध करना, संविधान के पक्ष में बोलना कैसे राजद्रोह हो सकता है ? जनता आने वाले समय में इसका हिसाब लेगी।

धरने को नागरिक अधिकार मंच कैथल के संयोजक सतपाल आंनद ने संबोधित करते हुए कहा कि जनता की आवाज को राजद्रोह जैसे मुकदमों से नहीं दबाया जा सकता, एक दिन देश का हर नागरिक कहने लगेगा कि मैं देशप्रेमी हूं और मौजूदा सरकार का विरोध करता हूं और आप मुझ पर राजद्रोह का केस दर्ज करो। शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट की आदेशों की भी उल्लंघना है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को 11 मई 2022 को आदेशित और निर्देशित किया था कि कोई भी राज्य सरकार राजद्रोह का मुकदमा दर्ज नहीं करेगी लेकिन शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर इसके बावजूद 23 सितंबर 2022 को राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया,जो कि सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है।

अब कैथल पुलिस कह रही है कि हमने राजद्रोह की धारा 124 ए को हटा दिया है लेकिन आई पी सी की धारा 505,153 और 1922 पुलिस एक्ट की धारा 3 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है, क्या ऐसा करना न्यायसंगत है ? पुलिस राजनेताओं के दबाव में ऐसा कर रही है। सरकार को न्याय करना चाहिए और सुरेश द्रविड़ के खिलाफ दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द कर देना चाहिए।
धरने पर कर्मबीर सिरोही, हजूर सिंह, बलवंत जाटान,भीम सिंह तितरम, सुखपाल मलिक, रणधीर ढुंढ़वा, वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, सतबीर प्यौदा, रामदिया, मंगता पाई, कलीराम प्यौदा, पाला फौजी, जयप्रकाश शास्त्री, बलबीर सिंह,बसाऊ राम, बलजीत नैन, बलवंत रेतवाल आदि भी उपस्थित थे।

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