124 ए ही संविधान में दी हुई अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटती है,अब इसके स्थान पर लाई जा रही नई धारा तो और भी खतरनाक है
संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर देश की सभी राजधानियों में 26 नवंबर से 28 नवंबर 2023 तक पड़ाव डाले जाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के माध्यम से जन शिक्षा अधिकार मंच के मुद्दों को भी उठाया जाएगा।

कैथल,11/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 411 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा कैथल के जिला प्रधान महेंद्र सिंह ने की, महेंद्र सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर देश की सभी राजधानियों में 26 नवंबर से 28 नवंबर 2023 तक पड़ाव डाले जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के माध्यम से जन शिक्षा अधिकार मंच के मुद्दों को भी उठाया जाएगा। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्थाई समिति की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार की आलोचना देशद्रोह नहीं हो सकती क्योंकि राजद्रोह और देशद्रोह में बहुत बड़ा फर्क है, केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्थाई समिति ने न्याय विधान नागरिक , सुरक्षा विधान और साक्ष्य अधिनियम बिल पर रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है, हालांकि इन कानूनों पर अभी संसद में बहस बाकी है, संसद में पास होने पर ये नये कानून बन जाएंगे, लेकिन सरकार इन कानूनों को हड़बड़ी में पास करवाना चाहती है, हड़बड़ी अच्छी नहीं होती है। हड़बड़ी से हमें बचना चाहिए। समिति की रिपोर्ट बदले की भावना पर भी आधारित है क्योंकि पूर्व में पकड़े गए लोगों पर भी अलग सिफारिश की है, ये तीनों नये कानून अतीत से नहीं बल्कि भविष्य से लागू होंगे लेकिन समिति की सिफारिश के अनुसार राजद्रोह के पुराने मुकदमों को न्याय विधान की धारा 150 में ले जाया जाएगा,जो देशद्रोह के मामलों से निपटने के लिए बनाई गई है, हालांकि इसकी संवैधानिकता की जांच बाकि है। सुप्रीम कोर्ट पहले से जारी धारा 124 ए की संवैधानिकता की जांच हेतु संविधान पीठ को भेज चुका है,

124 ए ही संविधान में दी हुई अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटती है,अब इसके स्थान पर लाई जा रही नई धारा तो और भी खतरनाक है।

इन तीनों कानूनों का नाम हिंदी में रखने से भी दक्षिण भारतीयों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री व सहसंयोजक बलबीर सिंह ने कहा कि कैथल पुलिस प्रैस कांफ्रेंस के माध्यम से शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ से राजद्रोह की धारा हटा चुकी है,इस संबंध में पुलिस द्वारा पत्रकारों को गत वर्ष 26 सितंबर 2022 को ब्यान जारी किया गया था,जो कि विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुआ था,उस वक्त कैथल थाना प्रबंधक महेंद्र सिंह का भी ब्यान था कि हमने सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज नहीं किया है लेकिन जब स्थानीय न्यायालय से  एक अक्टूबर 2022 को एडवोकेट राजेश कापड़ो के माध्यम से सूचना ली गई तो उसमें राजद्रोह ही दर्शाया गया था।इससे पता चलता है कि पुलिस द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही करना न्यायसंगत और जायज नहीं है, क्योंकि गत वर्ष 11 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्यों को निर्देशित और आदेशित किया था कि कोई भी राज्य सरकार और पुलिस राजद्रोह के मुकदमे दर्ज नहीं करेगी लेकिन इसके बावजूद शिक्षक सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। यह सीधे तौर पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की उल्लंघना है। ऐसा करने से हमारा ढांचा चरमरा जाएगा। आज हमारा धरना 411 वें दिन में पहुंच गया है, हरियाणा सरकार और कैथल पुलिस को इसका संज्ञान लेना चाहिए और बातचीत के माध्यम से इसका हल निकालना चाहिए, धरने पर आज बलवंत धनोरी, सतबीर प्यौदा, कलीराम प्यौदा, रणधीर ढुंढ़वा, हजूर सिंह, जयपाल फौजी, सुरेश द्रविड़, रामचंद्र मलिक, वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, भीम सिंह तितरम, रामेश्वर, राजेश बैनिवाल,रामदिया आदि भी उपस्थित थे।

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