दिवाली के अवसर पर कैथल के शिक्षकों ने अनुठी शुरुआत की है आज कैथल के शिक्षकों ने दिवाली के अवसर पर जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल को आर्थिक सहायता प्रदान की है,इन सभी साथियों का हम धन्यवाद करते है : जयप्रकाश शास्त्री हरियाणा सरकार को चिराग योजना को तुरंत रद्द कर देना चाहिए और बंद किए गए कन्या स्कूलों को दोबारा खोलना चाहिए तथा स्कूलों को मर्जर करने की प्रक्रिया को भी बंद कर देना चाहिए कैथल, 12/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 412 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ जिला कैथल के वरिष्ठ उपप्रधान ओमपाल भाल ने की, ओमपाल भाल ने कहा कि कैथल में आयोजित 9 दिसंबर 2023 की रैली में सर्व कर्मचारी संघ बढ़ चढ़ कर भाग लेगा,28 दिसंबर 2022 से कैथल के जिला सचिवालय में लगातार धरना जारी है, यह पड़ाव शिक्षा के मुद्दों को लेकर व जन शिक्षा को बचाने के लिए है। हमारे पुर्वजों अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ कर वो कुर्बानियां देकर भावी पीढ़ी के लिए अच्छे जीवन की राह बनाई थी,उन्ही के सपनों को साकार करने के लिए लाखों स्कूल, कालेज, युनिवर्सिटी, तकनीकी संस्थान, मेडिकल कॉलेज,आई आई टी,आई आई एम व अन्य संस्थान खोले गए।उन संस्थानों में सस्ती व गुणवत्ता वाली शिक्षा ग्रहण करके बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी, कर्मचारी व नेता बने। आज सता की कुर्सी पर बैठे अंहकारी लोग जनता द्वारा दान में व पंचायती जमीन में बनाए गए सरकारी स्कूलों को धड़ाधड़ बंद करके बड़े बड़े धन्नासेठों व कार्पोरेट जगत के हवाले करना चाहते है। नई शिक्षा नीति 2020 इसी दिशा की ओर बढ़ते कदमों का दस्तावेज है,जिसे संसद में बिना बहस के कोरोना काल में सरकारी आदेश से लागू कर दिया गया,उसी के दिशा निर्देश में शिक्षा और स्कूलों को बर्बाद करने के कदम उठाए जा रहे है, जैसे प्रदेश के 50000 से अधिक खाली पड़े पदों पर भर्ती न करके बच्चों को स्कूलों से भगाया जा रहा है, फिर कम छात्र संख्या के नाम पर सैकड़ों स्कूलों को बंद किया जा रहा है, अध्यापकों की भर्ती करके बच्चों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, लेकिन मौजूदा सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाना चाहती, यह हमारे प्रदेश के लिए चिंताजनक स्थिति है। रिटायर्ड मुख्याध्यापक रामशरण राविश ने कहा कि राज्य में लड़कियों के आठवीं तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया है, कैथल जिले में भी ऐसे 9 स्कूल है। राज्य मंत्री माननीया कमलेश डांढा के आवास पर गत दिवस जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा 8 सितंबर 2022 को एक प्रदर्शन किया गया था, इस प्रदर्शन के दौरान बहुत से नेताओं ने अपना संबोधन किया था, शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने भी अपना संबोधन किया था,इस संबोधन में सुरेश द्रविड़ ने कुछ भी गलत नहीं कहा है बल्कि शिक्षा के निजीकरण व अन्य प्रकार के निजीकरण का ही विरोध किया था, पुलिस व फौज के निजीकरण का भी विरोध किया था तथा संविधान के पक्ष में अपनी बात रखी थी, निजीकरण का विरोध करना तथा संविधान के पक्ष में बात करना राजद्रोह नहीं हो सकता ,बल्कि शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने मौजूदा सरकार को चेताया था और मौजूदा सरकार को अपनी कमियों को दूर करते हुए अपनी कार्यशैली में सुधार करना चाहिए था लेकिन मौजूदा सरकार ने शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ की आवाज को दबाने का काम किया ताकि अन्य व्यक्ति भी सही आवाज न उठा सके। लोकतंत्र में लोगों की आवाज को दबाना उचित नहीं है बल्कि लोकतंत्र में लोगों की आवाज को सुनना चाहिए और उनकी जायज मांगों का समाधान करना चाहिए। जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि आज दिवाली के अवसर पर कैथल के शिक्षकों ने अनुठी शुरुआत की है आज कैथल के शिक्षकों ने दिवाली के अवसर पर जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल को आर्थिक सहायता प्रदान की है,इन सभी साथियों का हम धन्यवाद करते है। यह आर्थिक सहायता आंदोलन की सफलता में मिल का पत्थर साबित होगी और आने वाले लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी, कैथल का यह आंदोलन बहुत ही प्रेरणादायी बन गया है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ कैथल के पूर्व जिला प्रधान राजेश बैनिवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार को चिराग योजना को तुरंत रद्द कर देना चाहिए और बंद किए गए कन्या स्कूलों को दोबारा खोलना चाहिए तथा स्कूलों को मर्जर करने की प्रक्रिया को भी बंद कर देना चाहिए और शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को रद्द कर देना चाहिए व जन शिक्षा अधिकार मंच के साथियों से बातचीत करके शिक्षा से संबंधित मुद्दों का समाधान करना चाहिए, लोकतंत्र में बातचीत करके मसलों का हल निकालना बेहद सकारात्मक है। हरियाणा सरकार को सकारात्मकता की ओर बढ़ना चाहिए,हम सकारात्मकता का स्वागत करेंगे। धरने पर आज भरथा किठाना,कपुरा,भूम सिंह चहल, रामेश्वर तितरम, हवा सिंह भाणा,दरबारा, मंगता पाई, अशोक शर्मा, सतबीर सौंगरी, हजूर सिंह, मामचंद खेड़ी सिम्बल, बलवंत जाटान, बलवंत रेतवाल, सुखपाल मलिक खुराना, महेंद्र सिंह, रामचंद्र मलिक, सुरेश द्रविड़, वीरभान हाबड़ी, रणधीर ढुंढ़वा, सतबीर प्यौदा, रामदिया गुल्याणा, कलीराम, भीम सिंह, रमेश कुमार, जयप्रकाश आदि भी उपस्थित थे। Post navigation सरकार की आलोचना देशद्रोह नहीं हो सकती क्योंकि राजद्रोह और देशद्रोह में बहुत बड़ा फर्क है राज्य के सैकड़ों स्कूलों में एक भी अध्यापक नहीं, ज्यादातर स्कूल ऐसे जहां पर सभी विषयों के अध्यापक नहीं है