सुरजेवाला ने भाजपा सरकार क़ो बताया, किसान, मजदूर व आढ़ती विरोधी सरकार 

धान की खरीद, उठान और आढ़तीयों के किए गए लाइसेंस रद्द क़ो लेकर रणदीप व आदित्य सुरजेवाला ने भाजपा सरकार क़ो घेरा

कैथल, 13 अक्टूबर 2024 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सुरजेवाला व कैथल से विधायक आदित्य सुरजेवाला ने नई अनाज मंडी में प्रेसवार्ता क़ो सम्बोधित किया। सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि कैथल व हरियाणा का किसान-आढ़ती-मजदूर धान खरीदी में धांधली, कुप्रबंधन व बेकायदगी से उत्पीड़ित है। सुरजेवाला ने विधानसभा चुनाव के समय नायब सैनी द्वारा किसानों से किए गए धान का रेट ₹3100 करने के वादे का वीडियो पत्रकारों क़ो दिखाते हुए कहा कि न तो भाजपा सरकार धान की खरीद कर रही और न ही किसान को MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा। हजारों करोड़ का नुकसान किसान झेल रहा है और ₹3,100 प्रति क्विंटल MSP धान का रेट देने का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार किसान को पूर्व घोषित ₹2,320 प्रति क्विंटल का MSP देने में भी फेल साबित हुई है।

सुरजेवाला ने कहा कि यही नहीं 1509 किस्म का सुपीरियर क्वालिटी का धान भी पूरी तरह से पिट गया है तथा किसान को पिछले साल के मुकाबले में ₹500-₹600 प्रति क्विंटल की चपत लग रही है।

भाजपा सरकार की धांधली-कुप्रबंधन-बेकायदगी देखेंः 

1. पीआर धान MSP से ₹150/₹200 प्रति क्विंटल कम में बिक रहा: 

बीजेपी सरकार ने इसी चुनाव में किसान से वादा किया था कि पीआर धान की खरीद ₹3100 प्रति क्विंटल पर करेगी। सच्चाई यह है कि कैथल सहित पूरे हरियाणा में किसान ने मजबूरन पीआर धान ₹2100/₹2200 प्रति क्विंटल पर अब तक बेचा है। हरियाणा के कुल धान उत्पादन की 50% से ज्यादा खरीद हो चुकी। 

सबसे ज्यादा नुकसान ‘मोटी परमल’ किस्म में हुआ है। किसान हताश है, आढ़ती मजबूर है, व मजदूर बेज़ार है। भाजपा सरकार चैन की बंसी बजा रही है और किसान, आढ़ती और मजदूर लुट-पिट रहा है। यह सब जानबूझकर खरीद की बदइंतजामी व धांधली के चलते हुआ है। 

क्या नायब सैनी व भाजपा सरकार बताएगी किः-

क्या हरियाणा के पीआर उत्पादक किसान को बिक्री फार्म के आधार पर ₹3100 प्रति क्विंटल की कीमत देंगे? या फिर ₹3100 प्रति क्विंटल धान की कीमत देने का वादा मात्र लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट बटोरने का एक जुमला था?

क्या भाजपा सरकार बताएगी कि किसान का जो धान ₹2100/₹2200 प्रति क्विंटल बिका है, उसकी MSP की ₹2320 प्रति क्विंटल की कीमत पूरी करने हेतु बाकी की राशि की भरपाई सरकार किसान के बैंक खाते में करेगी? 

2. 10 दिन या उससे अधिक तक मंडी से धान का उठान नहीं और न ही किसान को भुगतान हो रहा व आढ़ती को आढ़त मिल रही:

कैथल, ढांड, पुंडरी, गुहला-चीका सहित पूरे हरियाणा की अनाज मंडियाँ धान से अटी पड़ी हैं, पर भाजपा सरकार धान खरीदी व उठान में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। किसानों व आढ़तियों को राम भरोसे छोड़ दिया गया है। 

कैथल अनाज मंडी में दस दिस से उठान नहीं हुआ। मजबूरी में आज रविवार को धान की खरीद बंद करनी पड़ी। यही हाल ढांड, पुंडरी व अन्य अनाज मंडियों का भी है। 

जब तक उठान नहीं होगा और फसल मंडी से बाहर नहीं जाएगी, तब तक गेट पास जारी नहीं होगा और न ही किसान का भुगतान होगा और न ही आढ़ती को उसकी आढ़त मिलेगी। किसान और आढ़ती त्राहिमाम हैं तथा भाजपा सरकार जश्न मना रही है। 

3. आढ़ती पर पड़ रही एक तरफ पिछले सीज़न की कटौती की मार, और दूसरी तरफ आढ़त कम करने की हाहाकार 

पिछले सीज़न की कटौती की रिकवरी पूरे हरियाणा में लगभग ₹150 करोड़ से अधिक है, तो आढ़ती की दामी से काट ली गई है। अकेले कैथल में आढ़तियों से ₹14 करोड़ की वसूली की गई है। 

ऊपर से आढ़तियों पर दोहरी मार मारते हुए 2.5% की आढ़त को ₹45/₹46 प्रति क्विंटल कर दिया गया। सवाल यह है कि आढ़ती अपना व्यवसाय कैसे कर पाएगा?

हमारी मांग है कि भाजपा सरकार अपनी कुंभकर्णी नींद से जागे व पहली प्राथमिकता पर ₹3100/क्विंटल की धान की कीमत किसान को अदा करे, ₹2320 के MSP से कम बिके धान पर भी ₹3100 प्रति क्विंटल धान की कीमत दे, हर काम छोड़कर सबसे पहले मंडियों से धान की फसल का उठान हो, तथा मंडी के आढ़तियों की आढ़त फौरन 2.5% की जाए।

भाजपा जान ले कि चुनाव जीतने का मतलब किसान, आढ़ती व मजदूर का शोषण नहीं हो सकता। हम सरकार को उसका राजधर्म याद दिलाते रहेंगे व लोगों की आवाज बुलंद करते रहेंगे।

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