इस दिन प्रभु श्रीराम भव्य एवम् विशाल राम मन्दिर में विराजमान हो जायेंगे भारत विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होकर विश्व का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर फतह सिंह उजाला गुरुग्राम 3 नवंबर । काशी में “संस्कृति संसद” का सुभारम्भ श्री काशी विश्वनाथ के रुद्राभिषेक से प्रारम्भ किया गया । श्री काशी विश्वनाथ धाम में रुद्राभिषेक के पश्चात् श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि सदियों से जो स्वप्न प्रत्येक सनातनी की आँखों में था, और जिस स्वप्न को पूरा करने के लिए लम्बा संघर्ष चला, तथा लाखों सनातनी धर्म योद्धाओं ने अपना बलिदान दिया, वह स्वप्न 22 जनवरी 2024 को पूर्ण हो जायेगा, जब प्रभु श्रीराम भव्य एवम् विशाल मन्दिर में विराजमान हो जायेंगे । शंकराचार्य महाराज ने कहा कि यह सनातन धर्म का स्वर्णिम काल है । भारत अपने परम वैभव को प्राप्त कर विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होकर विश्व का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर है । इसके अतिरिक्त भी अन्य अनेक विषयों पर गहन चिन्तन-मनन एवम् विचार-विमर्श हेतु आज अखाड़ा परिषद् एवम् काशी विद्वत् परिषद् द्वारा आयोजित “सांस्कृतिक संसद” में संत समिति एवम् गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, महानिर्वाणी अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विशोकानन्द भारती, संत समिति के अध्यक्ष आचार्य अविचल दास, महानिर्वाणी अखाड़ा के महासचिव राजेन्द्र दास, अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष स्वामी रविन्द्र पुरी, स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि, ब्रह्मचारी सत्यानन्द जी, स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती, स्वामी चिदानन्द मुनि, स्वामी ज्ञानानन्द जी, स्वामी हरिहरानन्द सरस्वती, स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती, काशी विद्वत् परिषद् के पंडित राम नारायण द्विवेदी, विश्व हिन्दू परिषद् के दिनेश एवम् अशोक तिवारी सहित देश के 25 प्रदेशों से 100 महामण्डलेश्वर, 200 महन्त एवम् 300 सन्त भगवान श्री काशी विश्वनाथ की नगरी काशी में एकत्रित हुए हैं । Post navigation गृह मंत्री अनिल विज द्वारा 372 आई.ओ.का निलंबन ……हरियाणा पुलिस की बड़ी सर्जरी की आवश्यकता है। सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने में जुटे नगर निगम अधिकारी