सरकारी व निजी विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यक्रम में पहुंचने के लिए बनाया जा रहा दबाव : एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल

हिसार : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो नवंबर को करनाल में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी व निजी विद्यालयों पर दबाव बनाया जा रहा है। विभिन्न जिलों में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों ने बाकायदा खंड जिला अधिकारियों को आधिकारिक पत्र जारी करके पीजीटी, टीजीटी व अन्य कर्मचारियों को गृह मंत्री के कार्यक्रम में पहुंचने के लिए सुनिश्चित करने बारे कहा है। इतना ही नहीं खंड कार्यालय के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो बस में जाने वाले कर्मचारियों की हाजिरी लेंगे ताकि कोई भी शिक्षक या कर्मी कार्यक्रम में जाने से गुरेज न करे।

हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश अध्यक्ष लाल बहादुर खोवाल ने इस तानाशाही पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में शिक्षकों व कर्मियों को बंधुआ मजदूर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा की सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके कर्मचारियों को गैरकानूनी ढंग से कार्यक्रम में पहुंचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों पर दबाव बनाने के लिए उनकी बसों के परमिट व आरसी कब्जे में ली जा रही हैं। जो निजी विद्यालय अपनी बस गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में ले जाएगा उसे परमिट व आरसी वापस लौटा दिए जाएंगे। इस आदेश की अनुपालना न करने वाले निजी विद्यालयों के चालान करके भारी-भरकम जुर्माना किया जाएगा। इस तानाशाही से निजी विद्यालय काफी परेशान हैं लेकिन पुलिस, प्रशासन व आरटीए के दबाव के चलते वे विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।

एडवोकेट खोवाल ने कहा कि सरकारी या गैर सरकारी शिक्षकों व कर्मचारियों को किसी कार्यक्रम में पहुंचने के लिए बाध्य करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय व राज्य स्तर के नेताओं की रैली और कार्यक्रमों में लोगों ने जाना बंद कर दिया है, इसलिए भाजपा अब भीड़ जुटाने के लिए ओच्छी हरकतों पर उतर आई है। भाजपा की ऐसी तानाशाही नीतियों के कारण शिक्षक व कर्मचारी ही नहीं बल्कि हर वर्ग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव व हरियाणा विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को अवश्य सबक सिखाएगी।

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