साईबर सुरक्षा जागरूकता माह के 23वें दिन गुरुग्राम पुलिस द्वारा विभिन्न स्थानों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करके ब्रिंग योर ओन डिवाइस(Bring your own device) की नीतियों, फायदे व नुकसान के संबंध में विस्तृत जानकारी देकर किया जागरूक।

गुरुग्राम : 23 अक्टूबर 2023 – जैसा कि आप सभी ज्ञात है कि गुरुग्राम पुलिस द्वारा अक्टूबर माह को “साईबर सुरक्षा जागरूकता” माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान गुरुग्राम पुलिस द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके व विभिन्न माध्यमों से आमजन को साईबर सुरक्षा से सम्बन्धित विषयों पर विस्तृत जानकारी देकर जागरूक किया जाएगा। इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य आमजन को साईबर अपराधों की बारे में विस्तृत जानकारी देकर उन्हें जागरूक करना है, ताकि वो किसी भी प्रकार के साईबर अपराध का शिकार ना हो और इन अपराधों को अंजाम देने वाले ठगों पर लगाम लगाई जा सके।

इस जागरूकता अभियान के तहत गुरुग्राम पुलिस द्वारा अयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों/विषयों पर तैयार किए गए ब्लू प्रिंट/रुपरेखा के अनुसार जागरूकता अभियान के 23वें दिन आज दिनांक 23.10.2023 को श्री विपिन अहलावत, सहायक पुलिस आयुक्त साईबर अपराध, गुरुग्राम के नेतृत्व में ब्रिंग योर ओन डिवाइस(Bring your own device) की नीतियों, फायदे व नुकसान के संबंध में जानकारी देते हुए गुरुग्राम की पुलिस थाना साइबर साउथ की पुलिस टीम ने सैक्टर-4 आईएमटी मानेसर, गुरुग्राम, थाना साइबर ईस्ट की पुलिस टीम ने सैक्टर-29, गुरुग्राम, थाना साइबर साउथ, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने सैक्टर-58, गुरुग्राम सहित गुरुग्राम के विभिन्न स्थानों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को जागरूक किया गया।

इस दौरान बताया गया कि ब्रिंग योर ओन डिवाइस के कुछ फायदे हैं तथा कुछ नुकसान भी हैं। खुद की डिवाइस लाने का फायदा यह है कि इससे हम कहीं पर भी बैठ कर अपना काम कर सकते हैं तथा घर से भी अपना काम कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे खुद की डिवाइस पर काम करने से बहुत सारा डाटा आपकी डिवाइस में इकट्ठा हो जाता है जिसके चोरी या लीक हो जाने से नुकसान का खतरा रहता है। खुद की डिवाइस पर कंपनी या ऑफिस का ज्यादा डाटा होने से उसकी साइबर सुरक्षा एक बेहद कठिन काम हो जाता है जिससे कि डाटा चोरी होने का खतरा रहता है। कर्मचारी के ट्रैवल करने या किसी अन्य काम के दौरान खुद की डिवाइस के चोरी होने से डाटा अनाधिकृत व्यक्ति की पहुंच में आ जाता है जिससे डाटा असुरक्षित हो जाता है। खुद की डिवाइस का प्रयोग करते समय असुरक्षित नेटवर्क का प्रयोग भी होता है जिससे साइबर अपराधियों या हैकर्स आपकी डिवाइस तक पहुंच बना सकते हैं तथा डाटा चोरी कर सकते हैं। इसलिए ऑफिस के काम के लिए खुद की डिवाइस पर काम करते समय सावधानी बरतनी चाहिए तथा सुरक्षित नेटवर्क पर ही काम करना चाहिए। डाटा का बैकअप रखना चाहिए और अपने डिवाइस के सॉफ्टवेयर को अप टू डेट रखना चाहिए।

इस दौरान बताया गया कि साईबर ठगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करके उन पर कार्यवाही कर साईबर ठगी पर पुलिस द्वारा लगाम लगाई जा रही है। तथा साईबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए पुलिस द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। इस दौरान यह भी बताया गया कि साईबर ठग आपकी जानकारी प्राप्त करके आपको न केवल आर्थिक हानि पहुँचाते है अपितु वे आपको मानसिक रूप से भी परेशान करते है। उनके द्वारा आपसे विभिन्न माध्यमों से सम्पर्क करके आपसे/आपके उपकरण/डिवाईस से चोरी करके हासिल की गई जानकारी एक गलत/अश्लील रूप देकर उसे सामाजिक/वायरल करके समाज मे आपकी प्रतिष्ठिता को प्रभावित करते है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार से प्रलोभन देकर व डर/भय दिखाकर ठगी/फ्रॉड को अंजाम देते है। इसलिए हमें अच्छे से समझना चाहिए कि साईबर अपराध क्या है और इससे बचने के लिए साईबर सुरक्षा की जानकारी रखना हमारे लिए कितनी आवश्यक है। साईबर सुरक्षा की जानकारी होना ही आपको साईबर ठगों से बचा सकती है। अतः साईबर अपराधों व साईबर सुरक्षा के बारे में जानकारी रखें व जागरूक रहे, ताकि कोई साईबर ठग आपके साथ किसी प्रकार से कोई ठगी/फ्रॉड ना कर सके। साईबर अपराध होने पर तुरंत अपनी शिकायत साईबर हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर दर्ज कराए। गुरुग्राम पुलिस 24X7 आपकी सेवा में तत्पर है।

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