पजेशन की निश्चित अवधि से वास्तव में कब्जा देने की तिथि की अवधि का जमा राशि पर 10.75 प्रतिशत ब्याज दर से करें भुगतान गुडग़ांव, 16 अक्टूबर (अशोक) : बिल्डर व संपत्ति क्रेता के बीच खरीदे गए भवन का कब्जा न दिए जाने के मामले बड़ी संख्या में हरियाणा रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) गुरुग्राम में लंबित पड़े हैं। जिनका निपटारा हरेरा समय-समय पर करता भी रहा है। इसी क्रम में हरेरा ने महिला शिकायतकर्ता की शिकायत की सुनवाई करते हुए बिल्डर को आदेश दिए हैं कि जो तिथि दुकान का कब्जा देने की निश्चित थी और उसके बाद भी कब्जा नहीं दिया गया, वास्तव में कब्जा देने की अवधि तक 10.75 प्रतिशत ब्याज दर से शिकायतकर्ता को भुगतान किया जाए। हरेरा गुरुग्राम ने इस प्रकार का यह आदेश किसी बिल्डर को पहली बार दिया है। सैक्टर 72 की शिकायतकर्ता पूनम सचदेव के अधिवक्ता आशीष बुद्धिराजा से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूनम ने 17 अगस्त 2015 को एक दुकान सैक्टर 70 में शाइन बिल्डकॉन बिल्डर के यहां बुक कराई थी, जिसका कब्जा 28 जनवरी 2030 तक शिकायतकर्ता को देना था। लेकिन बिल्डर ने उसे कब्जा नहीं दिया। शिकायतकर्ता ने 19 अक्तूबर 2022 को हरेरा में बिल्डर के खिलाफ शिकायत फाइल कर दी। जिस पर हरेरा ने सुनवाई करते हुए फैसला दिया कि दुकान का कब्जा दिए जाने की तिथि 28 जनवरी 2020 थी। लेकिन बिल्डर ने कब्जा नहीं दिया। जिस पर बिल्डर शिकायतकर्ता को 10.75 प्रतिशत सालाना ब्याज जमा राशि पर जब तक वास्तव में दुकान का कब्जा नहीं दिया जाता, शिकायतकर्ता को देगा। हरेरा ने बिल्डर को आदेश दिया है कि प्रदेश सरकार से ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर शीघ्र ही शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराए और दुकान का कब्जा भी दे। Post navigation अदालत ने बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता के बिल में लगाए गए अतिरिक्त चार्ज को पाया गलत प्रतिबंधित/निषिद्ध दवाईयां बेचने के आरोप में मेडिकल शॉप को किया सीज