– मेले में दूसरे दिन भी किसानों ने भारी संख्या में लिया भाग व खरीदे बीज।

– 9 अक्तूबर, हिसार। किसान देखकर तकनीक को जल्दी सीखता है, दुनिया के अंदर क्या चल रहा है, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार आ रही नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए भविष्य में इस किसान मेले का और भी विस्तार किया जाएगा, जिसमें हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ कृषि से जुड़े हर विभाग व निजी संस्थान एक पटल पर आकर किसानों की आय बढ़ाने का काम करेंगे। ये विचार हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहे। वे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय हरियाणा कृषि विकास मेला-2023 के दूसरे दिन बतौर मुख्यातिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हकृवि के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने की। आज मेले के दूसरे दिन श्रीअन्न एक सुपर फूड विषय पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विभिन्न सत्रों में उपस्थित किसानों को मोटे अनाज से बने व्यंजनों को थाली में शामिल करने के लिए प्रेरित किया।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस मेले के दौरान 47 सम्मानित किसानों को माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति भवन में भोज के लिए न्यौता दिया है। इससे साबित होता है कि यह सरकार किसानों की हितैषी है। कृषि मंत्री ने मेले में उपस्थित किसानों की संख्या देखकर कहा कि यह किसान मेला बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसे हम भविष्य में और विस्तार देंगे ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभ हो सकें। उन्होंने कहा कि किसानों की खेतीबाड़ी को व्यापार से जोडऩा होगा ताकि किसान आत्मनिर्भर बनें और रोजगार पैदा करें।

हरियाणा ने झींगा उत्पादन में देश में अलग पहचान बनाई है। विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए उत्पादों पर किसानों को बहुत विश्वास है, जिसका उदाहरण इस मेले के दौरान लाभान्वित हुए किसान हैं। सरकार खेती को लाभान्वित बनाने के लिए किसानों के समूह बनाकर उन्हें एफपीओ के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए नवीनतम तकनीक से जोडऩे का प्रयास कर रही है। इस कदम पर सरकार ने देश में 10 हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बाजरा, ज्वार व अन्य मिलेट्स पर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है ताकि इनसे बने पौष्टिक आहार के सेवन से किसानों व आमजन को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। वर्तमान समय में तकनीकी के इस्तेमाल को देखते हुए कृषि विभाग ऐसा प्लेटफार्म देने का प्रयास करेगा, जिससे किसान सीधे तौर पर वैज्ञानिकों से जुडक़र कृषि में आने वाली समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकेगा।

किसानों के सवाल विश्वविद्यालय को करते हैं नए अनुसंधानों के लिए प्रेरित : प्रो.बी.आर. काम्बोज
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि जब से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय बना है तब से किसान मेले का आयोजन करवा रहा है। विश्वविद्यालय 6 लाख किसानों से मोबाइल एप के माध्यम से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। इसी कड़ी में मौसम विज्ञान विभाग इन किसानों तक मौसम की पूर्वानुमान जानकारी लगातार पहुंचा रहा है, जिससे किसानों को सिंचाई, उर्वरक प्रबंधन, कीटनाशकों का छिडक़ाव व अन्य कृषि क्रियाएं समय पर करने से संबंधित निर्णय लेने में मदद मिल रही है।

इस विश्वविद्यालय की खास बात है कि जो काम होता है वो सीधा किसानों तक पहुंचाया जाता है। उन्होंने किसानों की प्रश्नोत्तरी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि किसानों के द्वारा पूछे गए नए सवाल हमारे लिए शोध के विषय है और उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नए शोध किए जा रहे हैं। उन्होंने मेले को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां हरियाणा सहित दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों से किसान पहुंचते हैं और मेले का लाभ उठाते है। सभी के साथ मिलकर विश्वविद्यालय का लक्ष्य किसानों के जीवन में सुधार लाना है। उन्होंने मोटे अनाज का स्वास्थ्य में लाभ बताते हुए कहा कि मोटे अनाज के शोध कार्यों में विश्वविद्यालय अग्रसर है और सरकार ने बाजरे के आटे को भी जीएसटी से मुक्त किया हुआ है। कुलपति ने बताया कि वर्ष 2023 को मोटे अनाजों के वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई बायो-फोर्टीफाइड किस्मों का जिक्र करते हुए कहा कि हाल ही में विश्वविद्यालय ने बाजरे की ऐसी किस्में विकसित की है, जोकि लौह तत्व व जिंक से भरपूर है व आमजन को विभिन्न बीमारियों व कुपोषण से निजात दिलाएगी। इसके अलावा मोटे अनाजों से विभिन्न मूल्य-संवर्धित उत्पाद बनाने की तकनीक विकसित करने का काम हो रहा है। उन्होंने किसानों को नवाचार अपनाते हुए एकीकृत कृषि प्रणाली जिसमें कृषि के साथ-साथ अन्य उद्यम जैसे मशरूम, मधुमक्खी, मशरूम, बागवानी, सब्जी उत्पादन, नकदी फसल, चारा फसल, पशुपालन, मुर्गी-पालन व मत्सय पालन को शामिल करके कृषि में जोखिम को कम करने व लाभदायक व्यवसाय बनाने की सलाह दी। पशुपालन विभाग के चैयरमेन धर्मबीर मिर्जापुर ने भी सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी किसानों को दी।

मेले में दूसरे दिन मिलेट एक सुपर फूड और प्राकृतिक खेती विषय पर विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिसमें डॉ. हरिओम, डॉ. देवव्रत, डॉ. वीना सांगवान, डॉ. पम्मी और डॉ. उमेंद्र दत्त ने अपने-अपने विषयों पर जानकारी दी। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों व कृषि विभागों द्वारा ंलगाई गई स्टालों का मुख्य अतिथि सहित अन्य अधिकारियों ने अवलोकन भी किया। अंत में लक्की ड्रा द्वारा 4 किसानों को इनाम दिए गए, जिनमें प्रथम इनाम छोटा ट्रेक्टर फतेहाबाद निवासी बलजीत सिंह को प्रदान किया गया, द्वितीय इनाम लैंड लेवलर फतेहाबाद के गांव नादंड़ी निवासी हरविंदर, तृतीय पुरस्कार सुपर सीडर रोहतक के गांव साडेवाल निवासी राकेश कुमार व चौथा पुरस्कार पावर वीडर रेवाड़ी के गांव धाइना निवासी जयबीर को मिला। मेले के दूसरे दिन मुख्यातिथि कृषि मंत्री जेपी दलाल ने 6 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया, जिनमें नारनौल निवासी ब्राह्मप्रकाश, सोनीपत निवासी सुमित, फतेहाबाद निवासी जगजीवन, रेवाड़ी निवासी उदमीराम, पानीपत निवासी जितेंद्र और नूंह निवासी हनीफ शामिल है। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य व गीत गाकर किसानों का मनोरंजन किया।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के महानिदेशक डॉ. नरहरि बांगड़ ने धन्यवाद पारित किया। इस दौरान श्मशेर सिंह खरकड़ा, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बलवान सिंह मंडल, मेला अधिकारी मीतू धनखड़ व अन्य अधिकारी मंच पर उपस्थित रहे।