विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म पर वैज्ञानिकों द्वारा उगाई गई फसलों का भी किया अवलोकन।

हिसार : 9 अक्तूबर  – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय हरियाणा कृषि विकास मेला-2023 में आज दूसरे दिन भी किसानों की भारी गहमा-गहमी रही। मेले में दो दिन में हरियाणा सहित दिल्ली, पंजाब, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश राज्यों से करीब 1.41 लाख किसान शामिल हुए।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के अनुसार मेले के पहले दो दिन में किसानों ने करीब 1.64 करोड़ रुपये के  रबी फसलों व सब्जियों की उन्नत व सिफारिशशुदा किस्मों के प्रमाणित बीज तथा करीब 61 हज़ार रूपये के फलदार पौधे व सब्जियों के बीज खरीदें।

उल्लेखनीय है कि किसानों को आगामी रबी मौसम की फसलों व सब्जियों के बीज तथा फलों की नर्सरी उपलब्ध करवाने के लिए विश्वविद्यालय ने मेला स्थल पर सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बीज बिक्री की पर्याप्त व्यवस्था की थी। बीज के अलावा किसानों ने 1.55 लाख रुपये के जैव उर्वरक तथा 75 हज़ार रुपये का कृषि साहित्य भी खरीदा।

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि मेले में किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म का भ्रमण करवाकर उन्हें वैज्ञानिक विधि से उगाई गई फसलों के प्रदर्शन प्लॉट दिखाए जा रहे हैं तथा उन्हें जैविक खेती, खेती में प्राकृतिक संसाधन संरक्षण, कृषि उत्पादन व गुणवत्ता बढ़ाने व फसल लागत कम करने संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही है।

इस अवसर पर किसानों ने विश्वविद्यालय की ओर से मिट्टी व पानी जांच के लिए की गई व्यवस्था का भी लाभ उठाया और उन्होंने कुल 762 नमूने टैस्ट करवाए। इनके अतिरिक्त किसानों ने प्रश्रोत्तनरी सभाओं में भाग लेकर वैज्ञानिकों से कृषि व पशुपालन संबंधी अपनी समस्याओं एवं शंकाओं को दूर किया तथा उनके लिए आयोजित हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम में मनोरंजन किया।  

संयुक्त निदेशक विस्तार डॉ. कृष्ण कुमार यादव  ने बताया कि मेले में लगाई गई कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी किसानों के आकर्षण का विशेष केन्द्र रही। इस प्रदर्शनी में पिछले वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए 350 स्टॉल लगाए गए है। इन स्टॉलों पर विश्वविद्यालय तथा गैरसरकारी एजेसियों व मल्टीनैशनल कंपनियों द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी, मशीनें, यन्त्र आदि प्रदर्शित किए गए हैं, जिन पर किसानों की भारी भीड़ रही।

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