हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ड्रग तस्करों के ग्राम-आधारित डेटाबेस  एकत्र करनें में अग्रणी-मुख्य सचिव

चंडीगढ़, 9 अक्टूबर- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले से अधिसूचित छह एनडीपीएस फास्ट ट्रैक कोर्ट और एक संचालित फास्ट ट्रैक कोर्ट के अलावा चार अतिरिक्त एनडीपीएस फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना करने का कार्य  शुरू कर दिया है। ये अदालतें राज्य के अंदर एनडीपीएस मामलों के समाधान में बहुत तेजी लाएंगी, जिससे कानूनी कार्यवाही दक्षता में भी वृद्धि होगी।       

इसके अलावा, हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने राज्य के हर गांव में ड्रग तस्करों का एक व्यापक डेटाबेस बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया है। इस पहल से ड्रग तस्करी गतिविधियों की ट्रैकिंग और प्रभावी निस्तारण की सुविधा प्रदान होगी,  जिससे ब्यूरो के प्रयासों को और बढ़ावा मिलेगा तथा नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगेगा।

 केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एनसीओआरडी की छठी शीर्ष समिति की बैठक में वर्चुअल रूप से भाग लेने के बाद श्री कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए संस्थागत पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड की स्थापना की है। इसके अतिरिक्त उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए फोरेंसिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। इन उपायों में एफएसएल हरियाणा एनडीपीएस डिवीजन का उन्नयन रोहतक, गुरुग्राम, हिसार और पंचकूला में चार क्षेत्रीय फोरेंसिक लैब  में एनडीपीएस डिवीजनों की स्थापना करना शामिल है। इनमें से तीन आरएफएसएल में पहले से ही एनडीपीएस डिवीजन कार्यरत हैं और  पंचकुला में नए स्वीकृत स्टेशन पर कार्य जल्द ही शुरू होगा।       

हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों की वित्तीय जांच के संबंध में एक विस्तृत एसओपी तैयार कर प्रसारित की है। ब्यूरो ने निगरानी और विश्लेषण के लिए वर्ष 2000 से शुरू होने वाले एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के अध्याय वीए के प्रावधानों के तहत जब्त और जब्त की गई संपत्ति का एक डेटाबेस भी तैयार किया है।

श्री कौशल ने कहा कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली, पंचकूला  सहित उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में सघन समन्वय, निगरानी और सूचना साझा करने की सुविधा के लिए, एक “अंतर-राज्य ड्रग सचिवालय” स्थापित किया गया है।       

हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हरियाणा में एनडीपीएस अपराधों में आरोपी ड्रग तस्करों की प्रोफाइलिंग के लिए हॉक ( HAWK)  नामक एक समर्पित सॉफ्टवेयर विकसित कर इसका उपयोग किया जा  रहा है। यह सॉफ्टवेयर विभिन्न डेटा एनालिटिक्स सुविधाओं से लैस है और 2021 से उपयोग में है। उन्होंने कहा कि  इसमें सभी”कनेक्शन” सहित मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल प्रत्येक आरोपी व्यक्ति का विस्तृत प्रोफ़ाइल भी है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा  कार्यान्वित की जा रही राज्य कार्य योजना के माध्यम से हरियाणा ने पहले ही पांच स्तरीय तंत्र स्थापित कर लिया है। इस पांच स्तरीय तंत्र में मिशन टीमों के माध्यम से गांवों और वार्डों में स्थानीय स्तर से जानकारी एकत्र की जा रही है। इस उद्देश्य के लिए, “प्रयास” नामक एक एंड्रॉइड मोबाइल एप्लिकेशन तैयार कर लॉन्च किया गया है। मिशन टीमों को विभिन्न स्तरों पर फीड किया गया डेटा HSNCB कोर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हॉक (HAWK) पर होस्ट किया जाता है।       

प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए, एचएसएनसीबी ने विभिन्न पाठ्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया है, जिसमें 2020-2023 की अवधि में 35 पाठ्यक्रम आयोजित किए गए और 1,175 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने कहा ये पाठ्यक्रम एनडीपीएस अधिनियम के तहत जांच, संपत्ति कुर्की और राज्य कार्य योजना जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करते हैं।

 श्री कौशल ने कहा कि ब्यूरो नशीले पदार्थों से संबंधित मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को सशक्त बनाया जा रहा है। एएनटीएफ की स्थापना हरियाणा सरकार द्वारा की गई थी, और इसमें निहित शक्तियां और कार्य अच्छी तरह से परिभाषित हैं। एचएसएनसीबी को विभिन्न विभागों और एनसीओआरडी के बीच समन्वय प्रयासों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।       

श्री कौशल ने कहा कि एचएसएनसीबी नए साइकोएक्टिव पदार्थों (एनपीएस) की अधिसूचना के बारे में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को संवेदनशील बनाने और जमीनी सर्वेक्षण और विनाशक कार्यों पर फीडबैक रिपोर्ट प्रदान करने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। हालांकि एडीआरएन और बीआईएसएजी-एन द्वारा उत्पन्न उपग्रह इमेजरी के माध्यम से फीडबैक के संबंध में हरियाणा में कोई घटना दर्ज नहीं की गई है, लेकिन राज्य इसके लिए  पूर्ण रूप से सतर्क है।       

श्री कौशल ने कहा कि एचएसएनसीबी आवश्यकतानुसार ड्रग अपराधों की वित्तीय जांच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों, सलाहकारों और ईडी और एफआईयू जैसी एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है। जन जागरूकता कार्यक्रम  एचएसएनसीबी के प्रयासों का भी एक अभिन्न अंग हैं । ब्यूरो द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में 8,86,507  व्यक्ति भाग ले चुके हैं।

  बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी श्री ओ.पी. सिंह और पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

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