भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि ब्यान तभी कामयाब माना जाता है, जब वह सत्य पर आधारित हो। जिस पर मन में विचार आया कि वर्तमान राजीति आज जिस दिशा में जा रही है, वह केवल जनता को स्वप्न दिखा रही है। सत्य से कोसों दूर है। उसमें सभी दल आ जाते हैं, हरियाणा में कार्यरत सत्तारूढ़ भाजपा, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, अपने पैर पसार रही आप पार्टी, सत्ता में हिस्सा ले रही जजपा या चौ. देवीलाल के नाम पर चलने वाली इनेलो आदि शामिल हैं।

सर्वप्रथम हम बात करें जिसने ब्यान दिया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की तो वह कहते हैं कि हरियाणा में मोदी जी के आने से सारा गरीब तबका बहुत प्रसन्न है, किसान बहुत खुशहाल है, भाजपा ने पोर्टल से कार्यों में कार्यदक्षता दिखाई, हरियाणा में पर्ची-खर्ची नहीं है, भाजपा शहीदों का बहुत ध्यान रखती है। शहीदों के ध्यान के चलते ही वह काला पानी, खडख़डक़लां आदि स्थानों पर विचरण कर आए हैं। अनाम शहीदों को ढूंढकर भी श्रद्धांजलि दे रहे हैं आदि-आदि। अब इन ब्यानों के बारे में मैं सच और झूठ का निर्णय तो नहीं कर पाउंगा, यह पाठकों पर छोड़ता हंू कि वे मनन करें कि ये सत्य आधारित हैं और इनका असर जनता पर हो रहा है?

अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हरियाणा भाजपा द्वारा सेवा पखवाड़ा मनाया गया और धनखड़ जी का ब्यान है कि हमने उसमें बहुत सफलता प्राप्त की। मैं एक तारीख से ही धनखड़ जी से फोन कर यह जानने का प्रयास कर रहा हूं कि उन्होंने कौन-सी जनता की सेवा की। मुझे तो कोई व्यक्ति ऐसा मिला नहीं, जो भाजपा के इस सेवा पखवाड़े से लाभांवित हुआ हो।

इसी पखवाड़े में सफाई भी इनका लक्ष्य रहा और स्वयं धनखड़ जी ने अपने रूमाल से सफाई करके दिखाया। मैं पूछना चाहूंगा कि उनका निवास गुरुग्राम में है, गुरुग्राम में कितनी सफाई हुई। शहर से गुजरों तो हर किलोमीटर नहीं तो दो किलोमीटर पर कूड़े के खत्ते दिखाई दे जाएंगे।

अभी कल की ही बात है कि सफाईकर्मियों ने उनके विधायक सुधीर सिंगला जी के घर का घेराव किया। पर्यावरण संरक्षण विभाग के प्रमुख भी गुरुग्राम में ही निवास करते हैं। उन्होंने इस पखवाड़े में धनखड़ जी के निर्देशानुसार या बुद्धि से पर्यावरण के लिए क्या किया? गुरुग्राम का पर्यावरण बिगड़ा हुआ है, जिसका प्रमाण सरकार स्वयं दे रही है अनेक रोक लगाकर। वे पूछना चाहेंगे कि सडक़ों पर पड़े कूड़े और सडक़ों पर लगे जाम के बारे में भी सेवा पखवाड़े में कुछ किया? अनेक प्रश्न हैं, जो उनसे जानना चाहते थे लेकिन संपर्क होता नहीं। इसी प्रकार मोर्चे और विभाग भाजपा के हैं, जिनकी मीटिंग आज उन्होंने ली थी। क्या बता पाएंगे कि उन मोर्चों और विभागों ने क्या कार्य किए? क्या ये अलग-अलग करते हैं या कभी मिलकर भी काम करते हैं?

इसी प्रकार कांग्रेस की ओर देखो तो कांग्रेस भी अपने शासनकाल की बड़ाईयों के पुल बांधती नजर आती है और उनका दावा होता है कि आगामी सरकार हमारी होगी। पत्रकार का काम जो यह कहते हैं कि वो जनता तक पहुंचाना होता है और हमें ईमानदारी से वह बात पहुंचाने का प्रयास करते हैं। यह सोचने की बात नहीं है कि कांग्रेस जो खुद टुकड़ों में बंटी है, वह कैसे दावा कर रही है कि हम सत्ता में आएंगे?

आने वाले समय में वह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर देंगे, बिजली के बिल माफ कर देंगे, सिलेंडर सस्ता कर देंगे आदि जाने क्या-क्या सपने दिखाते रहते हैं लेकिन जनता को यह सोचना पड़ेगा कि ये जो सपने दिखा रहे हैं, ये इन पर कितना खरे उतरेंगे? और इनको पूरा करने के लिए पैसा कहां से लाएंगे। गरीब जनता को यह समझना होगा कि यह जो सौगात तय कर देते हैं, वह इनके ही खून-पसीने की कमाई है जो सरकार कर के रूप में वसूल करती है वही होती है।

अब आप पार्टी की ओर नजर डालें तो जिस देश की स्थिति यह है कि हर दस कोस पर भाषा और पानी बदल जाता है, वह हरियाणा में दिल्ली और पंजाब का उदाहरण देकर जनता को बड़े सुनहरे सपने दिखा रहे हैं, जबकि धरातल पर स्थिति यह है कि अभी से उनकी पार्टी में शामिल हुए व्यक्ति पार्टी छोडक़र जाने लगे हैं। स्थानीय परिस्थितियों को समझने-परखने वाले नेता का इस पार्टी में अभाव नजर आता है, क्योंकि पार्टी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ भी बोलना या विज्ञप्ति जारी करने से पहले हाईकमान से अनुमति लेनी आवश्यक है और सपना दिखा रहे हैं कि आगामी सरकार हमारी होगी। अब यह जनता को समझना है कि जो जनप्रतिनिधि उनकी स्थानीय समस्याओं को समझकर उनके समाधान के लिए त्वरित कार्य न कर सके वह उनका क्या भला करेगा?

इसी प्रकार सत्तारूढ़ जजपा की बात। सरकार के श्रेय तो वह लेते हैं लेकिन चुनाव अलग लडऩे की बात करते हैं। सत्ता बनाने के दावे करते हैं। 75 प्रतिशत हरियाणा के युवाओं को रोजगार देने के अनेक नारे दिए हैं, धरातल पर कौन-सा कितना सफल हुआ है, यह आप लोगों के विचारने की बात है लेकिन दावा उनका भी यही रहता है कि आगामी सरकार हमारी होगी और दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री होंगे। अब इन ब्यानों में कितनी सच्चाई है, यह आपको देखना है।

अब इनेलो की तरफ देखें तो उनके एकमात्र विधायक वर्तमान में हैं। पदयात्रा भी निकाली है और हर जगह यही दावा करते नजर आए हैं कि हमारे से बड़ा हरियाणा की जनता का शुभचिंतक और कोई नहीं। और आगामी सत्ता हमारी बनेगी और इस बात को सत्य सिद्ध करने के लिए अनेक लोक-लुभावन वायदे भी करते हैं। फिर वही बात आप सोचिए क्या यह संभव लगता है?

कहने को तो हमारे देश में प्रजातंत्र है अर्थात प्रजा ही सर्र्वोपरि है लेकिन प्रजा की बात कितनी सुनी और समझी जाती है, यह मेरे से अधिक आप लोग समझ सकते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में मैं यह कहना चाहूंगा कि प्रजा या आम आदमी को यह समझना होगा कि उसकी शक्ति को वह समझे। पांच साल बाद राजनैतिक दल आम आदमी को तरह-तरह के ब्यान देकर भ्रमाते हैं और साधारण आदमी उन ब्यानों से भ्रमित हो अपना वोट डाले देता है तो जनता को समझना होगा अपनी वोट की ताकत को।

आम आदमी अपनी रोजी-रोटी के चक्रव्यूह में ऐसा फंसा हुआ है कि उसे इन राजनैतिक हथकंडों की ओर ब्यान ध्यान देने का समय ही नहीं मिलता और इसी का लाभ राजनैतिक दल उठाते हैं। विचारनीय तथ्य यह है कि आप जिस व्यक्ति को वोट देने जाते हैं, क्या आपको विश्वास है कि वह व्यक्ति आपकी समस्याओं के लिए लड़ेगा? वर्तमान राजनीति में जो देखने में आ रहा है वह यह है कि एक व्यक्ति विशेष के कहने पर आपके उम्मीदवार बनए जाते हैं और आप भी उनके प्रभाव में आकर उन्हें वोट दे देते हैं और वह व्यक्ति वोट लेकर आपको भूल जिसने उसे उम्मीदवार बनाया था, उसके कथनानुसार चलता है।

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