– आईएमटी मानेसर के कम्युनिटी सेंटर सहित देश के 70 केंद्रों में कार्यक्रम का होगा सीधा प्रसारण
-गुरुग्राम में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी होंगे मुख्य अतिथि

गुरूग्राम, 16 सितंबर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के द्वारका स्थित कन्वेंशन सेंटर से आज दस्तकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन का गुरुग्राम सहित देश के 70 शहरों में सीधा प्रसारण होगा। केंद्रीय संसदीय कार्य कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी पीएम-विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ अवसर पर आज गुरुग्राम के मानेसर स्थित एचएसआईआईडीसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम का आयोजन प्रातः 10.30 बजे किया जाएगा।

डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों। पीएम-विश्वकर्मा योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। जिनमें सुनार, नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई बनाना, गुडि़य़ा व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकडऩे के जाल बनाने का काम शामिल है। इस योजना में विभिन्न व्यावसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना में कारीगर को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर 17 तारीख के बाद अपना पंजीकरण करवाना होगा।

पंजीकरण के बाद इन कारीगरों की जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। छोटे कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहले एक लाख रूपए का लोन दिया जाएगा। जिसको 18 महीनों में पांच प्रतिशत की ब्याज दर से चुकाया जाना है। बैंक ऋण की अदायगी के बाद इन कारीगरों को दोबारा ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। ट्रेनिंग में हर रोज 500 रूपए का स्टाइपेंड दिया जाएगा। तदोपरांत दो लाख रूपए का लोन मिलेगा, जिसकी अदायगी तीस माह में की जानी है। इस दौरान कारीगरों को बाजार से जोडऩे का भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना पांच साल के लिए है और पहले साल में देशभर के तीस लाख कारीगरों को इससे जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

error: Content is protected !!