बिजली निगम को दिए आदेश ………… उपभोक्ता को 24 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस की जाए जुर्माना राशि

गुडग़ांव, 14 सितम्बर (अशोक) : बिजली चोरी के मामले में निचली अदालत के दिए आदेश को बिजली निगम ने अपील के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालत ने अपील को खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए।

साउथ सिटी के उपभोक्ता रिटायर्ड कर्नल बलराम सिंह के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली निगम ने उपभोक्ता पर आरोप लगाया था कि उसके बिजली के मीटर की लैबोरेट्री में जांच की गई थी। जिसमें सील टैंपर्ड पाई गई थी और उस पर 27 अक्तूबर 2016 को बिजली चोरी के आरोप में एक लाख 17 हजार 774 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने कहीं बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस डर से पूरी जुर्माना राशि निगम के पास जमा कराकर अदालत में केस दायर कर दिया था। गत वर्ष सिविल जज हिमानी गिल की अदालत ने बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए उसे गलत पाया था और उपभोक्ता के हक में फैसला दे दिया था कि जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को किया जाए।

अधिवक्ता का कहना है कि बिजली निगम ने निचली अदालत के आदेश को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश  ने अपील की सुनवाई करते हुए जहां बिजली निगम की अपील को खारिज कर दिया और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता एक गणमान्य व्यक्ति है। बिजली निगम की इस कार्यवाही से उसकी समाज में बड़ी बदनामी हुई है और वह दिमागी तौर पर भी परेशान रहा है। उपभोक्ता बिजली निगम के खिलाफ मानहानि का मामला भी दायर करने की तैयारी में जुटा है और साथ ही अदालत में एग्जिक्यूशन भी दाखिल की है कि बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच कर उसको जुर्माना राशि ब्याज सहित दिलाई जाए।

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