बिजली निगम ने उपभोक्ता को नहीं  लौटाई ब्याज सहित जुर्माना राशि

गुडग़ांव, 18 अगस्त (अशोक) : बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर लगाए गए बिजली चोरी के मामले को अदालत ने गलत पाते हुए उपभोक्ता को आरोपों से मुक्त कर दिया था और बिजली निगम को आदेश दिया था कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई
जुर्माना राशि को 24 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस किया जाए, लेकिन बिजली निगम ने ऐसा नहीं किया।

उपभोक्ता की गुहार पर सिविल जज सौरभ शर्मा की अदालत ने 2 लाख 56 हजार 119 रुपए व 24 प्रतिशत ब्याज की धनराशि, जो 6 लाख 9 हजार 736 रुपए बनती है, इस धनराशि के लिए बिजली निगम का अकाउंट अटैच कर दिया है। अशोक विहार क्षेत्र की उपभोक्ता रोशनी देवी के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार 6 जून 2017 को उपभोक्ता का बिजली मीटर यह कहकर उतारा था कि मीटर से छेड़छाड़ की गई है और मीटर को बिजली निगम की लैबोरेट्री में टेस्ट करने के लिए भेजा गया था। उपभोक्ता पर बिजली निगम ने बिजली चोरी करने का आरोप लगाया था और 2 लाख 56 हजार 119 रुपए जुर्माना भी लगा दिया था। कहीं बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस डर से उपभोक्ता ने पूरी जुर्माना राशि जमा कर बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया था।

तत्कालीन सिविल जज सुमित्रा कादियान ने उपभोक्ता के हक में अपना फैसला सुनाया था और बिजली निगम को आदेश दिया था कि जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। बिजली निगम ने अदालत के फैसले के खिलाफ अपील कर दी थी, लेकिन अदालत ने बिजली निगम को इस मामले में कोई स्थगन आदेश नहीं दिया था। इस पर भी बिजली निगम ने उपभोक्ता को ब्याज सहित जुर्माना राशि नहीं लौटाई। जिस पर उपभोक्ता ने अदालत में एग्जिक्यूशन पिटिशन दायर कर दी थी और इसी पिटिशन पर ही अदालत ने बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच किया है।

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