तकनीकी सहायता देने के नाम पर विदेशी मूल के लोगों से ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़।
05 महिलाओं सहित कुल 12 आरोपी गिरफ्तार, कब्जा से 03 मोबाईल फोन, 10 लैपटॉप, 02 मॉडम व 56 हजार रुपयों की नगदी बरामद।

गुरुग्रामः 28 जुलाई 2023

अभियोग का संक्षिप्त विवरण व पुलिस कार्यवाही: दिनांक 27/28.07.2023 की रात को निरीक्षक जसवीर, प्रबंधक थाना साईबर पूर्व, गुरूग्राम की पुलिस टीम को अपने विश्वशनीय सूत्रों के माध्यम से एक सूचना मकान नंबर C-139, सुशांत लोक-3 सैक्टर-57, गुरुग्राम में अवैध/फर्जी तरीके से कॉल सैन्टर चलाकर विदेशी नागरिकों को Customer Service देने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए ठगी करने के सम्बन्ध में प्राप्त हुई।

उपरोक्त प्राप्त सूचना श्री विपिन अहलावत सहायक पुलिस आयुक्त साईबर अपराध, गुरुग्राम के निर्देशन में एक रेडिंग पुलिस टीम गठित की गई और उपरोक्त सूचना में बताए गए स्थान पर चलाए जा रहे कॉल सेंटर पर रेड़ की। रेड़ के दौरान उक्त कॉल सेंटर फर्जी/अवैध तरीके से संचालित होना तथा विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी करना पाया जाने पर 05 महिलाओं सहित कुल 12 आरोपियों को कॉल सेंटर से काबू किया गया, जिनकी पहचान हर्षित कश्यप, वरुण दुआ, मनमीत सिंह, राहुल सिंह, पीयूष, सुखमीत सिंह, पारस, शीतल रावत, प्रियंका रावत, ज्योति राय, सलोनी गुप्ता व जयंती राजपूत के रुप मे हुई। पुलिस द्वारा इस सम्बन्ध में आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120B IPC व 66, 66D, 75 IT Act. के तहत थाना साईबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम में अभियोग अंकित करके हर्षित कश्यप, मनमीत सिंह, वरुण दुआ, पारस, पीयूष, राहुल सिंह, सुखमीत सिंह, जयंती राजपूत, ज्योति राय, प्रियंका रावत, शीतल रावत व सलोनी गुप्ता को अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस पूछताछ: आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपी हर्षित कश्यप, वरुण दुआ व मनमीत सिंह कॉल सेंटर के संचालक व साझेदार हैं। ये अपने उपरोक्त साथियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर इस कॉल सैंटर को चलाते हैं। इन्होंने अपने उपरोक्त सभी कर्मचारियों को सेलरी व कमीशन पर रखा हुआ है।

कॉल सेंटर के मालिक/संचालकों से पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि ये जनवरी-2023 से अपने साथी आरोपियों के साथ मिलकर इस फर्जी कॉल सेंटर का संचालन कर रहा है। इन्होंने विदेशी मूल के नागरिकों को माइक्रोसॉफ्ट की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान देने के लिए वर्चुवल Virtual TFN No. लिए हुए है, जिन नम्बरों पर ये कॉल लैंड करवाते है तथा X-lite Dailer के माध्यम से आने वाली कॉल को ये रिसीव करते है, जिस ग्राहक को माइक्रोसॉफ्ट से संबंधित कोई असुविधा होती है तो वो इनके TFN No. पर Virtual कॉल करते है तो ये कॉलर से उनकी शिकायत पूछते है फिर कॉलर/कस्टमर इन्हें कोई असुविधा/समस्या बताता है तो ये खुद को उस कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर पहले उन्हें अपने विश्वास में लेते है और उनकी समस्या दूर करने के लिए Anydesk, Team Viewer, Ultra Viewer आदि एप्लिकेशन को माध्यम से उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते है, फिर ये वास्तविक/सही बात ना बताकर उनसे अन्य समस्याओं के बारे में बात करते है और उन्हें उनकी निजी जानकारी का हैकर्स द्वारा अकाउंट हैक करना, डिवाइस असुरक्षित, फाइनेंसियल इनफार्मेशन लीक व चाईल्ड पोर्नोग्राफी इत्यादि का रिस्क के बारे में बताते हुए उस समस्या को दूर करने के नाम पर ये कॉलर से छोटी अमाउंट 100-500 डॉलर की ठगी को गिफ्ट कार्ड के माध्यम से व बड़ी अमाउंट 3000-5000 डॉलर को ऑनलाइन वायर व बट्स के QR कोड के माध्यम से वॉलेट मे ट्रांसफर करवाकर ठगी करते है, जिसके लिए ब्लॉकर/वेंडर ने इन्हें अलग-अलग आईडी व बैंक अकाउंट व BTC वॉलेट दिए हुए है, जिनकी साहयता से ये कस्टमर से ठगी हुई राशि को USA के बैंक अकाउंट व BTC में डलवाता है व बाद मे ब्लॉकर के माध्यम से कैश करवाकर अपना हिस्सा प्राप्त कर लेता है।

बरामदगी: पुलिस टीम ने उपरोक्त आरोपियों द्वारा इस जालसाजी में प्रयोग किए जाने वाले 03 मोबाईल फोन, 10 लैपटॉप, 02 मॉडम व 56 हजार रुपयों की नगदी आरोपियों के कब्जा से बरामद की गई है।

आगामी कार्यवाही: आरोपियों को आगामी कार्यवाही के लिए माननीय अदालत के सम्मुख पेश किया जाएगा। अभियोग अनुसन्धानाधीन है।

फर्जी कॉल सेंटरों के विरूद्ध की गई कार्यवाही: गुरुग्राम पुलिस द्वारा फर्जी कॉल सेंटरों के खिलाफ नियमित रूप से कार्यवाही की जा रही है। बीते/पिछले 02 माह में गुरुग्राम पुलिस द्वारा कुल 06 फर्जी कॉल सेंटर्स का भण्डाफोड़ करते हुए 08 महिलाओं व 45 युवकों सहित कुल 53 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है तथा इनके कब्जा से कुल 52 लैपटॉप्स, 09 मॉडम्स, 24 हेडफोन्स, 10 लैपटॉप चार्जर्स, 31 मोबाईल फोन्स, 02 DVR डिवाईस तथा 02 लाख 23 हजार 200 रुपयों की नगदी बरामद की गई। गुरुग्राम पुलिस द्वारा 06 मामलों में पकड़े गए इन सभी 53 आरोपियों द्वारा फर्जी कॉल सेंटर्स चलाकर विदेशी मूल के लोगों को तकनीकी सेवा देने के नाम पर उनके साथ ठगी करने की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा था।