भारत सारथी/ कौशिक हरियाणा सरकार ने कुंवारों को पेंशन देने का फैसला किया है. लेकिन, ये पेंशन लेने के लिए पात्र कौन होंगे? सरकार ने नियम और शर्तें क्या लगाई हैं? आसान भाषा में कहें तो सरकारी पेंशन लेने से पहले कुंवारों को सौ बार सोचना पड़ेगा. चूंकि, सबसे पहले तो सरकार की कसौटी पर खरा उतरना ही बड़ी चुनौती है, उसके बाद अगर कोई जांच में अपात्र पाया जाता है तो उसे पेंशन का लाभ उठाना महंगा पड़ जाएगा. सरकार सूद समेत रकम वसूल करेगी. हरियाणा में सरकार के नियम और शर्तें चर्चा में हैं. फिलहाल, कहा जा रहा है कि सरकार की तरफ से कुंवारों को एक हाथ में लड्डू दिया जा रहा है तो गर्दन पर नियमों और शर्तों की तलवार भी रखी गई है. बता दें कि मनोहर लाल खट्टर सरकार ने हरियाणा में 1 जुलाई से कुंवारे लोगों के लिए 2750 रुपये प्रति माह पेंशन देने की योजना शुरू की है. इस संबंध में अब अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसमें नियम और शर्तों को फाइनल किया गया है. कुंवारों के लिए क्या नियम और शर्तें लगाईं? अगर किसी की शादी नहीं हुई और वो लिव-इन में रहता है तो पेंशन का हकदार नहीं होगा. अगर कोई तलाकशुदा है तो वो भी पेंशन के लिए पात्र नहीं होगा. अन्य पेंशन पाने वाला व्यक्ति भी इस योजना का लाभ पाने का हकदार नहीं होगा. अगर कोई कुंवारा है और बाद में उसकी शादी हो जाती है तो सरकार को सूचना देगी होगी. वरना एक्शन लिया जाएगा. पेंशन के लिए वही पात्र होंगे, जो अविवाहित हों. यानी अगर पेंशन पाना है तो शादी ना होना पहली शर्त है. जो लाभार्थी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता निदेशालय को सूचित किए बिना शादी करेंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा. ऐसे लोगों से पेंशन की पूरी धनराशि वसूल की जाएगी और 12 प्रतिशत ब्याज वसूलने का नियम बनाया है. – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग परिवार पहचान पत्र के आधार पर पेंशन पहचान पत्र तैयार करेगा. लाभार्थी की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. हरियाणा में कुंवारों को पेंशन मिलने की क्या है शर्त? सीएम खट्टर ने बताया लाभार्थी की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. लाभार्थी को अपना परिवार पहचान पत्र हर माह की 10 तारीख से पहले जमा करवाना होगा. एक पेंशन आईडी बनाई जाएगी और पेंशन राशि जारी करने से पहले लाभार्थी से सहमति ली जाएगी. पेंशन हर महीने की 7 तारीख को वितरित की जाएगी. इस पेंशन का लाभ उन विधुर को भी दिया जाएगा. जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है. लाभार्थी की आयु 60 वर्ष हो जाने के बाद पेंशन स्वतः ही वृद्धावस्था योजना में परिवर्तित हो जाएगी. हरियाणा में 70 हजार से ज्यादा लोग पेंशन योजना के पात्र बताते चलें कि हरियाणा में में 70687 अविवाहित या कुंवारे लोग हैं. इनमें से 5,687 विधुर हैं, जो नई पेंशन योजना के लिए पात्र होंगे. सरकार ने यह भी साफ किया है कि यह योजना विधवाओं के लिए उपलब्ध नहीं होगी. राज्य सरकार पहले से ही विधवा पेंशन योजना चलाती है. प्रत्येक लाभार्थी को 2750 रुपये की मासिक पेंशन से राज्य के खजाने पर 240 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक बोझ पड़ेगा. सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन की राशि भी बढ़ाई सरकार की इस योजना को विधानसभा चुनावों के साथ-साथ हरियाणा के खराब लिंग अनुपात में सुधार के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है. हरियाणा सरकार पहले से ही राज्य के वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडरों को पेंशन दे रही है. हाल ही में सीएम खट्टर ने वृद्धावस्था पेंशन में 250 रुपये की बढ़ोतरी की है. अब बुजुर्गों को हर माह 3,000 रुपये प्रति माह करने की भी घोषणा की. क्यों पेंशन दे रही है सरकार? हरियाणा में कुंवारों को पेंशन देने का काम क्यों किया जा रहा है? इससे जुड़ा एक किस्सा भी सामने आया था. एक 60 वर्षीय अविवाहित व्यक्ति ने सरकार से शिकायत की थी कि उसे पेंशन नहीं मिल रही है. माना जा रहा है कि खट्टर सरकार ने 45 से 60 आयु वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया है. Post navigation बेरोजगारी पर श्रम और रोजगार मंत्रालय के आंकड़ों से विपक्ष के आरोपों को मिला करारा जवाब नारनौल में गैंगस्टर पपला गुर्जर को 1 साल कैद, 2015 में दर्ज हत्या के केस में हो गया था फरार, गुरुग्राम जेल भेजा