विपक्षियों का भ्रामक प्रचार है हरियाणा में 36% बेरोजगारी दर का आंकड़ा
हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने तथ्यों के साथ विपक्षी नेताओं की खोली पोल

चण्डीगढ़, 21 जुलाई –  हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य ने कहा कि बेरोजगारी के मुद्दे पर झूठी बयानबाजी और घटिया राजनीति करने वाले नेताओं को श्रम और रोजगार मंत्रालय के आंकड़ों से करारा जवाब मिला है। इन आंकड़ों में हरियाणा में वर्ष 2021- 2022 में बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत बताई गई है जबकि विपक्षी नेता हरियाणा में कभी 30 तो कभी 36 प्रतिशत बेरोजगारी दर होने का दावा करते थे। इससे साफ है कि विपक्षी नेता गुमराह करने वाले आंकड़े जनता के सामने प्रस्तुत करते हैं लेकिन अब इन आंकड़ों की पोल खुल गई है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता जिस सीएमआईई एजेंसी का डेटा दिखाते थे अब साबित हो गया है कि उस संस्था द्वारा प्रदर्शित किए गए बेरोजगारी के आंकड़े आंकड़े पूर्णतः आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड ;सीएमआईईद्ध जैसाकि इसके नाम से स्वतः स्पष्ट हैए लाभ कमाने के लिए बनाई गई निजी स्वामित्व वाली कंपनी है। अतः इसे निष्पक्ष और पूर्वाग्रह से मुक्त नहीं कहा जा सकता। काल्पनिक आंकड़ों के आधार पर प्रदेश में रोजगार परिदृश्य की एक झूठी तस्वीर पेश करना कंपनी की आदत रही है।

श्री अमित आर्य ने कहा कि प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी पर श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी किया गया यह डेटा भी पूर्णत सटीक नहीं है क्योंकि बहुत से युवा अपनी क्षमता, शिक्षा या आकांक्षा के अनुरूप रोजगार में नहीं होते बल्कि अल्प रोजगार कर रहे होते हैं। ऐसे युवा भी कई बार सर्वे में स्वयं को बेरोजगार बता देते हैं जबकि असलियत में ये बेरोजगार ना होकर अल्प रोजगार में होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने परिवारों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, कौशल और रोजगार आदि स्थिति को जानने के लिए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) कार्यक्रम चलाया है। इसमें परिवारों द्वारा ही स्वघोषित व स्व प्रमाणित डेटा दिया गया है। इस डेटा के अनुसार प्रदेश में 18 से 60 साल तक की आयु के 8 लाख 17 हजार 72 लोग बेरोजगार हैं। प्रदेश में इस आयु वर्ग की जनसंख्या लगभग 1 करोड़ 41 लाख 18 हजार है। इन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी की दर लगभग 6 प्रतिशत बनती है। किसी भी विकसित भी प्रदेश में बेरोजगारी दर इसके बीच में ही रहती है। इसके अलावा रोजगार विभाग के पोर्टल पर भी 8 लाख 71 हजार प्रार्थियों ने रोजगार के लिए अपना पंजीकरण करवाया है। यह भी 6 प्रतिशत के आसपास ही बनता है।

2014 से 2023 तक प्रदेश में 1 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों दीं 41217 पदों पर भर्ती जारी

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश में बेरोजगारी हटाने के ठोस प्रयास किए हैं। न केवल सरकारी नौकरियां दी गई हैं बल्कि निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए युवाओं का कौशल विकास भी किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 2023 तक प्रदेश में 1 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नोकरी मिली है और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस वर्ष 60 हजार नौकरियां देने की घोषणा की है जिनमें से 41217 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। अगर इस आंकड़े की पिछली सरकारों से तुलना करें तो पता चलेगा कि वर्ष 2005 से 2014 तक केवल 86067 भर्तियां ही की गई थी। ऐसे में देखा जाए तो हरियाणा में पिछली सरकारों की अपेक्षा वर्तमान सरकार ने कहीं अधिक नौकरियां दी हैं। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत भी प्रदेश में 97265 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

निजी क्षेत्र में भी हरियाणा के युवाओं को हासिल हुआ रोजगार और स्वरोजगार

श्री अमित आर्य ने कहा कि निजी क्षेत्र में भी युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार हासिल हुआ है। वर्ष 2014 से अब तक उद्योगों में 12 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया हुए हैं। 16 लाख 85 हजार लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लाभ मिला है। वहीं प्रधानमंत्री स्वनिधि स्कीम के तहत 38 हजार युवाओं को रोजगार मिला है। सक्षम युवा योजना के जरिए 1 लाख 71 हजार सक्षम सारथी योजना के तहत 78 हजार अंत्योदय उत्थान मेलों के जरिए 34 हजार और रोजगार मेलों के जरिए 27 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। यही नहीं प्रदेश सरकार ने हरियाणा के युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण भी दिया है।  हरियाणा ना केवल प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर दे रहा है बल्कि पड़ोसी राज्यों के भी लाखों युवा यहां नौकरी करने आते हैं। एनसीआर में हरियाणा सहित कई प्रदेशों के युवा भी नौकरी कर रहे हैं।

वर्ष 2014 के बाद से कुल 33 लाख से अधिक युवाओं को मिला रोजगार और स्वरोजगार

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से कुल 33 लाख से अधिक युवा या तो निजी क्षेत्र में रोजगार में लगे हैं या फिर उन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर स्वरोजगार का रास्ता अपनाया है। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने बिना किसी योजना या सरकारी सहायता के अपना स्वरोजगार शुरू किया है। क्योंकि जब अर्थव्यवस्था बढ़ती है तो बहुत से अवसर पैदा होते हैं और लोग इन अवसरों का लाभ उठाते हुए अपना उपक्रम शुरू करते हैं।

राज्य की औद्योगिक प्रगति के कारण प्रदेश में बढ़े रोजगार के अवसर

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर की नीतियों के परिणामस्वरूप हरियाणा विकास पथ पर तेजी से अग्रसर है। यह आर्थिक क्षेत्र में हरियाणा की मजबूती का प्रतीक है कि प्रति व्यक्ति जीएसटी कलेक्शन में बड़े राज्यों में हरियाणा पहले स्थान पर है। अप्रैल 2022 से अप्रैल 2023 के बीच हरियाणा का प्रति व्यक्ति जीएसटी कलेक्शन 34186ण्61 रहा है। हरियाणा देश की आबादी का केवल 2% है लेकिन उसके बावजूद राज्य प्रति व्यक्ति जीएसटी कलेक्शन में हरियाणा देश के लिए एक मिसाल बनकर उभरा है जो स्वयं राज्य की औद्योगिक प्रगति के बारे में बताता है। औद्योगिक प्रगति के साथ.साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। ऐसे में प्रदेश में ना केवल सरकार के स्तर पर बल्कि प्राइवेट सेक्टर में भी रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।

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