12 जुलाई को चरखी दादरी में किरण चौधरी करेगी सत्याग्रह
13 जुलाई को गुरुग्राम फरीदाबाद में करेंगे मंथन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी
सन्तानों को राजनीतिक विरासत सौंपने को प्रयत्नशील राजनेता
नांगल चौधरी में किरण चौधरी ने कही गहरी बात
जिलों में भी कांग्रेसियों का अपनी डफली अपना राग, कैसे बनेगी सरकार

अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक विरोधी कहे जाने वाला खेमे के रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी सैलजा और किरण चौधरी की तिकड़ी ने प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों में शक्ति प्रदर्शन के साथ ही पार्टी की गुटबाजी ज्यादा बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल के प्रभाव वाले भिवानी क्षेत्र में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम कर जहां उनकी पुत्रवधू किरण चौधरी को सीधी चुनौती दी है, वहीं किरण चौधरी ने दक्षिण हरियाणा के नांगल चौधरी में सफल कार्यक्रम कर कांग्रेस हाईकमान को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि उनका प्रभाव भिवानी संसदीय क्षेत्र में आज भी है। इस रैली में उन्होंने एक गुड़ संदेश दे दिया कि यह कांग्रेस है जहां भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था और कुर्सी भूपेंद्र हुड्डा को मिली थी। अब उन्होंने चरखी दादरी में 12 जुलाई को सत्याग्रह करने का ऐलान किया है। कहने को तो यह सत्याग्रह राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के विरोध में किया जा रहा है, पर क्षेत्र में अपनी पकड़ रखने और अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए भी है।

भिवानी रैली को सफल बनाने के लिए भिवानी तथा महेंद्रगढ़ जिले के हुड्डा समर्थक कांग्रेसी जी तोड़ मेहनत कर रहे थे। भिवानी की रैली मैं लोहारू हल्के से राजवीर फरटिया समर्थकों की उपस्थिति चर्चा का विषय रही। 2 जिलों के कांग्रेसियों ने इस भीड़ को जुटाया वही खराब मौसम के बावजूद अपने ‘वजूद’ के दम पर नांगल चौधरी की सफल रैली कर किरण चौधरी ने ‘दबदबा’ दिखा दिया। किरण चौधरी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को को अप्रत्यक्ष रूप से कह दिया कि वह उन्हें कम आंकने की भूल ना करें।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हिसार क्षेत्र में कार्यक्रम कर राज्य में अपनी सक्रियता पूरी तरह से बढ़ा दी है, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने भी प्रदेश में अपने दौरे तेज कर दिए हैं। आने वाले दिनों में इन कांग्रेस दिग्गजों की गुटबाजी पूरी तरह से चरम पर दिखाई देगी। रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और कुमारी सैलजा की तिकड़ी ने भविष्य में अपने प्रमुख कार्यक्रम संयुक्त रूप से करने की कार्ययोजना बनाई है, ताकि तेजी से आगे बढ़ रहे हुड्डा गुट की राह में बाधाएं खड़ी की जा सकें।

कांग्रेस का विपक्ष आपके समक्ष

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने राजनीतिक अनुभव के चलते विरोधियों के अडंगे को लेकर खास चिंतित नहीं हैं। किरण चौधरी के तमाम विरोध के बावजूद हुड्डा के सांसद बेटे दीपेंद्र ने भिवानी संसदीय क्षेत्र में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम को सफल कर हाईकमान को यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य में हुड्डा के नेतृत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सका।

हुड्डा गुट तेजी से बना रहा जनाधार

हुड्डा भिवानी समेत आठ संसदीय क्षेत्रों में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं। कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया इन कार्यक्रमों पर अपनी मुहर लगा चुके हैं, लेकिन कुमारी सैलजा की नजर में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम कांग्रेस का नहीं, बल्कि हुड्डा गुट का है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान हालांकि सैलजा की सोच पर सवाल उठा चुके हैं, लेकिन उनकी सोच को यदि सही मान भी लिया जाए, तब भी हुड्डा गुट राज्य में बड़ी तेजी के साथ अपना जनाधार बढ़ाता जा रहा है।

अब हिसार व रोहतक संसदीय क्षेत्रों के दो कार्यक्रम बाकी बचे हैं, जो अगले माह होने के आसार हैं। इन कार्यक्रमों में चेहरा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं, लेकिन पूरे कार्यक्रम को दीपेंद्र हुड्डा ने डिजाइन किया है। हुड्डा के बढ़ते प्रभाव का ही असर है कि सुरजेवाला, किरण और सैलजा की तिकड़ी एक मंच पर आने को तैयार हो गई। हालांकि पूर्व में सैलजा व किरण की कभी नहीं बनी, लेकिन हुड्डा का रास्ता रोकने के लिए सैलजा व किरण ने सुरजेवाला को आगे कर चलने का निर्णय ले लिया है।

किरण व सैलजा सीएम पद का चेहरा बने रहना चाहते हैं

बड़प्पन में भी एजेंडा बेस राजनीति कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला का यह बड़प्पन है कि वे हुड्डा के विरुद्ध कोई भी विरोधी बयानबाजी नहीं करते, लेकिन यह भी सही है कि हुड्डा की तरह सुरजेवाला, किरण व सैलजा भी कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बने रहना चाहते हैं।

हुड्डा के यह तीनों विरोधी 30 जुलाई को एक बार फिर सिरसा संसदीय क्षेत्र में एक मंच पर इकट्ठा होने वाले हैं और उन्होंने सीएम सिटी करनाल में भी कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है। किरण चौधरी का मानना है कि हुड्डा समर्थक भले ही आंदोलन कर लें, लेकिन प्रदेश और कांग्रेस की राजनीति में उनकी तिकड़ी एजेंडा सेट करने के लिए सक्रिय हुई है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा की बढ़ती सक्रियता उनके इस एजेंडे पर किसी ग्रहण से कम नहीं हैं।

आपसी गुटबाजी लेकर बैठेगी कांग्रेस को

हरियाणा में शायद ही ऐसा कोई जिला हो जिसमें कांग्रेसियों में गुटबाजी ना हो समय-समय पर हुड्डा समर्थक व अन्य नेताओं से जुड़े कांग्रेसी अपना वर्चस्व दिखाने के लिए गुटबाजी का खुलकर प्रदर्शन करते हैं। हाल ही में चार-पांच जुलाई को कनीना में पूर्व सीपीएस अनीता यादव व पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह का प्रदर्शन किसका जीता जागता उदाहरण है।

सिंहासन वारिसों को सौंपने की तैयारी

हरियाणा में कांग्रेस से जुड़े छोटे से छोटा और बड़ा से बड़ा नेता कुछ अपराधियों को छोड़कर अपनी संतानों को अपनी विरासत सौंपने में जुड़ा हुआ है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए जहां कांग्रेस को खोखला किया और एक दर्जन से अधिक नेताओं को कांग्रेस छोड़ने पर विवश किया। उनकी राह में कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा किरण चौधरी मजबूती से रुकावट बने हुए है।

दीपक बावरिया क्या फूट खत्म कर बना पाएंगे सरकार

हरियाणा के नए प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया नए पद ग्रहण करने के बाद दावा किया था कि वह हरियाणा कांग्रेस में एकजुटता लेकर आएंगे। उन्होंने गुटबाजी का शिकार कांग्रेस को मजबूत कर नई पहचान देने का दावा किया था। उनके प्रयास कुछ सिरे चढ़ते दिखाई दे रहे हैं की राजनेता एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी नहीं कर रहे। चंडीगढ़ में दो दिवसीय बैठक के बाद असर कुछ दिखाई दे रहा है। आगामी 13 जुलाई को दीपक बावरिया गुरु ग्राम तथा फरीदाबाद में कांग्रेसियों सिर्फ एक बार फिर रूबरू होने जा रहे हैं।