-कमलेश भारतीय

इनेलो के विधायक व राष्ट्रीय महासचिव अभय चौटाला की परिवर्तन यात्रा इन दिनों नरवाना विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पहुंच चुकी है । आमतौर पर एक दिन में औसत बीस किलोमीटर की पदयात्रा करते हैं और इस बीच लोगों से रूबरू होते हैं । कहीं कहीं चलते चलते संवाद भी , विचार विमर्श भी और फीडबैक भी ! फोटोज , सेल्फी भी ।इसी बीच भाषण का नया तेवर और फ्लेवर तैयार हो जाता है । हर जनसभा में नयी एडिशन लेकिन अंत परिवर्तन करो के मंत्र के साथ ! वैसे बास, नारनौंद, खरड, नेपेवाल और अन्य गांवों में परिवर्तन यात्रा रैलियों में बदलती गयी जिससे इसके लोगों में असर के संकेत मिल रहे हैं । जनसभा को घरों के बाहर या ऊपर खड़े होकर भी महिलायें घूंघट निकाले सुनती दिखाई देती हैं । कुछ युवतियां लाइव कवरेज कर रही होती हैं । युवा हरे झंडे उठाये चल रहे होते हैं ।

कल भी प्रदीप बाजिया , विनोद कस्बां और भूपेंद्र पानू शाम के समय ले चले । लगभग डेढ़ घंटे बाद हम कोयल गांव पहुंचे । राजकीय विद्यालय के प्रांगण में जनसभा चल रही थी । इन दिनों अभय चौटाला की धर्मपत्नी कांता चौटाला भी मंच पर दिखाई देने लगी हैं । पहले बहूरानी सुनयना भी आ रही हैं । कांता चौटाला से पूछा कि कब से परिवर्तन यात्रा में शामिल हुई हैं ? उन्होंने बताया कि मेवात के पहले दिन गयी थीं और कुछ दिन साथ चलीं । अब फिर से आई हैं । बेटा कर्ण चौटाला भी मिला जो आमतौर पर अगली यात्रा की तैयारियों में पर्दे के पीछे लगा रहता है । इन दिनों देख रहा हूं कि पटाखे व आतिशबाजी भी अभय चौटाला के आगमन पर शामिल हो गये हैं और हरे लड्डुओं से तौलने का काम भी ! एक सवाल हर जनसभा में जरूर पूछते हैं कि जजपा का कोई वर्कर बच रहा है या नहीं ? खैर । जैसे ही जनसभा का संबोधन खत्म होता है मुझे अपनी गाड़ी में बुला लेते हैं अभय चौटाला । गाड़ी में पहले से ही उमेद लोहान भी मौजूद हैं । वे इशारे में कहते हैं कि अगले गांव तक सवाल कर लीजिये ! इस तरह सवालों का सिलसिला शुरू :

-कांग्रेस में एक नया गुट उभर कर आया है -रणदीप, सैलजा और किरण चौधरी । क्या कहेंगे ?
-असल में कांग्रेस में अपने अपने वर्चस्व की लड़ाई में यह गुट उभरा है । कांग्रेस नेता लोगों में या लोगों की लड़ाई लड़ने की बजाय आपस में ही उलझ रहे हैं ।

-नवनिर्वाचित सरपंचों के साथ सरकार के रिश्तों पर क्या राय है ?
-सरकार से सरपंच नाखुश हैं । पांच लाख की पाॅवर की बात भी लिखित नहीं कहीं भी ! फिर सरपंच क्या करें ! सरकार भी पोर्टल में सबको उलझा रही है । अभी देखिये खाद भी पोर्टल पर बतानी होगी ! यह कैसा मज़ाक है किसानों के साथ ?

-हरियाणवी फिल्म देखते हो ?
-नहीं !

-फिर फिल्म नीति पर क्या कहोगे ?
-सरकार की हर नीति सिर्फ दिखाने की नीति है ।

-अब सिर्फ एक शब्द की पहेली ?
-पूछो ।

-भ्रष्टाचार ?
-सारे रिकार्ड तोड़ दिये इस भाजपा जजपा सरकार ने ! जिस अधिकारी के भ्रष्टाचार की पोल खुलती है उसे सरकार प्रमोशन देती है । यह है कमाल !

-शिक्षा ?
-पांच हजार स्कूल बंद कर दिये । खरड़ में बताया लोगों ने कि इग्लिंश और साइंस के टीचर नहीं जबकि यह बीस हजार की आबादी का गांव है ।

-पेंशन ?
-पाच लाख लोगों की पेंशन काट दी ! एक साल से पेंशन नहीं आई जो बता रहे हैं !

-जनस॔वाद ?
-कैसा जनसंवाद ? नौ साल तक कहां रहे ?

इस तरह कुछ पहेलीनुमा सवाल कर मैं विदा लेता हूं

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