सरकार को चेतावनी : यह जमीन किसी के बाप की नहीं किसानों की ,किसानों का मन होगा तो देंगे जमीन~ जयहिंद
आजादी से पहले के कानून को ढाल बनाकर जमीन हड़प रही सरकार – जयहिंद
अंग्रेजों के काले कानून किसानों पर थोप रही सरकार, बर्दाश्त से बाहर ~जयहिंद
36 बिरादरी का किसानों को समर्थन
विधायक व सांसद कमजोर, इसलिए नहीं उठी आवाज, अगर मांग उठाएं तो सरकार की क्या मजाल जमीन छीन ले : जयहिंद

रौनक शर्मा

गुरुग्राम – किसानों द्वारा 1810 एकड़ की जमीन के भूमि अधिग्रहण को रद्द करवाने के लिए आज मानेसर में किसान आमरण अनशन पर बैठ गए। किसानों के समर्थन में नवीन जयहिन्द पहुंचे।

जहां नवीन जयहिंद ने सरकार को ललकारते हुए चेतावनी दी कि यह जमीन किसी के बाप की नहीं किसानों की है। किसान अपनी मर्जी से चाहेगा तो जमीन देगा।

साथ ही स्थानीय विधायक व सांसद सहित नेताओं को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वे कमजोर हैं, इसलिए यह सब हो रहा है।

किसानों पर अंग्रेजों के जमाने के काले कानून थोपना बर्दाश्त से बाहर है। आजादी के पहले के कानून को ढाल बनाकर किसानों की जमीन हड़पना चाहती है। इससे पहले किसानों ने सरकार व प्रशासन को 2 बजे तक का समय दिया था जिसके बाद सरकार व प्रशासन की तरफ से ऐडीसी पहुंचे, लेकिन ऐडीसी के जवाबो से किसान संतुष्ट नहीं हुए।

नवीन जयहिन्द ने कहा कि ये जमीन किसी के बाप की जमीन नही, ये जमीन किसानों की हैं और 36 बिरादरी की जमीन हैं। अगर किसानों का मन करेगा तो सरकार को जमीन देगे ओर किसानों का मन नही करेगा तो किसान सरकार को जमीन नही देगे। सरकार को किसानों के साथ दबाव की राजनीति नही करनी चाहिए।

जयहिन्द ने कहा कि देश 1947 मे आजाद हो चुका हैं और अंग्रेज देश को छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन खट्टर सरकार किसानों के भूमि अधिग्रहण के लिए 1894 के कानून को ढाल बनांकर किसानों से जमीन हड़पना चाहती हैं, जो कि न्याय संगत नही हैं।

जयहिन्द ने कहा कि अंग्रेजो के काले कानून किसानों पर थोपना गलत हैं और 36 बिरादरी किसानो के साथ हैं।

जयहिन्द ने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि जिस इलाके में आप रहते हो ये इलाका वीरों की भूमि रहा हैं, यहां के लोग उन्ही वीरों की संतानें हैं। लेकिन यहां के नेता, विधायक, ओर सांसद कमजोर हैं जो किसानों की आवाज नही उठा रहे। अगर विधायक और सांसद किसानों की आवाज उठाएं तो सरकार की इतनी हिम्मत नही हैं कि वो किसानों की जमीन किसानों से छीन ले।

सीएम का सपना देखने वाले सांसद, जनता की जमीन की तरफ भी देख लें – जयहिन्द

जयहिन्द ने बताया की यहां से जो सांसद है उन्हें मुख़्यमंत्री बनने के इलावा कुछ दिखाई नहीं देता। यहां तक की वो सपना भी मुख्यमंत्री बनने का देखते है, जबकि उन्हें जनता की तरफ देखने चाहिए और उनकी समस्याओ का समाधान करना चाहिए। साथ ही जयहिन्द ने कहा की यहां दफ्तरों पर ताला लगाने से कोई फायदा नहीं है, अगर ताला लगाना ही है तो यहां के सांसद के घर लगाना चाहिए। ताकि उन्हें किसानो की समस्या दिखाई दे।

किसान कलयुगी कंस का नाश करने के लिए हथियार उठा ले ~ जयहिंद

जयहिन्द ने किसानों को यदुवंशी भगवान कृष्ण से प्रेरणा लेने की बात कही और वर्तमान में इन कलयुग के कंस का नाश करने के लिए एक आवाज बनकर लड़ने की बात कही अगर मिलकर इस कंस की सरकार से लड़ाई नही लड़ सकते तो यदुवंशी भगवान श्री कृष्ण का नाम लेने का कोई फायदा नही हैं, क्योकि भगवान श्री कृष्ण ने अपना सुदर्शन चक्कर कंस का वध करने के लिए उठाया था और अब कलयुग के इस कंस को खत्म करने के लिए ओर अपने हक के लिए सभी किसान अपने अपने हथियार उठा लो हमे किसी से लड़ना नही हैं, लेकिन अपने हक के लिए पीछे भी नही हटना हैं। अपने हक की लड़ाई लड़ते हुए प्राण भी चले जाएं लेकिन हक की लड़ाई में पीछे नही हटना चाहिए।

जयहिंद ने किसानों को पहरावर की जमीन का दिया उदहारण

नवीन जयहिन्द ने किसानों को पहरावर गांव में स्थित गौड़ संस्था की जमीन का उदहारण देते हुए बताया कि सरकार द्वारा ब्राह्मणों की 16 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, लेकिन समाज की 36 बिरादरी ने मिलकर सरकार से उस जमीन को फरसे के दम पर वापिस छीन लिया जबकि ये गुरुग्राम की जमीन तो 1810 एकड़ हैं जिसे किसी भी कीमत पर सरकार के हवाले नही किया जाएगा।

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